रविवार, मई 16

कोरोना मरीजों में उपयोगी कुछ महत्वपूर्ण खून की जाँचे

Leave a Comment

यहाँ पर हम कोरोना मरीजों में करवाये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण खून की जांचे जैसे crp ldh serum feritin, d-dimer और il6 के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे और देखेगे कि यह टेस्ट क्या है, क्या इम्पोर्टेन्टस है, नार्मल range क्या है और covid में इन टेस्टों की क्या उपयोगिता है?

Blood-tests-in-covid19


1. सीआरपी (CRP)

सीआरपी टेस्ट (crp test)

सीआरपी एक विशेष प्रकार का acute phase protein प्रोटीन है जो inflammatory response में निर्मित होता है। जिसका अर्थ है कि injury, infection, Inflammation के कारण इसका स्तर बढ़ जाता हैं। सीआरपी का पूरा नाम (crp full form) सी-रिएक्टिव प्रोटीन (C-Reactive protein) हैं।


सीआरपी टेस्ट क्या है? (what is crp test)

सीआरपी टेस्ट एक non specific test है अर्थात इस टेस्ट से किसी रोग विशेष का पता नहीं चलता है किंतु संक्रमण को दर्शाता है। 

संक्रमण के कुछ समय बाद रक्त में इसका स्तर बढ़ने लगता है और रिकवरी पर सामान्य स्थिति में लौट आता है। 

इसको ट्रीटमेंट की निगरानी के लिए भी बार बार करवाया जा सकता है क्योकि यदि Treatment सही हैं तो ट्रीटमेंट के साथ-साथ सीआरपी स्तर सामान्य होता जाता हैं। और यदि ट्रीटमेंट के साथ crp का स्तर भी बढ़ रहा है तो इसका अर्थ है इलाज काम नही कर रहा है। 

सीआरपी टेस्ट में आपके रक्त का नमूना लिया जाता है और रक्त का जो सीरम का भाग होता है से टेस्ट लगाया जाता है।


सीआरपी टेस्ट का सामान्य मान (crp normal range)

सीआरपी टेस्ट का सामान्य मान 8-10 mg/dl से कम होना चाहिए। सामान्य मान से crp level जितना अधिक होगा संक्रमण का स्तर उतना ही अधिक होगा।    

  

2.एलडीएच (LDH)


एलडीएच भी एक प्रकार का प्रोटीन है, जिसे एंजाइम के रूप में जाना जाता है। एलडीएच हमारे blood, muscle, brain, liver lungs, पैंक्रियास  सहित शरीर के लगभग हर कोशिका में पाया जाता है। 

एलडीएच (LDH) हमारे शरीर की इनर्जी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एंजाइम glucose को इनर्जी में कन्वर्ट कर देता है। 

जब body की कोई cells क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या नष्ट हो जाती हैं, तो यह एंजाइम रक्त के तरल भाग (जिसे सीरम या प्लाज्मा कहा जाता है) में छोड़ दिया जाता है जिसे एलडीएच टेस्ट (LDH test) द्वारा माप सकते है अर्थात यह टेस्ट tissue damage या कोई संक्रमण को मापता है।

एलडीएच का पूरा नाम (ldh full form) है लैक्टेट डिहाइड्रोजिनेज इसे लैक्टिक एसिड डिहाइड्रोजनेज के रूप में भी जाना जाता है।


एलडीएच टेस्ट (ldh blood test)

रक्त में एलडीएच का उच्च स्तर tissue damage या बीमारी का संकेत हो सकता है। यद्यपि यह टेस्ट दिखा सकता है कि tissue damage या बीमारी है किन्तु यह नहीं दिखाता है कि damage कहाँ पर है। यदि ldh स्तर सामान्य से अधिक होता हैं तो निदान करने के लिए और टेस्ट्स करवाये जा सकते है।


एलडीएच का सामान्य स्तर (ldh normal range)

एलडीएच का सामान्य स्तर आमतौर पर एडल्ट के लिए 140 से 280 U/L के बीच होता है और बच्चों में उम्र के अनुसार इस range से अधिक होता है।


कोरोना में एलडीएच की भूमिका (ldh in covid)

चुकि कोरोना एक खतरनाक वायरस है जो मानव के कई अंगो को क्षति पंहुचा सकता है। शरीर के किसी अंग में क्षति को एलडीएच टेस्ट के जरिये पहचाना जा सकता है। 

एलडीएच का बढ़ता स्तर या घटता स्तर कोरोना से पीड़ित व्यक्ति के इलाज में काफी सहायता प्रदान कर सकता है। कई बार कई इन्फ्लामेटरी मार्कर जैसे सीआरपी (crp) का स्तर सामान्य रहता है किन्तु LDH का स्तर अधिक रहता है ऐसे समय में इस टेस्ट की उपयोगिता बढ़ जाती है।         

  


3.सीरम फेरिटिन टेस्ट (ferritin test)

फेरिटिन (ferritin) एक प्रोटीन है जो आयरन को स्टोर करता है और जब शरीर को इसकी आवश्यकता होती है इसे रिलीज़ भी करता है। 

किसी व्यक्ति के लिए सामान्य आयरन का स्तर होना आवश्यक है, यदि किसी व्यक्ति के पास पर्याप्त फेरिटिन नहीं है, तो आयरन जल्दी से समाप्त हो सकते हैं। 

हमारा शरीर अपनी सभी कोशिकाओं में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए आयरन पर निर्भर करता है। पर्याप्त आयरन के बिना आरबीसी पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर सकती है। हालाँकि, आयरन की बहुत अधिक मात्रा भी अच्छी नहीं है। 

आयरन के उच्च और निम्न दोनों स्तर कई बीमारियों का संकेत दे सकते हैं।

यदि डॉक्टर को लगता है कि आप में आयरन की कमी या अधिकता हैं, तो वे फेरिटिन टेस्ट (ferritin blood test) की सलाह दे सकते हैं।


फेरिटिन सामान्य मान (ferritin normal range)

पुरुषों में 20-300 ng/ml

महिलाओं में 10-200 ng/ml


कोविड और फेरिटिन  (ferritin in covid)

फेरिटिन का स्तर COVID-19 की गंभीरता को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। फेरिटिन को एक एक्यूट इन्फ्लामेटरी मार्कर के रूप में भी देखा जाता है। 

कोविड मरीज जिसमें सिवियर इन्फेक्शन देखा जाता है, उसमें साइटोकाइन स्टॉर्म की वजह से ferritin level आत्यधिक बढ़ जाता है जबकि एक कोविड मरीज जिस में कोई सेवेरिटी नहीं होती है इसका level नार्मल बना रहता है।

 


4. डी-डाईमर टेस्ट (d dimer test)

डी-डाईमर (d dimer) एक प्रोटीन है जो फाइब्रिनोलिसिस  (fibrinolysis) के दौरान फाइब्रिनोजन (fibrinogen) और फाइब्रिन (fibrin) के टूटने से बनते हैं। 

जब शरीर में कही इंजरी होती है तो रक्त बहने लगता है। इस बहते रक्त को रोकने के लिए शरीर clot का निर्माण करता है जिससे रक्त बहना रूक जाता है इसके बाद इस clot की उपयोगिता समाप्त होने लगती है और यह clot धीरे-धीरे lyse होने लगता हैं जिससे clot में मौजुद डी-डाईमर निकलता है इसे blood टेस्ट द्वारा जांचा जा सकता है।

यदि आपके डाक्टर को संदेह है कि आपके शरीर में blood clot है तो डॉक्टर आपको यह टेस्ट कराने की सलाह दे सकते है। blood clot डीप वैन थ्रोम्बोसिस – DVT, पल्मोनरी एम्बोलिस्म या डीसेमिनेटेड इंट्रावेस्कुलर कोगुलेशन जैसी परिस्थितियों में हो सकते है।


डी-डाईमर का सामान्य मान (d dimer normal range)

डी-डाईमर का सामान्य मान 200 ng/ml से कम होना चाहिए हालाकि सभी लैब की अपनी अपनी सामान्य रेंज होती है, जिसे 500 ng/ml तक बढ़ाया जा सकता है। 

हालाकि कई परिस्थितियों में डी-डाईमर टेस्ट पॉजिटिव हो सकता है जिसकी अधिक जानकारी आप डी-डाईमर टेस्ट पर क्लिक करके जानकारी प्राप्त कर सकते है।


डी-डाईमर और कोरोना (d dimer in covid)

अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित एक तिहाई मामलो में रक्त के थक्के जमने के मामले देखे गए अर्थात इस टेस्ट द्वारा क्लॉट (clot) की संभावनाओ को जांचा जाता है 

 


5. इंटरल्यूकिन-6 (IL6)

इंटरल्यूकिन-6 विभिन्न कोशिकाओं द्वारा निर्मित एक प्रोटीन है। इंटरल्यूकिन-6 अणुओं के एक बड़े समूह में से एक है जिसे साइटोकिन्स कहा जाता है। 

शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को निर्देशित करने में साइटोकिन्स की कई भूमिकाएँ होती हैं। यह acute phase proteins के उत्पादन को उत्तेजित करता है। 

आईएल-6 शरीर के तापमान नियमन, हड्डी के रखरखाव और मस्तिष्क के कार्य में भी भूमिका निभाता है। यह मुख्य रूप से pro-inflammatory  है लेकिन इसमें anti-inflammatory effects भी हो सकते हैं।

IL6 को inflammation, infection, autoimmune disorders, cardiovascular diseases  और कुछ कैंसर के साथ बढ़ा हुआ होता है। एलिवेटेड IL 6 का मतलब हो सकता है कि व्यक्ति गंभीर स्थिति में है।


इंटरल्यूकिन-6 का सामान्य मान (il6 normal range)

इसकी Reference range < 6 pg/Ml है इंटरल्यूकिन-6 (IL6) एक nonspecific मार्कर है जो एक inflammatory response से जुड़ा है और किसी भी विशिष्ट बीमारी या रोग प्रक्रिया के लिए diagnostic नहीं है।


आईएल-6 और कोविड19 (il 6 in covid या il6 covid)

कोविड19 में il6 test टेस्ट कराने का तुक यह है की कई कोविड19 पेशेंट की डेथ का सबसे बड़ा कारण साइटोकाइन ब्रुस्ट है तो इस blood टेस्ट के द्वारा आईएल-6 level देखा जाता है यदि यह बढ़ा हुआ होता है तो इसके level को काम करने की मेडिसिन दी जाती है ताकि आईएल-6 body के immune सिस्टम को नुकसान नहीं पंहुचा सके

If You Enjoyed This, Take 5 Seconds To Share It

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें