बुधवार, दिसंबर 9

डीएलसी टेस्ट (DLC Test)

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DLC

 

डीएलसी क्या है ? (what is dlc) या डीएलसी का अर्थ (dlc meaning)

डीएलसी (DLC)  टेस्ट रक्त में मौजूद WBC  के हर एक प्रकार के प्रतिशत को मापता है। डीएलसी (DLC)  को करने के लिए CBC या हिमोग्राम जैसे ऑटोमेटिक मशीन का सहारा लिया जाता है अथवा मेन्यूल तरीके से किया जाता है डीएलसी (DLC)  में किसी विशेष संक्रमण के प्रकार का पता लगाया जा सकता है। गणना में अपरिपक्व डब्ल्यूबीसी और अन्य असामान्यताओं जैसे एनीमिया, ल्यूकेमिया और विभिन्न संक्रमणों का पता लगा सकती है।

dlc full form

डीएलसी (DLC)  अंग्रेजी के एक वाक्य का संक्षिप्त रूप है जिसका पूर्ण रूप डिफरेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट है। जहां

D = डिफरेंशियल यानि विभिन्न

L = ल्यूकोसाइट यानि श्वेत रक्त कोशिकाएं

C = काउंट यानि गिनती

श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) या ल्यूकोसाइट्स (leucocyte) प्रतिरक्षा प्रणाली(immune system) का एक अनिवार्य हिस्सा है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। 

सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) के पांच प्रकार हैं: न्यूट्रोफिल, ईयोसिनोफिल्स और बेसोफिल को ग्रैनुलोसाइट (Granulocytes) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

ग्रैन्यूलोसाइट्स, WBC के कोशिका द्रव्य में मौजूद कण होते हैं। ये दाने प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के दौरान रसायनों का स्राव करते हैं। न्यूट्रोफिल में ये कण (Granules) छोटे जबकि  ईयोसिनोफिल्स और बेसोफिल में बड़े कण (Granules) पाए जाते है 

दूसरा प्रकार अग्रैनुलोसाइट (Agranulocytes) का है जिसमे WBC के कोशिकाद्रव्य (cytoplasm) में कण नहीं होते हैं। इनमें लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स को शामिल किया जाता है।

 

 

 

डीएलसी सामान्य मान (dlc normal range)

 

 

 

 

1

न्यूट्रोफिल (Neutrophil)

4,000-7,500 /Cumm

50%-70%

2

ईयोसिनोफिल्स (Eosinophil)

/Cumm

1%-4%

3

बेसोफिल (Basophil)

/Cumm

0.2%-1%

4

लिम्फोसाइट्स (Lymphocyte)

1500-4000 /Cumm

25%-45%

5

मोनोसाइट्स (Monocytes)

300-800 /Cumm

2%-8%

 

न्यूट्रोफिल (Neutrophil) : - डब्ल्यूबीसी (WBC) का सबसे आम प्रकार है और सामान्य परिस्थितियों में, सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है। इन कोशिकाओ का केन्द्रक कई लोब में बटा होता है। ये कोशिकाएं सूक्ष्मजीवों को रोकने में मदद करती हैं जो एंजाइमों के साथ नष्ट करके संक्रमण का कारण बनती हैं।  ये रोगजनकों, ज्यादातर बैक्टीरिया और कभी-कभी कवक के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। न्यूट्रोफिल रोगजनकों को पूरी तरह से घेर लेते हैं और अपनी कोशिका के अन्दर लेकर उन्हें पचा देते हैं। इस प्रक्रिया को फेगोसाईटोसिस कहा जाता है। वे आमतौर पर तीव्र या अल्पकालिक संक्रमण से जुड़े होते हैं।

इयोसिनोफिल्स (Eosinophil) - इन कोशिकाओ का केन्द्रक दो लोब में बटा होता है। परजीवी संक्रमण, सूजन और एलर्जी प्रतिक्रियाओं से लड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। इस कारण इनके संक्रमण में इयोसिनोफिल्स की संख्या बढ़ जाती है। ये एंटीजन एंटीबाडी काम्प्लेक्स का पाचन करते है, हिस्टामिन को निष्प्रभावी करते हैं और क्लॉट (clot) को घोलने (Dissolve) का कार्य भी करते है।

बेसोफिल (Basophil) : बेसोफिल सबसे कम संख्या में मौजूद हैं। उन्हें एलर्जी की प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए माना जाता है। बेसोफिल्स कोशिकाओ का केन्द्रक एस (S) आकार का होता है। इनमें हिस्टामिन, सिरोटोनिन और हिपारिन होता है जो क्षतिग्रस्त बासोफिल्स से निकलता है। ये एलर्जी प्रतिक्रियाओं और अस्थमा के हमलों के दौरान एंजाइम जारी करता है।

लिम्फोसाइट्स (Lymphocyte) - ये विशेष डब्ल्यूबीसी हैं जो शरीर में बाहरी कोशिकाओं और कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और बेअसर करने के लिए जिम्मेदार हैं। दूसरी सर्वाधिक मात्रा में पाई जाने वाली कोशिकाओ में है।

आकार के आधार पर ये दो प्रकार की होती है-

छोटी लिम्फोसाइट्स (small lymphocytes) और बड़ी लिम्फोसाइट्स (large lymphocytes)

कार्य के आधार पर भी दो भागों में बांट सकते है-

बी लिम्फोसाइट्स (B lymphocytes) कोशिकाएं जिसकी उत्पति फैब्रिकियस ऑफ़ बर्सा से (bursa of Fabricius) और टी लिम्फोसाइट्स (T lymphocytes) कोशिकाएं थाइमस से (thymus) उत्पन होती है।

सभी लिम्फोसाइट्स (lymphocytes) में से लगभग 70 फीसदी लिम्फोसाइट्स टी लिम्फोसाइट्स होती है शेष लिम्फोसाइट्स बी लिम्फोसाइट्स कोशिकाएं होती है।

बी कोशिकाएं (B lymphocytes) शरीर में प्रवेश करने से बैक्टीरिया या वायरस को नष्ट करने के लिए एंटीबॉडी का उपयोग करती हैं। जबकि टी कोशिकाएं या टी लिम्फोसाइट्स (T lymphocytes) शरीर की अपनी कोशिकाओं को लक्षित करती हैं और नष्ट करती हैं जो रोगजनक जीवों और ट्यूमर कोशिकाओं से संक्रमित होती हैं।

टी कोशिकाएं या टी लिम्फोसाइट्स (T lymphocytes) - वे शरीर की स्वयं और गैर-स्व कोशिकाओं के बीच अंतर करने के लिए जिम्मेदार हैं। टी कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को शुरू करने और इसे बढ़ाने के लिए तथा कैंसर कोशिकाओं और वायरस के विनाश के लिए भी जिम्मेदार हैं। बी कोशिकाओं या बी लिम्फोसाइटों को बाहरी कोशिकाओं जैसे बैक्टीरिया और वायरस जैसे रोगजनकों पर पाए जाने वाले एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करके प्राप्त प्रतिरक्षा को नियंत्रित किया जाता है।

मोनोसाइट्स (Monocytes) - वे शरीर परजीवी और बैक्टीरिया के खिलाफ खाने से बचाव करते हैं। सभी  सफेद रक्त कोशिकाओं में आकार में मोनोसाइट्स सबसे बड़ी कोशिका होती है मोनोसाइट्स: WBC हैं जो न्यूट्रोफिल जैसे फैगोसाइटोसिस द्वारा संक्रामक रोगजनकों के खिलाफ सुरक्षा में शामिल हैं। हालांकि, मोनोसाइट्स आमतौर पर पुरानी या दीर्घकालिक संक्रमण से जुड़े होते हैं।

 

डीएलसी (dlc test)

रक्त सैंपल का प्रकार

इसके लिए 2-3 ml EDTA मिश्रित रक्त लिया जाता है जिसे CBC के माध्यम से अथवा अंगुली से रक्त लेकर स्लाइड बनाकर DLC टेस्ट किया जाता है

स्लाइड तैयार करना (slide preparation)

रक्त सैंपल से अच्छी स्लाइड बनाकर इसको स्टेन किया जाता है जिससे रक्त कोशिकाओ को आसानी से पहचाना जा सकता है। इसलिए जेएसबी स्टेन (JSB stain), फील्ड स्टेन (field stain),लिश्मान स्टेन (leishman stain), जिम्सा स्टेन (Giemsa stain) आदि में से किसी एक स्टेन द्वारा रक्त स्लाइड को स्टेन की जाती है।

dlc count

स्लाइड सूखने के बाद स्लाइड को माइक्रोस्कोप के 100x आयलइमर्शन लेंस से अध्ययन किया जाता है। इसके लिए dlc हैण्ड काउंटर का उपयोग किया जाता है। जिसमे जिस प्रकार की कोशिका दिखाई देती है, उसी प्रकार की key को दबाकर नोट कर लिया जाता है। 



यदि आपके पास DLC काउंटर नहीं है तो एक खाली पेज पर इस प्रकार की टेबल बनाकर उस खाने में दिखाई दी गई कोशिका के प्रकार को लिखकर गिना जा सकता है। इस प्रकार 100 कोशिकाओ को गिना जाता है और अंतिम परिणाम के रूप में 100 में से कौन सी कोशिका कितनी है यह पता कर लिया जाता है।

N

L

N

E

B

N

L

L

N

L

N

N

L

N

L

N

N

N

L

N

N

L

N

N

L

N

N

L

N

L

L

N

L

N

L

N

L

N

N

N

N

L

N

L

E

N

M

N

N

E

N

N

N

N

N

L

N

N

L

N

E

L

N

N

M

N

L

E

N

N

N

L

N

N

L

N

L

N

N

N

M

N

L

N

N

L

N

L

N

M

N

N

L

N

E

N

L

N

L

N

tlc dlc जैसे इस टेबल में DLC इस प्रकार से है-

कुल सेल्स

100

100%

न्यूट्रोफिल (N)

59

59%

ईयोसिनोफिल्स (E)

6

6%

बेसोफिल (B)

1

1%

लिम्फोसाइट्स (L)

30

30%

मोनोसाइट्स (M)

4

4%

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