रविवार, जुलाई 18

एसजीपीटी टेस्ट क्या है? (sgpt test in hindi)

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एसजीपीटी (SGPT)

एसजीपीटी (sgpt) को एएलटी (alt) भी कहा जाता है। एसजीपीटी या एएलटी हमारे शरीर के लीवर सेल्स के साइटोप्लाज्म में मुख्य रूप से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ मात्रा किडनी, हार्ट, कंकाल पेशी, पैंक्रियास, स्प्लीन और फेफड़ो में पाई जाती है इसकी बढ़ी हुई मात्रा लीवर के सम्बन्ध में अच्छी जानकारी उपलब्ध कराता है

 


नैदानिक महत्व (clinical significance of the sgpt test)

जैसा कि कहा गया है कि एसजीपीटी (sgpt) लीवर सेल्स में पाया जाता है, यदि लीवर क्षतिग्रस्त है, तो एसजीपीटी (sgpt) स्तर बढ़ सकता है लीवर की बीमारी या चोट से क्षतिग्रस्त होने पर एसजीपीटी (sgpt) को रक्तप्रवाह में छोड़ा जाता है एसजीपीटी (sgpt) का बढ़ा स्तर कई कारणों को सूचित कर सकता है जैसे कि पीलिया, मतली, उल्टी, या पेट दर्द। स्वस्थ व्यक्तियों में रक्त में एसजीपीटी (sgpt) का स्तर कम होता है जब लीवर खराब हो जाता है, तो एसजीपीटी (sgpt) को रक्तप्रवाह में छोड़ दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप एसजीपीटी (sgpt) का स्तर उच्च होता है

 

एसजीपीटी और एएलटी का पूरा नाम (sgpt full form, sgpt means और alt full form)


एसजीपीटी  (SGPT) :-  सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस

                                   (Serum Glutamic Pyruvic Transaminase)

एएलटी (ALT) :-  एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज

                           (alanine aminotransferase)

 

एसजीपीटी टेस्ट हिंदी में (sgpt test in hindi)

एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test)

एसजीपीटी टेस्ट क्या है (what is sgpt test या sgpt test means)

एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testके जरिए रक्त में एसजीपीटी (sgptके स्तर का पता लगाया जा सकता हैएक एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test) एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज के स्तर को मापता है। 

एसजीपीटी उन एंजाइमों में से एक है जो भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इन एंजाइमों का उच्च स्तर इस बात का संकेत हो सकता है कि यकृत (liver) में कोई समस्या है और एंजाइम यकृत कोशिकाओं से रिलीज़ हो रहे हैं। 

संभावित बीमारी का पता केवल एक ब्लड टेस्ट एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testसे लगाया जा सकता है। अब हम एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने जा रहे है जिसमे हम एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test) का सिदान्त, टेस्ट करने का तरीका और एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test) की नार्मल रेंज के बारे में विस्तार से जानेगे

 

एसजीपीटी परीक्षण का सिदान्त (sgpt test principle)

रक्त में मौजूद एएलटी या एसजीपीटी अभिकर्मक (reagent) में उपस्थित L-Aspartate और Oxoglutarate से क्रिया करके Pyruvate बनाता है। अर्थात रक्त में जितना अधिक एएलटी मौजूद होगा उतना ही अधिक Pyruvate बनेगा। 

टेस्ट अभिकर्मक में इतने केमिकल मौजूद हैं जो 450 U/L तक की वैल्यू को सही सही रिजल्ट दे सकता हैं। इसे Linearity कहते हैं।  

Pyruvate LDH की उपस्थिति में NADH से NAD बनाएगा। जैसे-जैसे अभिक्रिया बढ़ेगी NADH में कमी होकर NAD बनेगा। NADH में कमी को 340nm की wavelength पर पढ़ा जाएगा। 

 


एसजीपीटी परीक्षण के लिए अभिकर्मक ( sgpt test reagents)

2-Oxoglutarate

L-Alanine

LDH – Lactatate dehydrogenase

NADH

बफर (buffer)

 

अभिक्रिया का प्रकार (reaction type)

काइनेटिक (kinetic) 

 

सैंपल का प्रकार

सीरम (serum)

सीरम (serum) सैंपल को बिना एंटीकॉगुलेट (anticougulant) वाली टयूब में (plain vial) में इकट्ठा किया जाता है और सीरम प्राप्त किया जाता है। सीरम प्राप्त करने के लिए ब्लड के सैंपल को सेंट्रीफ्यूज करके किया जा सकता है। सैंपल लेते समय और सीरम प्राप्त करते समय ध्यान रखें कि सीरम सैंपल हिमोलायज नहीं होना चाहिए।

प्लाज्मा (Plasma)

सीरम के स्थान पर प्लाज्मा का भी प्रयोग किया जा सकता हैं। प्लाज्मा EDTA या हिपरिन युक्त टयूब में संग्रहित किया हुआ होना चाहिए।

सैंपल में बिलीरुबिन की 30 mg/dl की मात्रा और ट्राइग्लिसराइड की 2000 mg/dl की मात्रा और प्लाज्मा में 2.5 g/dl तक हिमोग्लोबिन की मात्रा टेस्ट के परिणाम में इंटरफेयर नहीं करती है।

 

एसजीपीटी परीक्षण करने का तरीका (sgpt test procedure)

1. सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर में एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testको चुना जाता है। एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testको सलेक्ट करके डिस्टिल्ड वाटर एसपिरेट (aspirate) किया जाता हैं। 


2. अब सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testके लिए तैयार है।


3. एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testके लिए कांच की एक साफ टयूब जाती है। इसमें 1000/500 माइक्रोलीटर एसजीपीटी टेस्ट रीजेंट (sgpt test reagentको माइक्रोपिपेट की सहायता से लिया जाता है। 

4. अब 1000 माइक्रोलीटर रीजेंट में 100 माइक्रोलीटर सीरम सैंपल को ऐड किया जाता है। 500 माइक्रोलीटर रीजेंट लेने की अवस्था में सीरम सैंपल को आधा कर दिया जाता है, अर्थात 50 माइक्रोलीटर सीरम सैंपल को ऐड किया जाता है।  जितना जल्दी हो सके सीरम सैंपल को अच्छी तरीके से मिलाकर सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर में  एसपिरेट (aspirate) किया जाता है।


5. सेमीऑटोमेटिक एनालाइजर द्वारा रीजेंट में परिवर्तित होने वाली ऑप्टिकल डेन्सिटी (OD) को 340nm पर पढ़ा जाता है और एनालिसिस करके 4 मिनट के बाद रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देता हैं।



एसजीपीटी नार्मल रेंज (sgpt normal range या sgpt normal value)

एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testकी सामान्य सीमा आमतौर,पर 5 से 50 यूनिट प्रति लीटर के बीच होती है सामान्य तौर पर पुरुषों के रक्त में स्वाभाविक रूप से एसजीपीटी  की मात्रा अधिक हो सकती है पुरुषों के लिए 50 और महिलाओं के लिए 45 से ऊपर का स्कोर अधिक है और नुकसान का संकेत दे सकता है

Males: 5-50 U/L

Females: 5-45 U/L

 

एसजीपीटी परीक्षण की कीमत (sgpt test price)

हालाँकि एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testलीवर फंक्शन टेस्ट के अंतर्गत किया जाता है जिसकी कीमत लीवर फंक्शन टेस्ट में शामिल होती है यदि एसजीपीटी परीक्षण (sgpt testअकेला एडवाइस किया जाता है तो इसकी कीमत 100 रूपये से 250 रूपये प्रति टेस्ट हो सकता है

 

एसजीपीटी लेवल में कमी (sgpt low)

एसजीपीटी लेवल (sgpt levelमें कमी बहुत कम मामलों में देखने को मिलता है और यह इतना महत्वपूर्ण भी नहीं है। लीवर के गंभीर संक्रमण में जब व्यक्ति अंतिम अवस्था में होता है, एसजीपीटी लेवल आत्यधिक कम स्तर पर होता है

 

एसजीपीटी बढ़ने पर क्या होता है या SGPT बढ़ने के कारण (sgpt high)

एसजीपीटी एंजाइम सामान्य रूप से यकृत और हृदय कोशिकाओं में मौजूद होता है एसजीपीटी लेवल का बढ़ा हुआ स्तर कई बीमारियों की तरफ संकेत करता है यदि एसजीपीटी परीक्षण (sgpt test) के परिणाम सामान्य से अधिक हैं, तो इसका मतलब है कि एंजाइम युक्त अंगों या मांसपेशियों में से कोई क्षतिग्रस्त हो सकता है इनमें आपका लीवर, मांसपेशियां, हृदय, मस्तिष्क और गुर्दे भी शामिल हैं जैसे-

  • लीवर की बीमारी
  • वायरल हेपेटाइटिस 
  • लीवर सिरोसिस
  • बाइल डक्ट प्रॉब्लम
  • लीवर ट्यूमर या कैंसर
  • लीवर के रक्त के प्रवाह में कमी
  • अग्न्याशय में संक्रमण (pancreatitis)
  • विषाक्त पदार्थों का सेवन
  • कुछ दवाओ का सेवन

 

एसजीओटी की एसजीपीटी से तुलना (sgot sgpt, sgot and sgpt, sgpt and sgot)

लीवर के मामले में बात करे तो एसजीओटी की तुलना में एसजीपीटी लेवल सटीक जानकारी प्रदान कर सकता हैक्योकि एसजीपीटी की ट्रांसमिशन एक्टिविटी अन्य अंगो के मुकाबले में लीवर में सर्वाधिक होती है। जबकि एसजीओटी लीवर सेल्स के साथ साथ अन्य क्षेत्र से रिलीज़ हो सकता है। हार्ट अटैक के मामले में एसजीओटी का लेवल कई महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करता है। हार्ट अटैक आने के एक दो दिन बाद इसका स्तर बढ़ जाता है जबकि स्तर सामान्य ही बना रहता है।


 

Pre-hepatic

Hepatic

Post-hepatic

SGPT (ALT)

नार्मल

++++ (very high)

+++    (high)


एसजीपीटी और एसजीओटी का खतरनाक स्तर (danger level sgpt and sgot)


Sgot and Sgpt

100-2000 U/L

वायरल हेपेटाइटिस, ड्रग्स इंजरी

Sgot  

10x normal   

एक्यूट हेपेटोसेलुलर डिजीज

Sgot >sgpt

 

लीवर सिरोसिस

Sgot  sgpt

600-2000 U/L

एक्यूट बीयलेरी ट्रेक ओबस्ट्रुकशन

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