माइक्रोपिपेट क्या है? (what is Micropipette)
माइक्रोपिपेट (micropipette) एक प्रयोगशाला उपकरण है, जिसका उपयोग आमतौर पर तरल की छोटी मात्रा जैसे मिलीलीटर (ml), माइक्रोलिटर (μl) को मापने या स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा 1 ml या 5 ml या उससे अधिक की मात्रा वाले पिपेट को सुविधा के लिए मैक्रोपीपेट (Macropipette) कहा जा सकता है।
इसका
उपयोग बायोकेमिस्ट्री, सिरोलोजी, हिमेटोलोजी, बायोटेक्नोलॉजी जैसी विभिन्न लेबोरेटरी की विभिन्न शाखाओं में किया जाता है।
माइक्रोपिपेट के भाग (parts of micropipette)
एक माइक्रोपिपेट (micropipette) के छ: मुख्य भाग है।
1. पुश बटन (push button)
सैंपल या
तरल पदार्थ को लेने या स्थानातरित करने के लिए पुश बटन का उपयोग किया जाता है। जब
इसको दबाया जाता है तो बीच में रुकावट आती है जिसे stop कहा जाता है। एक पिपेट (pipette) में दो stop आते है।
2. टिप्स निकालने का बटन (tip
ejector)
टिप को
काम में लेने के बाद या टिप को परिवर्तित करने के लिए यह बटन दबाया जाता है जिससे
टिप स्वत: ही
Pipette से अलग हो जाती है।
3. आयतन निर्धारक (volume adjustment)
पुश बटन
को घुमाने पर अपनी आवश्यकता अनुसार द्रव की मात्रा को तय करके स्वतंत्र रूप से
समायोजित किया जा सकता है। डिस्प्ले विंडो में मात्रा इंगित होती है।
4. आयतन डिस्प्ले विंडो (volume display)
तय की गई
द्रव की मात्रा को डिस्प्ले विंडो में देखा जा सकता है।
5. साफ्ट (shaft)
जिसे
इजेक्टर शाफ़्ट भी कहा जाता है जो टिप को निकालते समय धक्का देने का काम करती है।
6. टिप कोन (tip cone)
माइक्रोपिपेट (micropipette) का सबसे अग्र भाग होता है, जहा माइक्रोपिपेट
टिप लगाई जाती है।
7.
माइक्रोपिपेट टिप (micropipette tips)
यह
माइक्रोपिपेट का भाग नहीं होता है बल्कि अलग से लगाया जाने वाला भाग होता है। यह
एक बार ही उपयोग में आती है अर्थात डिस्पोजेबल होती है। यह अलग अलग साइज़ में आती
है जैसे-
0-10 μl
10-200 μl
100-1000 μl
माइक्रोपिपेट का सिद्धांत (micropipette principle)
एक
माइक्रोपिपेट (micropipette) सामान्यत: हवा के विस्थापन सिद्धांत (air displacement principle) पर काम करते हैं। जैसे ही पुश बटन को अंगूठे से दबाया जाता है तो
निश्चित आयतन का एक वेक्युम बन जाता है और जब डिस्पोजेबल टिप को तरल में डुबोकर
बटन छोड़ा जाता है तो निश्चित आयतन जो हमने सेट किया
था, भर जाता
है। जब बटन को फिर से दबाया जाता है, तरल निकल जाता है। इन चरणों के बीच, कई छोटे चरण हैं जो पिपेटिंग प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाने में मदद
करते हैं।
माइक्रोपिपेट के प्रकार (types of micropipette)
माइक्रोपिपेट
को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है।
(1) निश्चित आयतन वाला माइक्रोपिपेट (fixed volume micropipette)
इस
प्रकार की पिपेट द्वारा किसी तरल की एक निश्चित मात्रा को ही लिया जा सकता है।
जैसे एक 10 माइक्रोलीटर की पिपेट द्वारा
केवल 10 माइक्रोलीटर तरल ही लिया जा सकता है।
इससे अधिक या कम मात्रा को लेने के लिए दूसरी पिपेट का उपयोग करना पड़ेगा।
(2) विभिन्न आयतन वाला माइक्रोपिपेट (variable या adjustable micropipette)
इस
प्रकार की माइक्रोपिपेट कई आयतन में आती हैं। जैसे-
0-10
माइक्रोलीटर
10-50
माइक्रोलीटर
10-100
माइक्रोलीटर
100-200
माइक्रोलीटर
1-5
मिलीलीटर
1-10 मिलीलीटर
इन्हे
आवश्यकता अनुसार स्वतंत्र रूप से समायोजित किया जा सकता है। जैसे 10-50
माइक्रोलिटर की एक पिपेट द्वारा 10, 20, 25 या 50 माइक्रोलिटर
की मात्रा को लिया जा सकता है।
माइक्रोपिपेट का उपयोग कैसे करें? (How to use micropipette)
एक
माइक्रोपिपेट को उपयोग में लेने की दो तकनीक है।
(1)
फ़ॉरवर्ड पिपेटिंग तकनीक
(2)
रिवर्स तकनीक तकनीक
(1) फ़ॉरवर्ड पिपेटिंग तकनीक
फ़ॉरवर्ड
पिपेटिंग तकनीक सबसे अधिक उपयोग में ली जाती है। इसको उपयोग में लेने का तरीका इस
प्रकार से है-
- जितने तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है उस आयतन को सेट किया जाता है।
- पुश बटन को पहले स्टॉप तक दबाया जाता है और टिप लगे पिपेट के अग्र भाग को लंबवत रूप से तरल में डुबोया जाता है।
- टिप डूबने पर धीरे से पुश बटन को छोड़ा जाता है। इससे तरल पदार्थ टिप में भर जाएगा।
- टिप में Aspirated पदार्थ को किसी अन्य ट्यूब में लेने या मिलाने के लिए ट्यूब की आंतरिक सतह पर झुके कोण पर टिप को रखा जाता है और पुश बटन को पहले स्टॉप तक दबाया जाता है, इससे पिपेट का द्रव ट्यूब में ट्रान्सफर हो जायेगा।
- टिप को पूरी तरह से खाली करने के लिए, दूसरे स्टॉप पर पुश बटन को दबाएं।
- ट्यूब से टिप निकालते समय भीतरी दीवार पर टिप को स्पर्श कराकर अतिरिक्त द्रव जो टिप्स पर है, लें लिया जाता है।
(2) रिवर्स तकनीक तकनीक
रिवर्स
तकनीक उन अभिकर्मकों (reagents) या द्रवों के लिए उपयुक्त है जिसमें एक
उच्च चिपचिपापन या आसानी से फोम करने की प्रवृत्ति होती है। यह बहुत छोटे आयतन को
लेने के लिए भी उपयुक्त है।
- जितने तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है उस आयतन को सेट किया जाता है।
- पुश बटन को दुसरे स्टॉप तक दबाया जाता है और टिप लगे पिपेट के अग्र भाग को लंबवत रूप से तरल में डुबोया जाता है।
- टिप डूबने पर धीरे से पुश बटन को छोड़ा जाता है। इससे तरल पदार्थ टिप में aspirated हो जाएगा।
- Aspirated पदार्थ को किसी अन्य ट्यूब में लेने या मिलाने के लिए ट्यूब की आंतरिक सतह पर झुके कोण पर टिप रखें और पुश बटन को पहले स्टॉप तक दबाएँ। इससे पिपेट का द्रव ट्यूब में ट्रान्सफर हो जायेगा।
- शेष बचा तरल टिप में ही रहता है। यह तरल हमारे द्वारा निश्चित किये गये वॉल्यूम से संबंधित नहीं है। इसलिए इसे टिप में ही रहने दिया जाता है और निष्कासित किया जाता है।
माइक्रोपिपेट की सफाई और रखरखाव
लैब उपकरणों की देखभाल और रखरखाव एक महत्वपूर्ण दिनचर्या है। लैब उपकरणों का उचित रखरखाव करने से इस महंगे उपकरण की नई खरीद की लागत कम हो सकती है। माइक्रोपिपेट की सफाई में समय, ध्यान और अभ्यास लगता है, अन्यथा माइक्रोपिपेट क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसलिए सफाई करते समय माइक्रोपिपेट को सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। अधिकांश पिपेट की बाहरी सफाई विशिष्ट प्रयोगशाला सफाई एजेंटों जैसे साबुन या अल्कॉहोल के साथ बाहरी रूप से साफ किया जा सकता है। पूर्ण sterilization सुनिश्चित करने के लिए 20 मिनट के लिए 121 डिग्री सेल्सियस तापमान पर आटोक्लेव (autoclave) द्वारा विसंक्रमित किया जा सकता है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें