रविवार, दिसंबर 18

यूरिन में पस कोशिकाएं (pus cells in urine)

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यूरिन में पस कोशिकाएं क्या हैं? (what is pus cells in urine)

यूरिन में पस कोशिकाएं या मवाद कोशिकाएं (pus cells) मृत श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) होती हैं, जो संक्रमण के स्थान पर सफेद-पीले या पीले रंग का प्रोटीन युक्त तरल पदार्थ बनाती हैं। इन पस कोशिकाओं (pus cells) की कुछ मात्रा कभी-कभार मूत्र (urine) में मौजूद हो सकती हैं और यूरिन सैंपल में कुछ पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति नॉर्मल मानी जाती हैं।

यूरिन (urine) में अधिक पस कोशिकाएं यूटीआई यानी मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary tract infection) को बताती है। मूत्र मार्ग में गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और मूत्रमार्ग को शामिल किया जाता हैं। संक्रमण मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हो सकता है और आमतौर पर निचले हिस्से जैसे मूत्रमार्ग और मूत्राशय में संक्रमण होता है।

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यूरिन में पस कोशिकाओं की उपस्थिति पाइयूरिया (pyuria) के नाम से जानी जाती हैं। पाइयूरिया (pyuria) की स्थिति स्टराइल (sterile) या नॉन-स्टराइल (non-sterile) यूरिन में हो सकती हैं। यदि यूरिन में पस सेल्स (pus cells) हैं और उसका यूरिन कल्चर टेस्ट किया जाता हैं और उसमें बैक्टीरिया की उपस्थिति नही पाई जाती हैं तो उसे स्टराइल यूरिन कहा जाता हैं और यदि कल्चर के बाद बैक्टेरियल कॉलोनी मिलती हैं तो उसे नॉन-स्टराइल यूरिन कहा जाता हैं।


यूरिन में पस कोशिकाओं की नॉर्मल रेंज (pus cells in urine normal range)

यूरिन सैंपल में कुछ पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति नॉर्मल मानी जाती हैं। मूत्र में पस कोशिकाओं (pus cells) की बढ़ी हुई संख्या को शारीरिक रूप से मूत्र में दिखाई देने वाले परिवर्तनों के माध्यम से देखा जा सकता है। यूरिन में पस कोशिकाओं (pus cells) की नॉर्मल रेंज पुरुषों और महिलाओं में थोड़ी भिन्न हो सकती है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) होने का खतरा अधिक होता है। मूत्र में पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति किसी प्रकार के संक्रमण का संकेत है।
पुरुषों में पस कोशिकाओं (pus cells) की नॉर्मल रेंज लगभग 4 cells/HPF से कम होती है, जबकि महिलाओं में पस कोशिकाओं की नॉर्मल रेंज लगभग 5 से 7 cells/HPF में होती है।


क्या यूरिन में पस कोशिकाओं की उपस्थिति सामान्य है? (pus cells in urine normal range)

मूत्र में पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति सामान्य हो सकती है या मूत्र के नमूने में उनके स्तर के आधार पर सामान्य नहीं मानी जा सकती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के मूत्र के नमूने में बहुत कम मात्रा में पस कोशिकाओं (pus cells) मौजूद हो सकती हैं। हालांकि, मूत्र के नमूने में पस कोशिकाओं (pus cells) की एक बड़ी संख्या मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) का संकेत है। 
pus cells in urine 2-4 hpf सामान्य मानी जाती है। pus cells in urine 15-20 hpf यूरिन में संक्रमण की शुरूआती स्टेज को बताता है। जबकि pus cells in urine 80-100 या pus cells in urine फुल फ़ील्ड्स तीव्र यूरिन संक्रमण को बताता है।


मूत्र में पस कोशिकाओं के कारण (Causes of pus cells in urine)

मूत्र में पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति विभिन्न कारणों से हो सकती है। मुख्य रूप से मूत्र में पस कोशिकाओं की उपस्थिति बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के कारण होती है। मूत्र में पस कोशिकाओं (pus cells) की उपस्थिति के मुख्य कारणों में शामिल हैं:-
  • यूटीआई (UTI) या मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary tract infection)
  • एसटीआई (STD) या यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases)
  • योनि संक्रमण (Vaginal infection)
  • विषाणु संक्रमण (Viral infections)
  • जीवाणु संक्रमण (bacterial infections)
  • फफूंद संक्रमण (Fundus infections)
  • गुर्दे की बीमारी
  • रासायनिक विषाक्तता
  • क्षय रोग या मूत्र पथ का कैंसर
  • पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथियों में संक्रमण
  • मूत्र अंगों या जननांग अंगों का कैंसर।
  • गुर्दे या मूत्र पथ की पथरी
  • मूत्र पथ में ट्यूमर

मूत्र में पस कोशिकाओं के लक्षण (pus cells in urine symptoms)

कभी-कभी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (urinary tract infection) या यूरिन में पस की उपस्थिति के कोई लक्षण नहीं होंते हैं और जब लक्षण होते हैं तो वे कुछ इस प्रकार से हो सकते हैं।
  • अधिक या कम पेशाब आना (Frequent urination)
  • दुर्गंधयुक्त पेशाब
  • सफेदीयुक्त मूत्र (Cloudy urine)
  • पेशाब करते समय दर्द या बेचैनी
  • मूत्र त्याग करने में दर्द
  • पेशाब करते समय जलन होना।
  • जननांगों में खुजली
  • सर्दी के साथ बुखार
  • उल्टी
  • पेट में ऐंठन

यूरिन टेस्ट कैसे करें? (how to test pus cells in urine)

Mid stream यूरिन का ताजा सैंपल संग्रह करके लैब में दिया जाता हैं। इस यूरिन सैंपल को 5 मिनट के लिए 2500 आरपीएम पर सेंट्रीफ्यूज किया जाता है। सेंट्रीफ्यूज करने पर यूरिन के दो भाग दिखाई देते हैं। सुपरिनेंट (superinant) और सेडीमेंट (sediments) 
इनमें से सुपरिनेंट (superinant) गिरा दिया जाता हैं और सेडीमेंट को एक कांच की साफ स्लाइड पर एक बूंद सेडीमेंट डालें और इसे एक कवर ग्लास से ढक दें और माइक्रोस्कोप (Microscope) के हाई पॉवर लेंस (40X) पर पस सेल्स को काउंट किया जाता हैं और इस प्रकार से रिपोर्ट किया जाता हैं।

Occasional/HPF
Few/hpf
Meny/hpf
Plenty/hpf
Full field/hpf

इलाज (pus cells in urine treatment)

अधिकतर मामलों में यूरिन में पस सेल्स की उपस्थिति में एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता हैं। यदि यूरिन में बैक्टेरिया की उपस्थिति पाई जाती हैं तो यूरिन का कल्चर और सेंसटिविटी टेस्ट भी कराया जाता हैं और उस रिपोर्ट में कुछ एंटीबायोटिक दवाओं को सजेस्ट किया जाता हैं जिनका उपयोग यूरिन इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता हैं।


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