प्रेगनेंसी टेस्ट और आपके सवाल
गर्भावस्था
के परीक्षण कब कराना चाहिए ?
when to take pregnancy test
when to do pregnancy test
when to check pregnancy test
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण
गर्भावस्था के
कुछ
लक्षण
विशेष
रूप
से
जल्दी
ध्यान
देने
योग्य
होते
हैं,
जिनमें
शामिल
हैं:
मासिक धर्म
की
छूटी
हुई
अवधि
(missed period)
जी मिचलाना
(nausea)
उल्टी (vomiting)
थकान महसूस
करना
संवेदनशील, सूजे
हुए
स्तन
प्रेगनेंसी
टेस्ट
कैसे
करते
है
? (how to use pregnancy test kit )
प्रेगनेंसी टेस्ट किट और प्रेगनेंसी टेस्ट किट प्राइस (pregnancy test kit and pregnancy test kit price)
यदि हम
best pregnancy test kit की बात
करे
तो
सभी
प्रेगनेंसी टेस्ट किट
मानव
कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी)
का
ही
पता
लगाते
है
इसलिए
उस
pregnancy test kit का
ही
उपयोग
करें
जो beta HCG की सबसे
कम
मात्रा
का
भी
पता
लगा
सके।
प्रेगनेंसी टेस्ट करने के तरीके
प्रेगनेंसी टेस्ट करने के तरीकों को हम मुख्य रूप से दो भागो में बाँट सकते है जिसमे पहला तरीका मूत्र से (urine pregnancy test) और दूसरा तरीका रक्त से (blood pregnancy test) से कर सकते है । अब मूत्र से (urine pregnancy test) से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के तीन तरीकों का अध्ययन करने जा रहे है जिसमे पुराने और आधुनिक तरीके दोनों शामिल है।
पुराना तरीका ( मेढ़क से)
इस
विधि में जिस व्यक्ति का प्रेगनेंसी टेस्ट करना
होता
है
उस
व्यक्ति
का
पेशाब
या
मूत्र
( urine) लिया जाता
है।
इस
मूत्र
की
2 ml मात्रा
को
नर
मेंढक
में
इंजेक्ट
किया
जाता
है
और
कुछ
समय
बाद
मेढ़क के मूत्र का अध्ययन किया जाता है।
यदि महिला प्रेगनेंट होती है तो मेढ़क के मूत्र में मेढ़क के शुक्राणु आने शुरू हो जाते है,
जो की महिला के गर्भवती होने के संकेत होते है।
और यदि मेढ़क के मूत्र में मेढ़क के शुक्राणु की उपस्थिति दिखाई नहीं देती है।
तो यह प्रेगनेंसी
टेस्ट नकारात्मक
(negative) होने का संकेत है।
इसका सिदान्त यह यह है कि यदि मेढ़क में beta-HCG इंजेक्ट किया जाता है तो यह शुक्राणु छोड़ना शुरू कर देता है। इस प्रकार यदि मूत्र में HCG की उपस्थिति होती है तो यह यह शुक्राणु छोड़ना शुरू कर देता है जिसे देख कर पता लगा लिया जाता है।
इस प्रकार
आपने
देखा
की
पुराने
समय
में
प्रेगनेंसी टेस्ट करना
कितना
कठिन
और
अधिक
समय लेने वाला
टेस्ट
था।
इस
विधि
के
पश्च्यात इससे थोड़ी
आधुनिक
विधि
आई
जिसके
द्वारा
प्रेगनेंसी टेस्ट किया
जाता
था।
GRAVINDEX METHOD
यह
विधि
ऊपर
बताई
गई
विधि
से
काफी
सरल,
कम
समय
लेने
वाली
और
सस्ती
भी
थी। इसमे
एक
ग्रेविनडेक्स प्रेगनेंसी टेस्ट
किट
का
प्रयोग
किया
जाता
था
जो
वर्तमान
में
किये
जा
रहे
RPR तरीके
के
समरूप
है।
इस विधि के दो तरीके मौजूद है।
1. Direct method
2. Indirect method
1. gravindex anti serum
2. gravindex antigen
टेस्ट की विधि (how to use pregnancy test kit)
इसमे एक साफ स्लाइड ली जाती है जिस पर एक बूंद gravindex anti serum की ली जाती है । इसके साथ एक बूंद व्यक्ति के मूत्र की मिलाई जाती है। इसके बाद एक बूंद gravindex antigen की डाली जाती है।
टेस्ट का सिद्धांत : जब gravindex anti serum में यूरिन को मिलाया जाता है तो यूरिन में उपस्थित β-HCG एंटी सीरम से निष्प्रभावी (nutrilise) हो जाता है। और gravindex antigen डालने पर agglutination दिखाई नहीं देता है जो यूरिन में HCG की उपस्थिति को बताता है। यह महिला के गर्भवती होने पर ही यूरिन में आता है। इसके विपरीत यूरिन में HCG नहीं होने से gravindex anti serum निष्प्रभावी (nutrilise) नहीं हो पाता है और जब gravindex antigen डालने पर agglutination हो जाता है।
रिजल्ट (pregnancy test results) कैसे पढ़े ?
1. positive pregnancy test यदि agglutination नहीं होता है तो रिजल्ट पोजिटिव माना है अर्थात महिला गर्भवती है और प्रेगनेंसी टेस्ट पोजिटिव हैं।
2. negative pregnancy test यदि agglutination दिखाई देता है तो रिजल्ट नेगेटिव माना है अर्थात महिला गर्भवती नहीं है प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव है।
आधुनिक
तरीका URINE CARD TEST
आधुनिक तरीका बहुत ही सस्ता, सरल और पढ़ने में आसान है जिसे घर पर आसानी से बिना किसी विशेष योग्यता वाले व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है और वर्तमान में यही तरीका सबसे अधिक उपयोग में लिया जाता है। इस तरीके में एक कैसेट का उपयोग किया जाता है जिसे प्रेगनेंसी कार्ड कहा जाता है इसमे एक पट्टी होती है जिस पर एक रसायन लगा होता है जो beta HCG हार्मोन के संपर्क में आने पर छड़ी में रंग बदलता है। कभी कभी इस कैसेट का प्रयोग ना करके केवल पट्टी का ही उपयोग किया जाता है।
ये परीक्षण आपके मूत्र में हार्मोन मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) का पता लगाकर काम करते हैं। यह हार्मोन केवल गर्भावस्था के दौरान शरीर में पाया जाता है। इस हार्मोन के संपर्क में आने पर छड़ी में एक रसायन रंग बदलता है। परीक्षण के आधार पर प्रतीक्षा समय अलग-अलग होगा, लेकिन एक सटीक परिणाम देने में अधिकतम 10 मिनट लगते हैं।
घर पर गर्भावस्था परीक्षण (pregnancy test at home)
एक होम प्रेगनेंसी टेस्ट (home pregnancy test) का उपयोग आपकी छूटी अवधि के बाद किया जा सकता है। कुछ बहुत ही संवेदनशील परीक्षणों का उपयोग पहले भी किया जा सकता है। कुछ मामलों में, आपके बीटा एचसीजी (beta HCG )का स्तर जल्दी पकड़ने के लिए बहुत कम है। यहाँ यह देखने लायक है आपका प्रेगनेंसी टेस्ट कार्ड की न्यूनतम कितनी मात्रा में बीटा एचसीजी को पकड़ पाता है। आवेदक ब्रांड से ब्रांड में भिन्न होते हैं, लेकिन टेस्ट कार्ड कीमत में आम तौर पर सस्ते होते हैं। यहाँ हम कुछ प्रेगनेंसी टेस्ट किट का नाम दे रहे है।
pregnancy test
kit name
prega newspregnancy test
ican pregnancy
test
velocit
pregnancy test
first responce pregnancy kit
olvo plus
pregline
nichay
मूत्र से प्रेगनेंसी टेस्ट करने कि विधि (how to use pregnancy test kit)
जिस महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट करना होता है उसका सुबह का पहला मूत्र का नमूना कांच/प्लास्टिक की साफ बोतल में लिया जाता है।सुबह के नमूने में HCG की सांद्रता/मात्रा अधिकतम होती है। अब यदि प्रेगनेंसी टेस्ट किट फ्रीज़ में कम तापमान पर रखा हुआ होता है तो उसे कमरे के तापमान पर लाने के लिए 10 मिनट तक रखा जाता है। अब प्रेगनेंसी टेस्ट किट को खोलकर मूत्र की दो- तीन बूंद किट में दिए गए खांचे में डाली जाती है। दो तीन मिनट के इंतजार के बाद परिणाम आपके सामने होगा। अगर गर्भ नहीं चाहते तो unwanted 72 का प्रयोग कर सकते है,
pregnancy test results कैसे पढ़े ?
टेस्ट करने
के
बाद
तीन
संभावनाएं
बनती
है
pregnancy test positive टेस्ट कार्ड में दो लाइन दिखाई देती है जिसमे पहली लाइन (कंट्रोल लाइन) टेस्ट के सही होने की सुचना प्रदान करता है। और दूसरी लाइन (टेस्ट लाइन) आपके परिणाम को बताती है कि मूत्र के नमूने में हार्मोन मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) कि उपस्थिति है जो गर्भवती होने का संकेत है।यदि दूसरी लाइन हल्की दिखाई दे तो इसका अर्थ हुआ कि नमूने में एचसीजी कि मात्रा कम है।इस अवस्था में इस जाँच को एक दो दिन बाद सुबह के नमूने के साथ पुनः दोहराने पर बेहतर परिणाम मिलते है।
pregnancy test Negative यदि टेस्ट कार्ड में केवल एक लाइन (कंट्रोल लाइन) दिखाई देती है जो टेस्ट के सही होने और मूत्र के नमूने में एचसीजी की अनुपस्थिति को बताता है। इसका अर्थ हुआ की महिला गर्भवती नहीं है।
जब वे सही तरीके से उपयोग किए जाते हैं तो गर्भावस्था परीक्षण सही होते हैं। झूठी नकारात्मक होना संभव है, जो तब होती है जब आप गर्भवती होती हैं लेकिन परीक्षण कहता है कि आप नहीं हैं। यदि आप के मासिक धर्म की छूटी हुई अवधि (missed period) के बाद टेस्ट किया है और टेस्ट नेगेटिव आता है (negative pregnancy test but no period ) तो यह मासिक धर्म के अनियमित होने की वजह से हो सकता है। इस संबंध में आप अपने चिकित्सक से मिल सकते है।
रक्त परीक्षण (beta-hcg by blood)
ये परीक्षण किसी अस्पताल या लेबोरेटरी में किये जाते हैं। इसके लिए आपका 2-3 ml रक्त लिया जाता है जो रक्त नलिका (vains) से लिया जाता है।
गर्भावस्था के रक्त परीक्षण दो प्रकार के होते हैं:
गुणात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण: यह परीक्षण यह देखने के लिए जांचता है कि क्या शरीर में कोई एचसीजी का उत्पादन किया जा रहा है या नहीं। यह एक साधारण हां या कोई जवाब नहीं देता है कि क्या आप गर्भवती हैं।
मात्रात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण: यह परीक्षण रक्त में एचसीजी के विशिष्ट स्तर को मापता है। मात्रात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण बहुत सटीक हैं क्योंकि वे रक्त में एचसीजी की सटीक मात्रा को मापते हैं। वे गुणात्मक एचसीजी रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण की तुलना में हार्मोन की थोड़ी मात्रा का पता लगा सकते हैं।
बीटा एचसीजी
का सामान्य मान (Normal
range beta-HCG)
गर्भकाल |
बीटा एचसीजी मान |
अगर्भवती महिला और पुरुष |
10mIU/ml से कम |
मासिक चक्र की तारीख से 16-23 दिन |
10-30
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 24-30 दिन |
30-100
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 31-33 दिन |
100-1000
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 46 दिन |
2000-6000
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 50 दिन |
7000-9000
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 60 दिन |
15000-40000
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 70 दिन |
45000-75000
mIU/ml |
मासिक चक्र की तारीख से 80 दिन |
100000-160000 mIU/ml |
दुसरा तीमाह (
2nd trimester) |
6000-30000 mIU/ml |
तीसरा तीमाह
( 3rd trimester) |
400-15000 mIU/ml |
समयपूर्व गर्भावस्था परिक्षण (Early pregnancy test)
मूत्र परीक्षण की तुलना में रक्त परीक्षण पहले एचसीजी का पता लगा सकता है । क्योंकि बीटा एचसीजी की मात्रा मूत्र में तभी मिलती है जब इसकी मात्रा रक्त में एक स्तर से अधिक बढ़ जाती है। रक्त परीक्षण आमतौर पर घरेलू परीक्षणों एवम मूत्र परीक्षण की तुलना में अधिक महंगा होता है, और आपको अपने परिणामों के लिए अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है। साथ ही साथ कीमत भी अधिक चुकानी पड़ती है किन्तु इसका फायदा यह है की आपको समय पूर्व सटीक परिणाम मिल जाता है।
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