बांझपन या इनफर्टिलिटी (Infertility) में वीर्य परीक्षण (semen test) सर्वप्रथम किया जाने वाला टेस्ट है। इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है किन्तु महिलाओं में की जाने वाली विभिन्न जांचो के मुकाबले फाफी सस्ता और सुगम टेस्ट है। पुरुष बांझपन अक्सर कम शुक्राणु (sperm) उत्पादन, या शुक्राणु (sperm) की अनुपस्थिति अथवा डिफेक्टिव शुक्राणु (sperm) के कारण होता है।
वीर्य क्या है? (what is semen) वीर्य का अर्थ (semen meaning)
वीर्य (semen) या सीमन (semen) सहवास के दौरान
स्खलित (ejaculated) होने वाला एक द्रव है जो शुक्राणु (sperm) और विभिन्न स्त्रावो का मिश्रण होता है। वृषण (testes) में शुक्राणु (sperm) का निर्माण होता है और
epididymis में परिपक्व होते हैं।
वीर्य या सीमन
(semen) मुख्य रूप से दो भागों से मिलकर बना होता है।
ठोस भाग में शुक्राणु
(sperm) - 5%
तरल भाग - 95%
वीर्य विश्लेषण (semen analysis) की आवश्यकता
1. यदि महिला को
गर्भवती होने में परेशानी हो।
2. बांझपन।
3. पुरुष नसबंदी के
बाद (आमतौर पर सर्जरी के 8 से 16 सप्ताह बाद देखने के लिए किया जाता है कि क्या वीर्य (semen) में शुक्राणु (sperm) आ रहे है या नहीं।
4. कुछ बलात्कार के मामलों में।
टेस्ट से पहले ध्यान रखने योग्य बातें-
- टेस्ट सैंपल देने से
कम से कम दो से तीन दिन पहले संभोग से परहेज करना होगा। वीर्य (semen) का नमूना संभोग के दो से तीन दिन बाद
और सात दिनों से अधिक नहीं लेना चाहिए।
- यदि abnormal
रिपोर्ट होती है तो वीर्य (semen) के दो नमूने लिए जाने चाहिए। यदि रिपोर्ट नार्मल रहती है तो एक ही सैंपल पर्याप्त
है।
- semen संग्रह के एक घंटे के भीतर लैबोरेटरी में पहुच जाना चाहिए।
- नमूना हस्तमैथुन द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए और एक साफ, चौड़े मुंह वाले ग्लास या प्लास्टिक कंटेनर में स्खलित होना चाहिए।
- कंडोम का उपयोग वीर्य
(semen) संग्रह के लिए नहीं किया
जाना चाहिए क्योंकि इसमें spermicide हो सकते हैं।
- जब वीर्य (semen) का स्खलन नहीं होता है तो उसे एस्पर्मिया (aspermia) कहा जाता है।
यहाँ हम वीर्य (semen) परिक्षण तीन शीर्षको के तहत करेगे-
(1) Physical
examination
(2) Chemical
examination
(3) Microscopical examination
वीर्य का भौतिक परीक्षण (semen physical examination)
रंग-रूप (semen color and appearance)
वीर्य (semen) एक viscous, opaque, whitish gray रंग का होना चाहिए और इसमे musty गंघ
होती है। इसमें लालिमा रक्त की उपस्थिति (blood
in semen) का संकेत दे सकता है, जबकि एक पीले रंग का वीर्य (yellow semen) पीलिया का संकेत कर सकता है या कोई दवा का side effect भी हो सकता है।
Consistency (viscosity)
एक सामान्य वीर्य (semen) के नमूने को जब ड्रोपर की सहायता से
गिराया जाता है तो यह बूंद बूंद के रूप में गिरता है, यदि यह गिरते समय बूंद के साथ लम्बे धागे (> 2 सेमी) का निर्माण करता है तो वीर्य (semen) सैंपल असामान्य माना जाता है।
वीर्य की मात्रा (semen volume)
एक सामान्य वीर्य (semen) की मात्रा 2-6 ml होना चाहिए। इससे कम
मात्रा या अतिरिक्त मात्रा फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है। वीर्य (semen) की कुल मात्रा में से 5% शुक्राणु (sperm) और कुछ तरल पदार्थ शामिल हैं। जिसमे bulbourethral
glands या cowper gland प्रोस्टेट ग्रंथि, seminal vesicles, और epididymis के secretion शामिल है।
वीर्य के भाग (semen composition)
वीर्य पुटिका (seminal vesicles) |
60-65% |
शुक्राणु (sperm) के लिए महत्वपूर्ण पोषक
तत्व होते हैं |
प्रोस्टेट ग्रंथि (prostate gland) |
25-30% |
शुक्राणु (sperm) की डीएनए स्थिरता बनाए
रखने के लिए दुधिया तरल पदार्थ |
bulbourethral glands और cowper
gland |
10% |
वीर्य (semen) को तैरने में मदद करने
के लिए clear mucus होता है |
epididymis |
5% |
|
Liquefaction time
जब वीर्य (semen) का स्खलन होता है, तो यह गाढ़ा व gelatinous होता है। जो उन्हें सर्विक्स से चिपकने में मदद करता
है। वीर्य स्खलन के कुछ समय बाद शुक्राणु (sperm) को बेहतर
तैरने में सक्षम करने के लिए समान रूप से तरल हो जाता है। Liquefaction
time बताता है कि तरल बनने में कितना
समय लगता है। इसमें लगभग 30 मिनट से काम समय लगना चाहिए। वीर्य (semen) की तरलता स्पर्म (sperm) उन्हें गति करने में सहायता करती है। यदि समय
अधिक लगता है या तरल नहीं होता है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि कोई समस्या है।
वीर्य का रासायनिक परीक्षण (semen chemical examination)
पीएच स्तर (ph of semen)
वीर्य (semen) का पीएच (ph) टेस्ट बताता है कि वीर्य (semen) कितना अम्लीय या क्षारीय है। seminal vesicle का द्रव अधिक क्षारीय होता है, जबकि प्रोस्टेट से स्त्रावित द्रव अम्लीय होता है। दोनों के मिलने के बाद वीर्य (semen) का पीएच 7.2 से 8.5 तक होना चाहिए।
यदि यह अम्लीय (Acidic) है तो seminal
vesicle में ब्लोकैज को बताता है। अधिक क्षारीय (alkaline) वीर्य (semen) संक्रमण के साथ देखा जाता है।
फ्रक्टोज स्तर (Fructose level)
यदि वीर्य विश्लेषण (semen Analysis) में
कोई शुक्राणु (sperm) नहीं मिलता है, तो वीर्य (semen) में फ्रक्टोज
टेस्ट किया जाता है। फ्रक्टोज वीर्य में मौजुद शुक्राणुओं को गति के लिए ऊर्जा
प्रदान करता है। फ्रक्टोज का निम्न स्तर या अनुपस्थिति का मतलब है कि seminal
vesicles में रुकावट है।
फ्रक्टोज टेस्ट (Fructose test)
reagent – रेसोर्सिनोल (resorcinol)
इसे बनाने के लिए
50mg रेसोर्सिनोल (resorcinol) को सान्द्र HCL के 33 ml में घोला जाता है और इसे
100 ml आसुत जल के साथ तनु कर लिया जाता है।
फ्रक्टोज टेस्ट का तरीका (Fructose test procedure)
1.टेस्ट को
करने के लिए 5.0 ml रेसोर्सिनोल (resorcinol) reagent लिया जाता है।
2. 0.5 ml
semen लेकर उबाला जाता है।
टेस्ट का परिणाम
लाल रंग का precipitate
- टेस्ट पॉजिटिव (फ्रक्टोज उपस्थित)
रंग में कोई
परिवर्तन नहीं - टेस्ट नेगेटिव (फ्रक्टोज अनुपस्थित)
वीर्य का माइक्रोस्कोपिक परीक्षण (semen microscopical examination)
इसे sperm test भी कहा जाता है। sperm या spermatozoa कोशिका तीन भागों से मिलकर बना होता है। एक शुक्राणु (spermatozoa) लंबी कोशिका (sperm cell) होती है। जिसमें सिर, शरीर और पूंछ शामिल हैं। यह गर्दन से शरीर में माइटोकॉन्ड्रिया से जुड़ा होता है जो शुक्राणु की गतिविधि के लिए ऊर्जा की आपूर्ति करता है। पूंछ प्रोटीन तंतुओं से बनी होती है जो इसे गति प्रदान करती है।
शुक्राणुओं की गणना (Sperm count)
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शुक्राणु की सामान्य
संख्या (normal sperm count) कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु (sperm) प्रति मिलीलीटर वीर्य (semen) है। यदि आपके पास इससे कम है तो आपका स्पर्म काउंट ( sperm count) कम
माना जाता है।
Oligospermia - यदि sperm count सामान्य मान
से कम होता है तो उसे Oligospermia कहा जाता है और यदि सम्पूर्ण
सैंपल में एक भी sperm दिखाई नहीं देता है तो उसे Azoospermia कहा जाता है।
स्पर्म काउंट टेस्ट (sperm count test)
Reagent (semen
diluting fluid)
semen diluting
fluid composition
सोडियम बाई
कार्बोनेट 5 gms
फोर्मेलिन (formelin) 1 ml
आसुत जल (D/W) 100 ml
स्पर्म काउंट का तरीका (Sperm count test procedure)
1. स्पर्म काउंट (sperm count) करने के
लिए डब्ल्यूबीसी पीपेट (wbc pipette) द्वारा 0.5 मार्क तक semen सैंपल लिया जाता है।
2. उसके बाद 11 मार्क तक semen diluting fluid लिया जाता है। यह 20 का dilution
प्रदान करता है।
3. इसे अच्छी तरीके से मिलाकर 5-10 मिनट
के लिए छोड़ दिया जाता है। द्रव्य को चेंबर में लोड करते समय ध्यान रखें कि द्रव्य
चेंबर के ऊपर से होकर दूसरे चेंबर तक नहीं पहुंचना चाहिए और न ही द्रव्य की बूंद
इतनी छोटी होनी चाहिए कि चेंबर को पूरा ढक ही नहीं पावे।
4. उसके पश्चात डब्ल्यूबीसी पीपेट (wbc pipette) से कुछ बूंदें निकाल दी जाती है क्योंकि आगे का भाग semen सैंपल के साथ
मिश्रित नहीं होता है।
5. इसके पश्चात डब्ल्यूबीसी पीपेट (wbc pipette) द्वारा द्रव की एक बूंद बनाई जाती है और कवर स्लिप लगे न्यू बार काउंटिंग
चेंबर से बूंद को स्पर्श कराने पर कैपिलरी एक्शन द्वारा द्रव्य अपने आप चेंबर में
लोड हो जाता है।
6. स्लाइड को 5-10 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता
है ताकि sperm settled हो जाये। 5-10 मिनट बाद माइक्रोस्कोप
में लो पावर (Low power) पर (wbc) के चारों
खानों में sperm count किया जाता है।
7. इन चारों खानों में प्राप्त कोशिकाओं को
फार्मूले में रखा जाता है। फार्मूले में WBC Count में थोडा परिवर्तन है
जहाँ sperm count /Cumm के स्थान पर पर /ml में परिणाम प्राप्त होता है।
8. इसके लिए जितने sperm count होते है उसे
50,000 से गुना करके sperm count पर ml में प्राप्त किया जा सकता है।
शुक्राणु की गतिशीलता (sperm motility)
शुक्राणु (sperm) की गतिशीलता प्रजनन क्षमता के लिए
महत्वपूर्ण है क्योंकि शुक्राणु (sperm) एक अंडे को निषेचित
करने के लिए योनी से फेल्लोपियन ट्यूब तक जाना होता है। इसमे देखा जाता है कि
कितने शुक्राणु (sperm) गति कर रहे हैं और वे कितनी तेजी से
चलते हैं। सामान्यतया 50% या अधिक sperm सक्रिय रूप से गतिशील होने चाहिए। यह गति
ejeculation के कुछ घंटो बाद तक देखी जाती है।
शुक्राणु की
गतिशीलता (sperm
motility) पता करने के लिए एक कांच की स्लाइड ली जाती है
और semen सैंपल को अच्छी तरह से मिक्स करके वीर्य सैंपल की एक बूंद को स्लाइड पर
लेकर कवर glass लगाई जाती है और और उसके बाद high power लेंस पर माइक्रोस्कोप में
अध्ययन किया जाता है।
शुक्राणु की
गतिशीलता (sperm
motility) को
रिपोर्ट में इस प्रकार से प्रदर्शित किया
जा सकता है।
(ए) तेज गतिशील active motility
(b) धीमी या सुस्त गतिशील sluggish
motility
(c) गैर-प्रगतिशील गतिशीलता non-progressive
motility
(d) अगतिशील non motile
Asthenozoospermia शब्द का प्रयोग शुक्राणु (sperm) की खराब गतिशीलता
के लिए किया जाता है।
Necrozoospermia शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब वीर्य (semen) के
नमूने में सभी शुक्राणु (sperm) मृत पाए जाते हैं।
Necrozoospermia की कंडीशन में और जब 60% से अधिक sperm नॉन motile होते है। यह देखने के
लिए कि इनमे से कितने जीवित है और कितने मृत है, के लिए eosin prepration की जरुरत
होती है।
इयोसिन प्रकिया (eosin prepration)
इसके लिए semen
सैंपल की एक बूंद को eosin stain के साथ मिलाया जाता है और 1-2 मिनट के लिए छोड़
दिया जाता है उसके बाद इसकी एक बूंद लेकर स्लाइड पर ली जाती है और उस पर कवर स्लिप
लगाकर माइक्रोस्कोप में देखा जाता है । अब eosin से stain हुए और बिना स्टेन sperm
को count किया जाता है।
Dead sperm - लाल
गुलाबी
Live sperm – रंगहीन
शुक्राणु का आकारकी (sperm morphology)
यदि किसी पुरुष के
पास 50 प्रतिशत से अधिक शुक्राणु
(sperm) असामान्य आकार के हैं, तो इससे उसकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। इसमे
शुक्राणु (sperm) के
सिर या पूंछ में abnormility की पहचान की जाती है। यह भी संभव है कि शुक्राणु (sperm) अपरिपक्व हो और इसलिए एक अंडे को प्रभावी ढंग से निषेचित करने में सक्षम
नहीं है। शुक्राणु (sperm) का आकार और आकृति प्रभावित करता
है कि वे एक अंडे को कितनी अच्छी तरह से निषेचित (fertilise) कर सकते हैं। सामान्य
वीर्य (semen) में कम से कम 4% सामान्य रूप से शुक्राणु (sperm) होंगे।
Teratozoospermia शब्द का उपयोग शुक्राणुओं (sperm) की ख़राब morphology के
लिए उपयोग में लिया जाने वाला टर्म है।
wbc या पस कोशिका (pus cells in semen)
सभी वीर्य (semen) सैंपल में कुछ सफेद रक्त कोशिकाएं (wbc)
या पस कोशिका होती हैं। श्वेत रक्त कोशिका की गिनती एक मिलियन/ml से कम या 2-3
cells प्रति hpf होनी चाहिए। सामान्य से अधिक श्वेत रक्त कोशिका की उपस्थिति जिसे ल्यूकोसाइटोस्पर्मिया
कहते है, संक्रमण का संकेत होता है।
बैक्टीरिया
semen में बैक्टीरिया
की उपस्थिति को बैक्टीरियोस्पर्मिया कहते है यह तब होता है जब वीर्य (semen) में बैक्टीरिया का इन्फेक्शन पाया
जाता है। सामान्यतया semen में बैक्टीरिया नहीं पाया जाता है।
RBC सामान्यतया
अनुपस्थित होता है किन्तु यदि आरबीसी पाई जाती है तो यह रक्त की उपस्थिति (blood in semen) का संकेत दे सकता है।
संक्षिप्त रूप में
पैरामीटर |
सामान्य मान |
appearance |
viscous, opaque |
color |
whitish to gray |
odure |
musty |
voloum |
1.5-6 ml |
pH |
alkaline (7.2-8.5) |
S.g. |
1.028 |
total sperm count |
15 मिलियन / ml |
motility |
more than 50% |
फ्रक्टोज |
उपस्थित |
WBC |
2-3 pus / hpf |
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