ईएसआर क्या होता है? (esr test kya hai)
ईएसआर एक प्रकार की खून की जांच है जिसमें व्यक्ति का खून किसी एक खास केमिकल जिसे सोडियम साइट्रेट कहा जाता है वाली ट्यूब में लिया जाता है। और उस ब्लड को एक कांच या प्लास्टिक की ट्यूब जिसे ईएसआर ट्यूब कहा जाता है, में सीधा खड़ा रखा जाता है। ईएसआर ट्यूब पर ऊपर से नीचे 0 से लेकर 190 तक मार्किंग होती है।
1 घंटे के बाद उसकी रीडिंग ली जाती है। 1 घंटे बाद आप देखते हैं कि ट्यूब में ब्लड के दो भाग दिखाई देने लगते हैं।
एक लाल रक्त वाला भाग और एक पानी की तरह साफ प्लाज्मा का भाग। जहां दोनों एक दूसरे के साथ मिलते हैं वहीं आपकी रीडिंग होगी वही आप की ईएसआर की रिपोर्ट होगी। और इसे ही ईएसआर टेस्ट कहा जाता है।
ईएसआर अर्थ (ESR Meaning)
ईएसआर (ESR) रक्त में उपस्थित लाल रक्त कणिकाओं के बैठने की दर को कहा जाता है।
यहाँ हम ESR full form बता रहे हैं।
E-Erythrocytes इरिथ्रोसाईट
S-Sedimentation सेडीमेंटेशन
R-Rate दर
इरिथ्रोसाईट लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) का दूसरा नाम है। सेडीमेंटेशन यानी नीचे बैठना और यदि इसे एक समय अन्तराल में मापा जाता है तो इसे दर कहा जाता है। अर्थात ईएसआर का अर्थ हुआ-
Erithrocyte sedimentation Rate
ईएसआर परीक्षण क्यों करते हैं?
जब किसी में कोई
इन्फेक्शन होता है तो हमारे रक्त के प्लाज्मा में परिवर्तन होने लगता है, जिससे
रक्त में मौजुद लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी) प्लाज्मा की तुलना में भारी होकर नीचे
बैठने लगती है।
ईएसआर परीक्षण डॉक्टर को यह जानकारी देता है कि लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी) कितनी तेजी से नीचे बैठ रही है। जितनी तेजी से कोशिकाएं ईएसआर ट्यूब में नीचे की ओर बैठती हैं, उतनी ही अधिक संभावना है कि इन्फेक्शन मौजूद है।
ईएसआर परीक्षण आपके शरीर में सामान्य रूप से किसी इन्फेक्शन की पहचान और माप सकता है।
सामान्य मान से अधिक मान शरीर में संक्रमण को दर्शाता है किंतु किस प्रकार का संक्रमण है यह इंगित नहीं करता है क्योंकि यह किसी बीमारी विशेष का टेस्ट नहीं है।
ईएसआर परीक्षण करने की विधियां (ESR Test methods)
ईएसआर परीक्षण (ESR Test) करने की कई विधियां हैं, किंतु वर्तमान में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली विधि ईएसआर वेस्टरग्रेन की है। दूसरी विधि ईएसआर विन्ट्रोब विधि है जो कि वर्तमान में बहुत कम उपयोग में ली जाती हैं। इन दोनों विधियों का हम अध्ययन करने जा रहे हैं।
A. ईएसआर वेस्टरग्रेन विधि (ESR Westergren method)
ईएसआर टेस्ट का सिद्धांत (ESR Principle)
सामान्यतः रक्त शरीर में बहता रहता है। जब इसे शरीर से बाहर निकाल कर किसी ट्यूब में रख दिया जाता है तो रक्त की कोशिकाओं अर्थात आरबीसी (RBC), डब्ल्यूबीसी (WBC) और प्लेटलेट रक्त के प्लाज्मा से भारी होने के कारण नीचे बैठती रहती है। जब इसे किसी निश्चित समय पर मापा जाता है तो ईएसआर (ESR) कहा जाता है।
ईएसआर का सामान्य मान (ESR normal value)
पुरुष 0 से 15 mm
महिला 0 से 20 mm
ईएसआर परीक्षण करने के लिए आवश्यक सामग्री
1. ईएसआर ट्यूब (ESR Tube)
यह कांच की बनी एक लंबी नली होती है जो बीच में से खोखली होती है जिसके दोनों सिरे खुले होते हैं। इस पर एक से लेकर 180 तक संख्या लिखी रहती हैं। जहां 0 ऊपर की ओर तथा 180 की संख्या नीचे की तरफ होता है। रीडिंग ऊपर से ली जाती है। वर्तमान में मार्किंग ट्यूब पर ना होकर स्टैंड पर होती है। कुछ ट्यूब प्लास्टिक की बनी होती हैं जो एक बार उपयोग के बाद फेंक सकते हैं। इसे सीधे टेस्ट ट्यूब में रखकर लगाया जा सकता हैं और किसी स्टैंड की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसे टेस्ट ट्यूब रेक में ही लगाया जा सकता है।
2. सोडियम साइट्रेट (Na-citrate)
यह एक तरल स्कंधरोधी (Anticoagulant) होता है जो कि रक्त को जमने से रोकता है। इसका प्रयोग ईएसआर परीक्षण (ESR Test) में किया जाता है जो कि 3.8% होता हैंं। इस विधि में 1 भाग सोडियम साइट्रेट का और 4 भाग ब्लड या रक्त का लिया जाता है।
3. ईएसआर स्टैंड (ESR stand)
4. स्टॉपवॉच (Stopwatch)
5. रक्त संग्रह की आवश्यक सामग्री ।
6. ESR Vial
ईएसआर परीक्षण करने के लिए ईएसआर ट्यूब आती है जिसमे पहले से ही में सोडियम साइट्रेट होता है। ट्यूब पर दिए गए चिह्न तक blood लेना होता है जिससें 1:4 का अनुपात प्राप्त हो जाता है।
ईएसआर टेस्ट करने का तरीका (ESR test procedure)
1. एक टेस्ट ट्यूब में एक भाग सोडियम साइट्रेट और चार भाग रक्त का लिया जाता है और इसे मिलाया जाता है। यदि रक्त EDTA में लिया हुआ होता है तो रक्त में सोडियम साइट्रेट फिर से नहीं मिलाया जाता है बल्कि उसमें 1 भाग Normal saline और चार भाग रक्त का लिया जाता है।
2. दोनों को मिलाने के पश्चात इसे ईएसआर ट्यूब (ESR tube) में डालकर ईएसआर स्टैंड में एक घंटे के लिए रख दिया जाता है।
3. एक घंटे पश्चात इसकी रीडिंग नोट की जाती है।
वर्तमान मे ईएसआर परिक्षण करने के लिए मशीन का प्रयोग भी किया जाता है। इसमें क्षमता के अनुसार एक साथ कई ईएसआर परिक्षण किये जा सकते हैं। और समय को आधा कर दिया जाता है अर्थात यदि किसी मशीन की क्षमता 80 ईएसआर करने की है तो वह आधे घंटे में 80 ईएसआर परीक्षण कर सकते हैं।
B. ईएसआर विन्ट्रोब विधि (ESR Wintrobe Tube method)
ईएसआर सामान्यमान (Normal ESR)
पुरुष 0 से 10 mm
महिला 0 से 15 mm
ईएसआर टेस्ट करने के लिए आवश्यक सामग्री
1. विन्ट्रोब ट्यूब (Wintrobe Tube)
यह कांच की बनी 11cm की एक ट्यूब होती हैं जिस पर दोनों ओर 0 से 10 तक की संख्या लिखी रहती हैं। ऊपर की ओर (जिस तरफ ट्यूब का मुंह खुला हुआ होता है) 0 से 10 तक की संख्या ESR के लिए जबकि दूसरी तरफ 1 से 10 तक की संख्या लिखी रहती हैं जो कि PCV के लिए होती हैं।
2. विन्ट्रोब ट्यूब स्टैंड
3. स्टॉपवॉच
4. रक्त संग्रह की आवश्यक सामग्री
ईएसआर टेस्ट करने का तरीका (ESR test procedure)
EDTA या ऑक्सलेट मिश्रित रक्त को लंबे मुँह की पाश्चर पीपेट की सहायता से 0 तक विन्ट्रोब ट्यूब में भरा जाता है ध्यान रहे इस बीच कहीं हवा के बुलबुले ना हो। भरी ट्यूब को विंट्रोब ट्यूब स्टैंड में रख दिया जाता है। 1 घंटे पश्चात रीडिंग नोट की जाती है।
ESR टेस्ट की कीमत (esr test price)
सामान्यतया एक ईएसआर परीक्षण की कीमत 50 रुपये से लेकर 100 रुपये तक हो सकती है।
ESR का उपयोग (What disease cause high ESR, high ESR means)
अब आपके प्रश्न कि यदि क्या होता है अगर ईएसआर अधिक है? ईएसआर उच्च? उच्च ईएसआर कारणों और उपचार? यदि ईएसआर अधिक है कि क्या होता है?
जब रक्त के प्लाज्मा प्रोटीन में कुछ परिवर्तन होता है तो व्यक्ति का ईएसआर बढ़ जाता है। चूँकि ईएसआर एक नॉन स्पेसिफिक टेस्ट है अर्थात जब किसी व्यक्ति का ईएसआर बढ़ जाता है तो यह नहीं कह सकते है की उसे फलां बीमारी हैं बल्कि् यह कहा जा सकता है कि किसी रोग के कारण ऐसा हुआ है और उस रोग का पता लगाने कुछ और टेस्ट करने की आवश्यकता होती है।
इसलिए किसी एक रोग का नाम देकर आपको भृमित नहीं कर रहे हैं। इसलिए ईएसआर परीक्षण (ESR test) शायद ही कभी अकेले किया जाता है। इसके बजाय, आपके लक्षणों का कारण निर्धारित करने के लिए आपका डॉक्टर इसे अन्य परीक्षणों के साथ जोड़ देगा।
कई बार डॉक्टर इलाज का आकलन करने के लिए भी बार बार ईएसआर (esr in blood test) करवाने की सलाह देते हैं क्योंकि यदि इलाज के दौरान ईएसआर सामान्य स्थिति में लौटना शुरू हो जाता हैं तो इसका अर्थ हुआ कि जो इलाज दिया जा रहा है वह कारगर साबित हो रहा है।
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