एचसीवी टेस्ट (hcv test in hindi)
हेपेटाइटिस
सी क्या है? (What is
hepatitis C)
हेपेटाइटिस
एक वायरस है जो एक यकृत संक्रमण का प्रमुख कारण है। इनको अंग्रेजी के अक्षरों के
आधार पर A,B,C,D और E में वर्गीकृत किया गया है। इसी में एक वायरस हेपेटाइटिस
सी (hepatitis
C) है जो गंभीर यकृत
क्षति का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस सी वायरस एक RNA वायरस है। वायरस एक
संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शरीर के तरल पदार्थ से फैलता है। हेपेटाइटिस सी वायरस या एचसीवी (HCV)
के कई रूप हैं।
हेपेटाइटिस सी के स्टेप
हेपेटाइटिस
सी वायरस विभिन्न तरीकों से लोगों को प्रभावित करता है और इसके कई चरण होते हैं:
A. इन्क्यूबेशन अवधि (Incubation period)
यह बीमारी की शुरुआत के पहले जोखिम के बीच का समय है। यह 14 से 80 दिनों तक हो सकता है, लेकिन औसत 45 दिन है। इस अवधि में किया गया टेस्ट नेगेटिव हो सकता है भले ही व्यक्ति में हेपेटाइटिस सी का संक्रमण हो गया हो।
B. एक्यूट हेपेटाइटिस सी (Acute hepatitis C)
यह एक अल्पकालिक बीमारी है जो शरीर में वायरस के प्रवेश के बाद पहले 6 महीनों तक रहती है। संक्रमित व्यक्तियों में से लगभग एक तिहाई को किसी भी उपचार के बिना संक्रमण के 6 महीने के भीतर वायरस साफ हो जाता है, अर्थात कुछ व्यक्ति अपने आप ही वायरस से छुटकारा पा लेंते है। और कुछ व्यक्तियों में क्रोनिक हेपेटाइटिस हो जाता है।
C. क्रोनिक हेपेटाइटिस सी (chronic hepatitis C)
यदि शरीर 6 महीने के बाद अपने आप वायरस को साफ नहीं करता है, तो यह एक दीर्घकालिक संक्रमण बन जाता है। इससे लीवर कैंसर या सिरोसिस जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हेपेटाइटिस सी कैसे फैलता है?
जब
हेपेटाइटिस सी वायरस से दूषित रक्त या तरल पदार्थ किसी भी माध्यम से अन्य व्यक्ति
के रक्तप्रवाह में पहुंच जाता है तो हेपेटाइटिस सी का संक्रमण संभव है। वे माध्यम
है-
- संक्रमित इंजेक्शन या सुइयों को साझा करना
- यौन व्यवहार से (खासकर यदि एसटीडी, एचआईवी संक्रमण हो)
- जन्मजात (एक माँ से बच्चे को)
- टूथब्रश, रेजर ब्लेड और नाखून कतरनी जैसी वस्तुओं को साझा करना
- संक्रमित उपकरण से गोदना या छेदना
- चिकित्सा उपकरणों को बिना विसंक्रमित किये पुनः उपयोग
- रक्त और रक्त उत्पाद
हेपेटाइटिस सी किससे नहीं फैलता है-
- स्तनपान
(जब तक निपल्स फटा और रक्तस्राव न हो),
- आकस्मिक
संपर्क,
- खाँसना छींकना, गले मिलना या हाथ मिलाना,
- मच्छर के काटने से
- खाने के बर्तन या खाना/पीना साझा करना
हेपेटाइटिस सी के लक्षण क्या हैं? (hepatitis c symptoms)
प्रारंभिक
संक्रमण के बाद, लगभग 80% लोग किसी भी लक्षण का प्रदर्शन नहीं करते हैं इसलिए वे बीमार नहीं
दिखते या महसूस नहीं करते हैं और इसलिए यह नहीं जानते कि वे संक्रमित हैं। जो लोग लक्षण विकसित
करते हैं, वे आमतौर पर हेपेटाइटिस सी वायरस के
संपर्क के 2-12 सप्ताह बाद होते हैं, वे बुखार, थकान, भूख में कमी,
मतली, उल्टी, पेट में दर्द, गहरे रंग के मूत्र, भूरे रंग के मल, जोड़ों में दर्द और पीलिया जैसे लक्षण
वाले हो सकते हैं। यदि कोई हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित हैं, तो वे इसे दूसरों में भी फैला सकते हैं, भले ही उनको कोई लक्षण न हो।
हेपेटाइटिस सी परीक्षण (hepatitis c test)
एंटी-एचसीवी एंटीबॉडी (Anti HCV antibody): ये
आपके शरीर द्वारा बनाए गए प्रोटीन होते हैं जब यह आपके रक्त में हेप सी वायरस का
पता लगाता है। वे आमतौर पर संक्रमण के 12
सप्ताह बाद दिखते हैं। सीरोलॉजिकल
टेस्ट के साथ एंटी-एचसीवी एंटीबॉडी के लिए परीक्षण उन लोगों की पहचान करता है जो
वायरस से संक्रमित हो गए हैं। एंटीबाडी का पता लगाने के लिए कई तरह के रेपिड किट
बाजार में उपलब्ध है जो बहुत काम समय में और बहुत सस्ते में परिणाम देने में सक्षम
है।
टेस्ट का सिदान्त (hepatitis c test principle)
एचसीवी टेस्ट (HCV Test) में नाइट्रोसेल्यूलोज झिल्ली की सतह पर दो पूर्व लेपित लाइनें ‘’C‘’ (Control) और ‘’T‘’ (Test) होती हैं। परिणाम की दोनों लाइन किसी भी रक्त सैंपल को डाले बिना दिखाई नहीं देती हैं।
एचसीवी एंटीजन को एचसीवी एंटीबॉडी के लिए डिटेक्टर के रूप में उपयोग किया जाता है जो परीक्षण क्षेत्र पर लेपित किया जाता है। टेस्ट के दौरान सैंपल में मौजूद एचसीवी एंटीबॉडी, कोलाइडयन गोल्ड के कण के साथ संयुग्मित एचसीवी एंटीजन के साथ क्रिया करके एंटीजन-एंटीबॉडी काम्प्लेक्स बनाता है। जब यह काम्प्लेक्स झिल्ली पर लेपित लाइन से गुजरता है तो बैंगनी लाल रंग का लाइन के रूप में परिणाम दर्शाती है।
सैंपल का प्रकार
सीरम - जब रक्त को बिना किसी Anticougulant के
साथ किसी प्लेन ट्यूब (Plain tube) में इक्कठा किया जाता है और और आधे घंटे के लिए
रखकर सेंट्रीफ्यूज करते है तो सीरम प्राप्त किया जा सकता है।
प्लाज्मा - जब रक्त को किसी Anticougulant जैसे
EDTA या हिपेरिन के साथ वाली ट्यूब में इक्कठा किया जाता है और सेंट्रीफ्यूज करते
है तो प्लाज्मा प्राप्त किया जा सकता है।
सम्पूर्ण रक्त के साथ भी टेस्ट किया जा सकता है
जिसमे अंगुली से रक्त को लेकर या vains से रक्त इक्कठा करके टेस्ट किया जा सकता है।
टेस्ट करने का तरीका (hepatitis c test procedure)
किट को उपयोग करने से पहले इसे कमरे के तापमान
पर लेकर आए।
यदि आप सैंपल के रूप में सीरम या प्लाज्मा का प्रयोग
का प्रयोग कर रहे है तो सैंपल की 10 माइक्रोलीटर मात्रा ली जाती है। यदि सैंपल के
रूप में सम्पूर्ण रक्त का उपयोग कर रहे है तो रक्त की 20 माइक्रोलीटर मात्रा ली
जाती है।
अब 3 बूंद (90 माइक्रोलीटर) बफर की मात्रा
मिलाई जाती है।
5 मिनट के बाद रिजल्ट को पढ़ा जा सकता है। ध्यान
रहे रिजल्ट की अंतिम रीडिंग 20 मिनट तक ली जा सकती है। उसके बाद यदि परिणाम परिवर्तित
होता है तो उसकी कोई मतलब नहीं होता है।
टेस्ट परिणाम (test result)
यदि रक्त सैंपल में एचसीवी एंटीबॉडी नहीं होती है तो टेस्ट कार्ड पर एक लाइन ‘’C‘’ (Control) के रूप में दिखाई देती है इसका अर्थ है कि टेस्ट
सैंपल हेपेटाइटिस सी
के लिए नेगेटिव है।
यदि सैंपल में एचसीवी एंटीबॉडी उपस्थित होती है तो टेस्ट कार्ड पर दोनों लाइनें ‘’C‘’ (Control) और ‘’T‘’ (Test) दिखाई देती है इसका अर्थ है कि टेस्ट सैंपल हेपेटाइटिस सी के लिए पॉजिटिव है। यदि टेस्ट एंटी-एचसीवी एंटीबॉडीज के लिए पॉजिटिव है, तो एचसीवी पीसीआर टेस्ट द्वारा क्रोनिक संक्रमण की पुष्टि करने की आवश्यकता होती हैं। हालांकि कुछ व्यक्ति जो संक्रमित थे परन्तु अब ठीक हो गये है, उनके टेस्ट एंटी-एचसीवी एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव हो सकते है क्योकि एंटीबाडी बाद भी शरीर में बनी रहती है।
यदि टेस्ट के बाद कोई लाइन नहीं आती है या केवल
टेस्ट लाइन आती है तो टेस्ट इनवैलिड हो जाता है। ऐसे समय में नए टेस्ट कार्ड के
साथ पुनः टेस्ट लगाया जाना चाहिए।
निदान (hepatitis c treatment)
एंटीवायरल
दवाएं हेपेटाइटिस सी संक्रमण वाले 95% से
अधिक लोगों को ठीक कर सकती हैं, जिससे
सिरोसिस और यकृत कैंसर से मृत्यु का खतरा कम होता है, लेकिन निदान और उपचार तक पहुंच कम है। वर्तमान में हेपेटाइटिस सी के खिलाफ
कोई प्रभावी टीका नहीं है।
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