गुरुवार, दिसंबर 3

डब्ल्युबीसी (WBC) या टीएलसी काउंट (TLC Count)

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डब्ल्यूबीसी क्या है?

हमारे रक्त में तीन प्रकार की कोशिकाएं (cells) पाई जाती है, जिसमें से एक है- डब्ल्यूबीसी (WBC) इसके अतिरिक्त दो अन्य कोशिका है- आरबीसी और प्लेटलेट।

डब्ल्युबीसी (WBC)

डब्ल्यूबीसी अंग्रेजी के कुछ शब्दों का संशिप्त रूप है जिसका अर्थ होता है- श्वेत रक्त कोशिकाएं। इसको ल्यूकोसाइड (Leucocyte) भी कहा जाता है। 

ये कोशिकाएं शरीर की संक्रामक रोगों और बाह्य पदार्थों से रक्षा करती हैं। यह कोशिकाएं भी लाल रक्त कोशिकाओं की तरह अस्थि मज्जा (bone marrow) में विकसित होती है। 


डब्ल्युबीसी का पूरा नाम (WBC full form)

डब्ल्यूबीसी (WBC) श्वेत रक्त कोशिकओं का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप है, जिसका पूरा नाम  होता है- 

W = White (श्वेत)

B = Blood (रक्त)

C = Cells (कोशिकाएं)


श्वेत रक्त कोशिकाओ (White Blood Cells) को और भी कई अन्य नामों से पुकारा जाता है। जैसे-ल्यूकोसाइट्स या श्वेताणु या टीएलसी 

मोटे तौर पर इसको दो भागों में बांटा गया है-

ग्रेन्यूलोसाइट्स और  ऐग्रेन्यूलोसाइट 


ग्रेन्यूलोसाइट में तीन प्रकार की कोशिकाएं पाई जाती है, जिसके साइटोप्लाज्म में कणों की उपस्थिति होती हैं या जिसके कारण इसे ग्रेन्यूलोसाइट कहा जाता है।

ग्रेन्यूलोसाइट में न्यूट्रोफिल, इयोसिनोफिल और बेसोंफील को गिना जाता है। 

1. न्युट्रोफिल (Neutrophil)

2. लिम्फोसाइट (Lymphocyte)

3. इयोसिनोफिल (Eosinophil)

जबकि लिम्फोसाइट और मोनोसाइट डब्ल्यूबीसी के दो अन्य प्रकार है।

4. बेसोफिल (Basophil)

5. मोनोसाइट (Monocyte)


इन्हे प्रतिरक्षा प्रणाली (immune systems) की कोशिकाएं कहा जाता हैं जो संक्रामक रोगों के खिलाफ शरीर की रक्षा करती हैं वे वायरसबैक्टीरिया और अन्य आक्रमण से लड़ने के लिए रक्त के साथ बहती रहती हैं। ये वायरस या बैक्टीरिया हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। रक्त और लसीका (lymph) प्रणाली सहित पूरे शरीर में श्वेताणु (WBC) पाए जाते हैं। 


जब शरीर में किसी रोग का आक्रमण होता है तो यह कोशिकाएं उनसे लड़ती है। इस कारण संक्रमण के दौरान इसका लेवेल बढ़ जाता है। इसको एक सामान्य सीबीसी जांच द्वारा या  टीएलसी /डीअलसी जांच द्वारा पता किया जा सकता है। और डब्ल्यूबीसी की संख्या और प्रकार और उसके स्तर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) इन हानिकारक पदार्थ को नष्ट करने और इससे होने वाली बीमारी को रोकने में मदद करती हैं। 



सभी श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) में केन्द्रक होते हैं, जो उन्हें अन्य रक्त कोशिकाओं जैसे लाल रक्त कोशिकाओं आरबीसी और प्लेटलेट्स से अलग करता है क्योंकि इनमें केन्द्रक का अभाव होता है। 

डब्ल्यूबीसी  का जीवनकाल (Life span of WBC)

लाल रक्त कोशिकाओं की तरह श्वेत रक्त कोशिकाओं का जीवनकाल निश्चित समय का नहीं होता है चुकि श्वेत रक्त कोशिकाएं पांच प्रकार की होती है तो इसका जीवनकाल भी अलग-अलग होता है यह कुछ घंटो से लेकर (जैसे न्युट्रोफिल) कुछ वर्ष तक (जैसे टी-लिम्फोसाइट) होता है


टीएलसी क्या है (what is tlc)

जैसा कि कहा गया है की डब्ल्यूबीसी और टीएलसी एक ही है केवल नाम में भिन्नता है तो टीएलसी का अर्थ क्या है? आइये समझते है


टीएलसी का पूरा नाम (TLC full form)

T= Total (टोटल)

L= Leucocytes (ल्यूकोसाइट्स)

C= Count (काउंट)

जब एक घन माइक्रोलीटर रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओ की संख्या को व्यक्त किया जाता है तो टीएलसी शब्द का प्रयोग किया जाता है। यदि किसी की टीएलसी 7000 है तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति  के एक घन माइक्रोलीटर रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओ (wbc) की संख्या 7000 है। 

 

टीएलसी काउंट क्या है ? (what is tlc count)

रक्त में तीनो प्रकार की कोशिकाए निश्चित मात्रा में पाई जाती है। इसके मान में कमी या वृद्धि किसी रोग का सूचक होता है, इसलिए इनकी संख्या का पता लगाकर संबधित रोग का पता लगाया जा सकता है। 

जैसे लाल रक्त कोशिकाओ की संख्या मिलियन में होती है और प्लेटलेट्स की संख्या लाखो में होती है वैसे ही श्वेत रक्त कोशिकाओ की संख्या हजारो में होती है अर्थात रक्त के तीनो कोशिकाओ में सबसे कम अनुपात श्वेत रक्त कोशिकाओ का होता है 

किन्तु अन्य किसी कोशिका के मुकाबले इसके सामान्य मान में थोड़ी सी मात्रा में कमी या वृद्धि कही अधिक महत्वपूर्ण होती है अब इसके सामान्य मान को देख लेते है।


टीएलसी नार्मल रेंज (TLC normal range)

डब्ल्यूबीसी काउंट (WBC count) का नार्मल रेंज या  सामान्य मान  4000 से 11000 प्रति माइक्रोलिटर है जिसे क्यूबिक मिलीमीटर (Cumm) में भी व्यक्त किया जाता है।

जब टीएलसी (TLC) का मान इसके सामान्य मान से कम हो जाता है तो इसे ल्युकोपिनिया (Leucopenia) कहा जाता है यदि टीएलसी (TLC) का मान इसके सामान्य मान से अधिक हो जाता है तो इसे ल्यूकोसायटोसिस (leucocytosis) कहा जाता है


टीएलसी काउंट (TLC count) या टीएलसी टेस्ट क्या है?  (what is tlc test)  

टीएलसी टेस्ट (tlc test) के लिए व्यक्ति का 1-2 ml EDTA मिश्रित रक्त लिया जाता है। टीएलसी काउंट (TLC count) के पुराने तरीके में wbc diluting fluid और न्यूबार काउंटिंग चैम्बर (neubaur chamber) का उपयोग लिया जाता है। इसमें माइक्रोस्कोप की सहायता से श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) को गिना जाता है।

वर्तमान में CBC के माध्यम  से टीएलसी काउंट के साथ साथ कई अन्य पैरामीटर की जाँच एक साथ की जा सकती है न्यूबार काउंटिंग चैम्बर द्वारा टीएलसी काउंट की जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते है 


डब्ल्युबीसी काउंट में कमी (WBC count low)

जब डब्ल्यूबीसी काउंट (WBC count) सामान्य मान से कम होती है तो उसे ल्युकोपिनिया(Leucopenia) कहते हैं। डब्ल्यूबीसी कम होने के बहुत से कारण है जिसमें से यह कारण मुख्य है- 

  • अस्थि मज्जा या बोन मैरो फैलियर (bone marrow failure) - चुंकि डब्ल्यूबीसी (WBC) का निर्माण अस्थि मज्जा (bone marrow) में होता है तो अस्थि मज्जा में डिफेक्ट के कारण डब्ल्यूबीसी की संख्या कम देखी जा सकती है। इसी प्रकार यदि किसी को लंबे समय से बीमारी चली आ रही है तो उस अवस्था में भी डब्ल्यूबीसी कम देखी जा सकती है
  • स्प्लीन  या प्लीहा (spleen) की बीमारी में 
  • किसी प्रकार का कैंसर
  • कैंसर के इलाज के रूप में दी जाने वाली कीमोथरेपी
  • टाइफाइड  
  • ऑटोइम्यून डिजीज 
  • लिवर की बीमारी 
  • कई प्रकार के वायरल इनफेक्शन 
  • कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण 


टीएलसी कम होने से क्या होता है?

टीएलसी (TLCमें कमी होने से शरीर में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देता है। इसे केवल टीएलसी टेस्ट या सीबीसी टेस्ट द्वारा जांचा जा सकता है। टीएलसी (TLCकी संख्या कम होने पर डॉक्टर द्वारा इनके संभावित कारणों की जांच पड़ताल की जाती है। 


टीएलसी कम होने पर क्या करे?

यदि टीएलसी टेस्ट (TLC testमें डब्ल्यूबीसी की संख्या कम पाई जाती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए 

जब एक बार आपकी कम टीएलसी (TLC) के कारण का पता चल जाता है, तब उसके इलाज शुरू होने के बाद डब्ल्यूबीसी की संख्या धीरे-धीरे अपनी सामान्य स्थिति में आ जाती है 

जैसे यदि किसी को टाइफाइड है और उसके कारण डब्ल्यूबीसी की संख्या कम होती है तो टाइफाइड का इलाज शुरू होने के बाद डब्ल्यूबीसी की संख्या धीरे-धीरे यह सामान्य स्थिति में लौट आती है 


डब्ल्यूबीसी काउंट को कैसे बढ़ाये? (how to increase wbc count)

डब्ल्यूबीसी (WBC) की संख्या को बढ़ाने के लिए ऐसी कोई विशेष दवाई नहीं है जो टीएलसी (TLC) बढ़ाने में काम आती हो। 

हालांकि कुछ उपाय जैसे नियमित योग और व्यायाम, हरी शाक-सब्जिया और फलों का सेवन, विटामिन और मिनरल TLC के असमान्य मान को सामान्य स्थिति में लाने में सहायक सिद्ध हो सकते है।


डब्ल्युबीसी काउंट में वृद्धि (high wbc count)

जब डब्ल्यूबीसी काउंट (wbc count) सामान्य मान से अधिक होता है तो उसे ल्यूकोसायटोसिस (leucocytosis) कहते है। 
शरीर जब किसी भी संक्रमण का शिकार होता है तो शरीर उस संक्रमण से लड़ने के लिए डब्ल्यूबीसी की संख्या को बढ़ाता है, जो उस संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। 
अर्थात बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण होने पर टीएलसी (TLC) बढ़ जाता है। संक्रमण जितना अधिक होगा या अधिक समय तक होगा डब्ल्यूबीसी की संख्या उतनी ही अधिक होगी। ल्यूकिमिया (leukemia) एक रक्त कैंसर है जिसमें हैै, जिसमें डब्ल्यूबीसी (WBC) की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है।

डब्ल्युबीसी बढ़ने के नुकसान / डब्ल्युबीसी बढ़ने से क्या होता है?

डब्ल्यूबीसी (WBC) की संख्या बढ़ने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि यह संक्रमण के स्तर को दर्शाता है 

डब्ल्यूबीसी की अधिक संख्या संक्रमण के कारण होती है और उस संक्रमण के कारण शरीर को कहीं अधिक क्षति पहुंचती है


टीएलसी बढ़ने से क्या होता है?

जब कोई रोग हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो उन रोगों से लड़ने के लिए यह अपनी संख्या में वृद्धि करती हैं जिससे यह उससे लड़ सके।

यदि यह 11,000 से अधिक बढ़ जाती है तो कहा जाता है कि टीएलसी बढ़ गई है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है क्योंकि एक नवजात शिशु की टीएलसी 40000 तक सामान्य मानी जाती है। इसी प्रकार एक गर्भवती महिला में भी 16000 तक टीएलसी सामान्य होता है।

टीएलसी बढ़ने के बहुत से कारण है जिसमें एक सामान्य बुखार से लेकर ब्लड कैंसर तक की संभावना हो सकती है। 

टीएलसी बढ़ने के कारणों में बैक्टीरियल इनफेक्शन, वायरल इनफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, पैरासाइटिक इनफेक्शन, इन्फ्लेमेशन, ऑपरेशन के बाद, चोट लगने, जल जाने पर या कुछ दवाइयों के सेवन से भी टीएलसी बढ़ जाता है।

कुछ अन्य कुछ कारण जैसे फीवर, टीबी, अस्थमा, यूरिन इंफेक्शन आदि में टीएलसी बढ़ जाता है। इन सब में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह लाइलाज नहीं है। जैसे जैसे ट्रीटमेंट दिया जाता है नॉर्मल रेंज में लौट आती हैं। 

यदि यह लाखों में होती है तब चिंता की बात होती है, यदि किसी व्यक्ति टीएलसी एक-डेढ़ लाख से ऊपर होता है तो उस कंडीशन को ल्यूकेमिया कहा जाता है। यह एक प्रकार का रक्त कैंसर होता है।


टीएलसी कम कैसे करे / टीएलसी कम करने के उपाय

संक्रमण के इलाज के रूप में दी जाने वाली दवाई जैसे कई प्रकार की एंटीबायोटिक टीएलसी (TLC) को सामान्य स्थिति में लाने को मददगार हो सकती है 

इलाज कारगर होने पर यह बहुत तेजी से सामान्य मान की तरफ लौट आती है।


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