शुक्रवार, अक्तूबर 16

blood group की कहानी

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एबीओ रक्त समूह (ABO blood group system)

एबीओ रक्त समूह (ABO blood group) की खोज 1900 में लेडस्टीनर (Landsteiner) के द्वारा की गई थी। 

लेडस्टीनर ने अपने कुछ सहयोगियों से रक्त प्राप्त किया और उस रक्त में से सीरम और कोशिकाओं के भाग को अलग किया और इन कोशिकाओं को दूसरे के सीरम के साथ मिलाकर चार प्रकार के रक्त समूह की खोज की, जिसमें मुख्य रूप से दो एंटीजन (antigen) का  पता लगाया। 

इन एंटीजन को उन्होंने अंग्रेजी भाषा के अक्षर ए (A) और बी (B) से नाम दिया। यह एंटीजन लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की कोशिका भित्ति (Cell Wall) पर पाया जाता है।

blood-group

एंटीजन के आधार पर रक्त के प्रकार

जिस व्यक्ति के रक्त में A एंटीजन पाया जाता है तो उसे ए  रक्त समूह (A blood Group)  नाम दिया गया।

जिस व्यक्ति के रक्त में B एंटीजन पाया जाता है तो उसे बी रक्त समूह (B blood Group)   नाम दिया गया।

यदि किसी व्यक्ति के रक्त में A और B दोनों एंटीजन पाए जाते हैं तो उसे एबी रक्त समूह (AB

blood Group) कहा जाता है।

यदि व्यक्ति में दोनों ही एंटीजन नहीं पाए जाते हैं या अनुपस्थित होते हैं तो उसे जीरो (0) एंटीजन वाला यानी '' (O) रक्त समूह में शामिल किया गया। 

एंटीजन लाल रक्त कणिका पर होता है। इस एंटीजन के आधार पर मानव के रक्त के प्रकार (blood types) को चार भागों में बांटा जा सकता है।


 

एंटीजन का प्रकार

रक्त का प्रकार 

1

A

A

2

B

B

3

A, B

AB

4

0

O


एक सामान्य सा सिद्धांत है कि यदि किसी व्यक्ति में कोई एंटीजन प्रवेश करता है तो उसके विरुद्ध शरीर में उसी प्रकार की एंटीबॉडी (antibody) बन जाती हैं।

यह उस एंटीजन के विरुद्ध रक्षा के लिए बनती हैं जिन्हें इम्यून एंटीबॉडी (immune antibody) कहा जाता है। जबकि कुछ एंटीबॉडी जन्मजात हमारे शरीर में पाई जाती हैं जिन्हें प्राकृतिक एंटीबॉडी (natural antibody) कहा जाता हैं। 

लाल रक्त कणिकाओं  के विरुद्ध ऐसी ही एंटीबाडी पाई जाती हैं जो प्राकृतिक होती हैं जिन्हें ए एंटीबाडी  (Anti-A) और बी एंटीबॉडी (Anti-B) कहा जाता है।

सामान्य रूप मे एंटीजन और एंटीबॉडी दोनों एक साथ स्वतंत्र रूप से नही पाई जाती हैं। जैसे ए रक्त समूह (A blood Group) वाले व्यक्ति में  ए एंटीबॉडी (Anti-A)  नहीं पाई जाएगी। 

वही बी रक्त समूह (B blood Group) वाले व्यक्ति में बी एंटीबॉडी (Anti-B) नहीं पाई जाएगी। इस आधार पर ए रक्त समूह वाले व्यक्ति में B एंटीबॉडी पाई जाती है और B रक्त समूह वाले व्यक्ति में A एंटीबॉडी पाई जाती है। 

AB रक्त समूह वाले व्यक्ति में चूंकि दोनों एंटीजन पाए जाते हैं, इस कारण इन दोनों एंटीबॉडी का अभाव होता है। वहीं O रक्त समूह वाले व्यक्ति में कोई एंटीजन नहीं होने के कारण दोनों प्रकार की एंटीबॉडी उपस्थित होती है। 

एंटीबॉडी की उपस्थिति रक्त के तरल भाग सिरम में पाई जाती है।

               ABO-BLOOD-GROUP

रक्त का प्रकार   

उपस्थित एंटीबाडी

एंटीबॉडी नहीं हो सकती

A

Anti-B

Anti-A

B

Anti-A

Anti-B

AB

कोई एंटीबाडी नहीं

Anti-A और Anti-B दोनों

O

Anti-A और Anti-B दोनों

-


यदि किसी व्यक्ति में उसके रक्त समूह (Blood Group) के विपरीत रक्त समूह वाला रक्त चढ़ा दिया जाता है तो उसके विरुद्ध मौजूद एंटीबॉडी एंटीजन से क्रिया करती है जिसे अगलूटिनेशन Agglutination  के रूप में देखा जाता है। 

अगलूटिनेशन (Agglutination) का अर्थ है कि रक्त दूध की भांति फट जाता है जिसे आप नीचे देख सकते हैं। ऐसा होने से लाल रक्त कणिकाएं टूट जाती हैं जिसे hemolysis कहा जाता है।


                                            BLOOD-GROUP-TYPES


उदाहरण के लिए यदि ए रक्त समूह (A blood Group) वाले व्यक्ति में बी रक्त समूह (B blood Group) वाले व्यक्ति का रक्त चढ़ा दिया जाता है तो बी रक्त समूह (B blood Group) में मौजूद  एंटीबॉडी (anti A)  ए रक्त समूह (A blood Group) वाले व्यक्ति के एन्टीजन के साथ क्रिया करके अगलूटिनेशन (Agglutination) प्रदर्शित करता है।


blood-Group

इस कारण A ग्रुप वाले व्यक्ति को A ग्रुप वाला रक्त चढ़ाया जाता है और बी रक्त समूह वाले व्यक्ति को बी रक्त समूह वाला रक्त चढ़ाया जाता है और ऐसी तरह AB और O में भी ऐसा ही होता है।

A blood Group

B blood Group

A antigen

B antigen

Anti-B

Anti-B

अब दो और तथ्य हमारे सामने आते हैं जिसे सार्वत्रिक दाता (Universal donor blood group) एवं सर्वग्राही (Universal acceptor blood group) कहा जाता है।

 

कौन सा रक्त समूह सार्वभौमिक दाता है (Which blood group is universal donor?)

'ओ' रक्त समूह वाले व्यक्ति को सार्वत्रिक दाता (Universal Donor) कहा जाता है क्योंकि ओ रक्त समूह वाले व्यक्ति में कोई भी एंटीजन नहीं पाया जाता है जो लाल रक्त कणिका पर होता है।

यदि किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति में ओ रक्त समूह वाले व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाता है तो प्राप्तकर्ता व्यक्ति के रक्त में भले ही कोई भी एंटीबॉडी हो वह ओ रक्त समूह के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा क्योंकि इसमें दोनों ही एंटीजन का अभाव है जो प्रतिक्रिया कर सकता हैं। 

ध्यान रहे कि व्यक्ति को लाल रक्त कणिका ही दी जाती है जिसे packed cells कहा जाता है। यदि संपूर्ण रक्त (whole blood) किसी व्यक्ति में चढ़ाया जाता है तो इसे सार्वत्रिक दाता नहीं कहा जाएगा क्योंकि उसके रक्त में एंटीजन का तो अभाव है किंतु एंटीबॉडी मौजूद है जोकि दूसरे रक्त समूह के एंटीजन के साथ क्रिया करके ऐगलूटिनेशन करने के लिए पर्याप्त है।

 

कौन सा रक्त समूह सर्वग्राही है? (Which blood group is Universal acceptor?)

एबी रक्त समूह (AB blood Group) वाले व्यक्ति को सर्वग्राही या यूनिवर्सल रिसेप्टर  (Universal receptor) कहा जाता है, क्योंकि इसके रक्त में दोनों एंटीजन मौजूद है जबकि कोई एंटीबॉडी मौजूद नहीं है। इसलिए यदि इसको ए रक्त समूह वाला रक्त या बी रक्त समूह वाला रक्त चढ़ाया जाता है तो एबी रक्त समूह  में एंटीबॉडी की अनुपस्थिति में कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं हो पाएगी।


बॉम्बे ब्लड ग्रुप (Bombay blood group)

एक अन्य प्रकार का रक्त समूह किसे बॉम्बे रक्त समूह कहा जाता है। इसमें  ए,  बी और H एंटीजन का अभाव होता है। (सामान्यतः H एंटीजन सभी प्रकार के रक्त समूह में पाया जाता है जिसमें  O भी शामिल है) किंतु एंटीबॉडी (Anti- H) पाया जाता है। 

जब किसी बॉम्बे ओ रक्त समूह  वाले व्यक्ति में ओ रक्त समूह  वाला रक्त चढ़ाया जाता है तो ओ रक्त समूह  वाले व्यक्ति का एच एंटीजन बॉम्बे ओ रक्त समूह वाले व्यक्ति में पाए जाने वाले anti-H से क्रिया करके अग्लूटीनेशन देता है।


bombay-blood-group


आरएच रक्त समूह (rh blood group)

आरएच रक्त समूह सिस्टम (rh blood group system) ए, बी, ओ रक्त समूह सिस्टम के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण रक्त समूह सिस्टम  है। 

कई मामलों में देखने में आया कि यदि किसी व्यक्ति को समान रक्त भी चढ़ाया जाता tha तो उसकी मृत्यु हो जाती थी इस संदर्भ में लेडस्टिनर ने विनर के साथ मिलकर 1940 में एक और रक्त समूह (Blood Group) सिस्टम को खोजा और इसको समझाया। लेडस्टिनर और विनर (Landsteiner and Weiner) ने रिसस बंदर (Rhesus monkey) की लाल रक्त कणिकाओं को लेकर एक खरगोश में ट्रांसफर किया जिससे खरगोश में उसके विरुद्ध एंटीबॉडी बन गई

यह एंटीबॉडी रीसस बंदर के लाल रक्त कणिका कोशिकाओं और अधिकतर मानव के लाल रक्त कणिकाओं को भी को अग्लूटीनेशन करने में सक्षम रहा। इस एंटीबॉडी को एंटी आरएच (Anti-Rh) कहा जाता है। Rh (Rh)esus से लिया गया है। 

जो लाल रक्त कणिकाएं, खरगोश द्वारा पैदा की गई एंटीबॉडी द्वारा अग्लूटीनेट हो जाती है उसे आरएच पॉजिटिव सेल कहा गया। और यह मानव में 80 फ़ीसदी से ज्यादा पाई जाती है और जो लाल रक्त कणिकाएं इस सिरम द्वारा अग्लूटीनेट नहीं हो पाती है उसे आरएच नेगेटिव सेल के रूप में जाना जाता है।

इस आधार पर 4 रक्त समूह आठ रक्त समूह में विभाजित हो गए।

1.    A Positive blood group या A+ blood group


A Positive blood group
   

2. 2. A Negative blood group या A- blood group

   


3. B positive blood group या B+ blood group                                                                    

B Positive blood group

4.    B Negative blood group या B- blood group

B Negative blood group


5.    AB Positive blood group या AB+ blood group

AB Positive blood group


6.    AB Negative blood group या AB- blood group


AB Negative blood group


7.    O Positive blood group या O+ blood group

O Positive blood group

8.    O Negative blood group या O- blood group


O Negative blood group

Blood group list       

1

A

Positive

2

A

Negative

3

B

Positive

4

B

Negative

5

AB

Positive

6

AB

Negative

7

O

Positive

8

O

Negative

 

ब्लड ग्रुप टेस्ट (Blood group test)

ब्लड ग्रुप टेस्ट करने के लिए रक्त के साथ साथ एंटी सीरा को उपयोग में लिया जाता है यह blood ग्रुप टेस्ट किट के रूप में बाजार में मिलती है इसमे मुख्य रूप से तीन सीरा का प्रयोग में लिया जाता है पहला एंटीसीरा A, दूसरा एंटी सीरा B जबकि तीसरा एंटी D के नाम से जाना जाता है। anti D से Rh टाइप या नेगेटिव या पॉजिटिव का पता लगाया जाता है


टेस्ट करने के लिए कांच की स्लाइड पर रक्त की तीन बूंद ली जाती है अब इस बूंद के साथ एक-एक बूंद anti A, anti B और anti D को डालकर मिलाया जाता है और अगलूटिनेशन (Agglutination) को देखकर रक्त के प्रकार का पता लगाया जा सकता है। जैसा आप ऊपर blood group के प्रकार में देख रहे हैं।




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