गुरुवार, जुलाई 15

सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (serum creatinine test) का महत्व, सिदान्त, कार्यविधि और नार्मल रेंज

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क्रिएटिनिन (creatinine)

क्रिएटिनिन क्या है? (What is creatinine)

क्रिएटिनिन (creatinine) क्रिएटिन फॉस्फेट (creatine phosphate) का अपशिष्ट उत्पाद है। जिसका उपयोग मांसपेशियां ऊर्जा बनाने के लिए करती हैं मांसपेशियों के टूटने से क्रिएटिनिन बनता है। आमतौर पर क्रिएटिनिन को गुर्दे (kidney) द्वारा रक्त से फ़िल्टर किया जाता है यदि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है तो क्रिएटिनिन को फ़िल्टर नहीं कर पायेगी जिससे रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाता है

 

सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (serum creatinine test)

क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है?

एक क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) जिसे सीरम क्रिएटिनिन परीक्षण (serum creatinine test) भी कहा जाता है। क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) के जरिये डॉक्टर यह पता लगाना चाहते है कि आपके गुर्दे अच्छी तरह से काम कर रहे हैं अथवा नहीं यूरिया टेस्ट और क्रिएटिनिन टेस्ट किडनी फंक्शन टेस्ट के अंतर्गत किया जाता है

 

क्रिएटिनिन टेस्ट की विधि का नाम

जफ्फी का तरीका (Jaffe's method)

 

क्रिएटिनिन टेस्ट का सिदान्त (creatinine test principle)

क्रिएटिनिन टेस्ट का सिदान्त Jaffe's अभिक्रिया और बीयर- लैम्बर्ट के नियम पर आधारित है क्षारीय माध्यम में पिक्रिक एसिड क्रिएटिनिन से क्रिया करके पीला गुलाबी रंग का उत्पाद बनाता है इसे Jaffe's अभिक्रिया कहते है। बीयर-लैम्बर्ट के नियमानुसार इस रंगीन उत्पाद का अवशोषण सीरम में उपस्थित क्रिएटिनिन की मात्रा के सीधे समानुपाती होती है। अर्थात जितना अधिक रंगीन उत्पाद बनेगा क्रिएटिनिन लेवल उतना ही अधिक होगा।

 

क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए अभिकर्मक (creatinine test reagents)

1. पिक्रिक एसिड

2. सोडियम हाइड्रोऑक्साइड

 


क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए सैंपल का प्रकार

सीरम (serum)

रक्त सैंपल को एक टेस्ट टयूब में में इकट्ठा किया जाता है और सीरम प्राप्त किया जाता है। सीरम प्राप्त करने के लिए ब्लड सैंपल को सेंट्रीफ्यूज करके लिया जा सकता है।

रक्त सैंपल कलेक्शन के समय और सीरम प्राप्त करते समय ध्यान रखें कि सैंपल हिमोलायज नहीं होना चाहिए।

प्लाज्मा (Plasma)

क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए सीरम के स्थान पर प्लाज्मा का भी उपयोग में लिया जा सकता हैं। प्लाज्मा EDTA या हिपरिन युक्त टयूब में संग्रहित किया हुआ होना चाहिए।

सैंपल में अन्य पदार्थो की उपस्थिति यथा बिलीरुबिन की 15 mg/dl की मात्रा और ट्राइग्लिसराइड की 1000 mg/dl की मात्रा और हिमोग्लोबिन की 10 g/dl तक की मात्रा क्रिएटिनिन टेस्ट के परिणाम में इंटरफेयर नहीं करती है।

मूत्र में क्रिएटिनिन (urine creatinine

मूत्र में क्रिएटिनिन (urine creatinineकी जाँच के लिए यूरिन को पहले तनु (dilute) किया जाता है। इसके लिए एक भाग यूरिन और 19 भाग आसुत जल को लिया जाता है और प्राप्त परिणाम को 20 से गुणा कर लिया जाता है।

 

क्रिएटिनिन परीक्षण करने का तरीका (creatinine test procedure)

1.सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर में क्रिएटिनिन टेस्ट को चुना जाता है। क्रिएटिनिन टेस्ट को सलेक्ट करके एनालाइजर में डिस्टिल्ड वाटर aspirate किया जाता हैं। 


अब सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए तैयार है।

2. क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए कांच की एक साफ टयूब जाती है। इसमे एक भाग पिक्रिक एसिड (R1-500 माइक्रोलीटर) और एक भाग सोडियम हाइड्रोऑक्साइड (R2-500 माइक्रोलीटर) रीजेंट को माइक्रोपिपेट की सहायता से लिया जाता है

3. इस मिश्रण के 1000 माइक्रोलीटर रीजेंट में 100 माइक्रोलीटर सीरम सैंपल को ऐड किया जाता है 

500 माइक्रोलीटर रीजेंट लेने की अवस्था में सीरम सैंपल को आधा कर दिया जाता है। अर्थात 50 माइक्रोलीटर सीरम सैंपल को ऐड किया जाता है। 

4. सीरम सैंपल जितना जल्दी हो सके अच्छी तरीके से मिलाकर सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर में aspirate किया जाता है।



5. सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर द्वारा reagent में परिवर्तित होने वाली ऑप्टिकल डेन्सिटी (optical density) को 530nm पर पढ़ा जाता है। और एनालिसिस करके 2 मिनट के बाद रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देता हैं।



6. इससे पहले टेस्ट अभिक्रिया की स्थिति को ग्राफ के माध्यम से देखा जाता है कि अभिक्रिया की दर सही है अथवा नहीं



 

क्रिएटिनिन लेवल कितना होना चाहिए (Creatinine normal range)

सीरम क्रिएटिनिन (serum creatinine normal range)

पुरुष 0.7-1.4 mg/dl

महिला 0.6-1.2 mg/dl

 

यूरिन क्रिएटिनिन (urine creatinine level)

मूत्र में 0.06-0.2 mg/dl

 

क्रिएटिनिन का उच्च स्तर (high creatinine, creatinine high)

क्रिएटिन का उच्च स्तर किडनी की समस्या के कारण होता है जिससे किडनी से संबंधित लक्षणों को देखा जाता हैं। सामान्यतया क्रिएटिनिन का उच्च स्तर यह संकेत दे सकता है कि आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है। यदि किडनी द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट को निकालने में असमर्थ हैं, तो कई लक्षणों को देखा जा सकता हैं

क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण (high creatinine symptoms)

सूजन

खुजली

थकान

पेशाब जाने की प्रवृत्ति में परिवर्तन

उच्च रक्तचाप

भूख में कमी

जी मिचलाना

छाती में दर्द

मांसपेशियों में ऐंठन

उल्टी

 

क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण

इनमें से कई स्थितियां गुर्दे के कार्य को प्रभावित करने वाली क्षति या बीमारी का कारण बन सकती हैं। वे शामिल कर सकते हैं:

दवा विषाक्तता (drug toxicity)

गुर्दा संक्रमण (pyelonephritis)

ग्लुमेरुलोनेफ्रटिस (Glomerulonephritis)

मधुमेह (diabetes)

उच्च रक्तचाप

हृदय रोग

मूत्र मार्ग में रुकावट

एक्यूट या क्रोनिक किडनी फैलियर

 

सीरम क्रिएटिनिन में कमी (low creatinine levels, creatinine low, low creatinine)

कम क्रिएटिनिन के लक्षण 

कम क्रिएटिनिन स्तर के लक्षण निम्न है।

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी- मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों में अकड़न और दर्द और गतिशीलता में कमी शामिल हैं।

लीवर की बीमारी- पीलिया, पेट में दर्द और सूजन, और पीला, खूनी, या टार रंग का मल शामिल है।

 

सीरम क्रिएटिनिन में कमी के कारण

गर्भावस्था, वृद्ध व्यक्तियों और बच्चो में क्रिएटिनिन का स्तर काम रहता है।

प्रोटीन की कमी

डीहाईड्रेसन

अधिक पानी का सेवन और

कुछ दवाएं का सेवन।

 

क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत (creatinine test cost)

हालाँकि क्रिएटिनिन टेस्ट किडनी फंक्शन टेस्ट के अंतर्गत किया जाता है जिसकी कीमत किडनी फंक्शन टेस्ट में शामिल होती है यदि क्रिएटिनिन टेस्ट अकेला एडवाइस किया जाता है तो इसकी कीमत 150 रूपये से 250 रूपये प्रति टेस्ट हो सकता है

 

क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर (when to worry about creatinine levels)

क्रिएटिनिन टेस्ट का उपयोग किडनी फंक्शन को जानने के लिए किया जाता है। हालाकि क्रिएटिनिन लेवल तभी बढ़ना शुरू होता है। जब किडनी के कार्य करने की क्षमता में पचास फीसदी से अधिक कमी देखने को मिलती है।

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