बुधवार, जून 16

प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स (platelets)

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प्लेटलेट्स क्या है? (what is platelets)

प्लेटलेट्स (platelets) या थ्रोम्बोसाइट्स (thrombocytes) हमारे रक्त में पाई जाने वाली छोटी, रंगहीन कोशिका हैं जो अस्थि मज्जा की मेगाकेरियोसाईट स्टेम सेल से विकसित होती हैं। 

अस्थि मज्जा में न केवल प्लेटलेट्स बल्कि सभी रक्त कोशिकाएं जैसे लाल रक्त कोशिकाओं, श्वेत रक्त कोशिकाओं और थ्रोम्बोसाइट्स आदि विकसित होती हैं। 

हमारे रक्त कोशिकाओं में सबसे छोटी कोशिका प्लेटलेट्स को केवल माइक्रोस्कोप में देखा जा सकता है। माइक्रोस्कोप में एक प्लेटलेट एक छोटी प्लेट की तरह दिखती है।


प्लेटलेट्स के कार्य (platelets function)

प्लेटलेट्स (platelets) वे कोशिकाएं होती हैं जो हमारे रक्त में निष्क्रिय रूप में बहती रहती हैं और हमारे शरीर में कही चोट आदि के कारण होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए सक्रिय रूप में आकर थक्के बनाने में मदद करती हैं। 

यदि हमारे शरीर की कोई रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो यह प्लेटलेट्स को संकेत भेजती है। जब प्लेटलेट्स उस संकेत को प्राप्त करते हैं, तो प्लेटलेट्स क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं को पहचान कर क्षतिग्रस्त स्थान पर पहुंच जाते हैं और आपस में जुड़ कर क्षति को ठीक करने के लिए एक प्लग या थक्का (clot) बनाते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं।

 

प्लेटलेट्स का जीवनकाल (Life span of platelets)

एक बार जब प्लेटलेट्स बन जाती हैं और हमारे रक्तप्रवाह में आ जाती हैं, तो वे 8 से 10 दिनों तक जीवित रहती हैं।

 

प्लेटलेट्स काउंट नार्मल रेंज (platelets normal range)

अक्सर लोगों द्वारा पूछा जाता है कि प्लेटलेट्स कितनी होनी चाहिए? या प्लेटलेट्स की संख्या कितनी होनी चाहिए? एक सामान्य व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 प्रति माइक्रोलीटर से अधिक होनी चाहिए और पांच लाख प्रति माइक्रोलीटर तक की मात्रा पर्याप्त होती है। 

कई लोगों में नार्मल प्लेटलेट्स की संख्या होने के बावजूद रक्तस्राव के लक्षण दिखाई देते है। इसका मतलब है कि प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य है, लेकिन प्लेटलेट्स उस तरह से काम नहीं करते जैसे उन्हें करना चाहिए। इसे प्लेटलेट्स डिसफंक्शन (platelets dis-functions) कहा जाता है। 

कुछ बीमारियां, एस्पिरिन जैसी दवाएं खराब प्लेटलेट्स फंक्शन से जुड़ी हुई होती हैं। इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। मानव शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या पता करने के लिए प्लेटलेट्स काउंट किया जाता है।   

 

प्लेटलेट्स काउंट क्या है? (platelets count)

यह एक रक्त परीक्षण है जिसमे व्यक्ति का 2-3 ml रक्त लिया जाता है। मेनुअल तरीके में रक्त को प्लेटलेट्स डेल्युटिंग द्रव के साथ मिलाकर न्यूबार काउंटिंग चैम्बर (neubaur chamber) से माइक्रोस्कोप में गिना जाता है। इसे सीधे CBC जाँच द्वारा भी किया जाता है, जिसमे प्लेटलेट्स की संख्या के साथ-साथ अन्य कई पैरामीटर की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है।

 

प्लेटलेट्स की अधिकता के कारण

प्लेटलेट्स (platelets) की संख्या पांच लाख प्रति माइक्रोलीटर से अधिक होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोसिस (thrombocytosis) कहते है और इसके दो प्रकार हैं

प्राथमिक थ्रोम्बोसाइटोसिस (Primary thrombocytosis) इसका कारण अस्थि मज्जा में असामान्य प्लेटलेट्स की वृद्धि हैं। इस स्थिति वाले लोगों में प्लेटलेट की संख्या 1 मिलियन से अधिक हो सकती है। प्राथमिक थ्रोम्बोसाइटोसिस का कारण अज्ञात है लेकिन अस्थि मज्जा कोशिकाओं में म्यूटेशन इस प्रकार के थ्रोम्बोसाइटोसिस को जन्म दे सकता है।

माध्यमिक थ्रोम्बोसाइटोसिस (Secondary thrombocytosis) - इसका कारण पुरानी बीमारी जैसे एनीमिया, कुछ प्रकार के कैंसर, इन्फ्लामेशन, सूजन, संक्रमण और दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया आदि हो सकता है।

इस प्रकार का थ्रोम्बोसाइटोसिस अधिक आम है। यह अस्थि मज्जा की समस्या के कारण नहीं है बल्कि मज्जा को अधिक प्लेटलेट्स बनाने के लिए उत्तेजित करती है। लक्षण आमतौर पर गंभीर नहीं होते हैं। दूसरी स्थिति में सुधार होने पर प्लेटलेट काउंट वापस सामान्य हो सकते है।

 

प्लेटलेट्स की अधिकता के परिणाम

यदि आपके पास बहुत अधिक प्लेटलेट्स हैं तो यह आपके थक्के जमने के जोखिम को बढ़ा सकता है। रक्त के थक्के बनना जो मस्तिष्क या हृदय को रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकते हैं जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है।


प्लेटलेट्स की अधिकता का इलाज

सर्वप्रथम प्लेटलेट्स की वृद्धि के कारण का पता लगाया जाता है जिसके कारण प्लेटलेट्स की संख्या में अधिकता हुई है बीमारी का पता चलने पर उस बीमारी का इलाज करने पर, प्लेटलेट काउंट नार्मल रेंज में आ जाती है। 

उदाहरण के लिए, यदि आपको कोई संक्रमण या एनीमिया है, तो आप उन स्थितियों का इलाज करते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। 

गंभीर मामलों में रोगी को प्लेटलेट फेरेसिस नामक प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। यह रक्त में से प्लेटलेट्स को अलग करके रक्त को पुन शरीर में चढ़ा देने की प्रक्रिया है।

 

प्लेटलेट्स की कमी के कारण

प्लेटलेट्स की संख्या 150,000  से कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपिनिया के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में आपका अस्थि मज्जा बहुत कम प्लेटलेट्स बनाता है।

  • यदि एक व्यक्ति का अस्थि मज्जा क्षतिग्रस्त हो जाता है और अपने स्वयं के पर्याप्त प्लेटलेट्स बनाने में असमर्थ होता है।
  • यह ल्यूकेमिया जैसे कुछ कैंसर के कारण हो सकता है  
  • यह कैंसर के उपचार के कारण भी हो सकता है।
  • गंभीर रक्तस्राव के कारण प्लेटलेट्स नष्ट हो गए हैं, जैसे कि दर्दनाक चोट के बाद या सर्जरी के दौरान।
  • ऑटोइम्यून बीमारियों, कुछ दवाओं, संक्रमणों या अन्य स्थितियों से प्लेटलेट्स नष्ट हो गए हैं।
  • रोगी की तिल्ली जो रक्त प्रवाह को फ़िल्टर करती है, बहुत अधिक प्लेटलेट्स को हटा देती है। आत्यधिक रक्तस्राव भी प्लेटलेट्स की कमी के कारण हो सकता है।

 

प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण (symptom of low platelets)

कम प्लेटलेट्स के लक्षणों में आसानी से चोट लगना और नाक से खून आना, असामान्य रक्तस्राव शामिल है जैसे कि एक छोटे से कट से अत्यधिक रक्तस्राव या मूत्र या मल में रक्त। रक्तस्राव शरीर के अंदर आंतरिक रूप में भी हो सकता है।

 

प्लेटलेट्स घटने के कारण (cause of low platelets)

  • प्लेटलेट्स कम होने की वजह कई प्रकार की बीमारिया हो सकती है जैसे यकृत रोग, गुर्दा संक्रमण (Kidney infection) अन्य कोई संक्रमण, 
  • कुछ प्रकार के कैंसर में जैसे ल्यूकेमिया या लिम्फोमा, 
  • कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी अस्थि मज्जा को नुकसान पहुंचा सकती है, प्लेटलेट उत्पादन को कम कर सकती है। (यह क्षति आमतौर पर अस्थायी होती है) 
  • ल्यूकेमिया और लिम्फोमा अस्थि मज्जा पर आक्रमण कर सकते हैं और रोगी के शरीर को आवश्यक प्लेटलेट्स का उत्पादन करने से रोक सकते हैं।
  • मलेरिया और डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाते है 
  • कई दवाएं अथवा 
  • बहुत ज्यादा शराब का सेवन और 
  • गर्भावस्था जैसी सामान्य स्थिति में भी प्लेटलेट्स घटने के कारण हो सकते है।

 

बहुत कम प्लेटलेट्स होने का क्या मतलब है?

जब आपके पास पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं होते हैं, तो इसे थ्रोम्बोसाइटोपिनिया कहा जाता है। लक्षणों में आसान चोट लगना, और मसूड़ों, नाक या जीआई पथ से बार-बार रक्तस्राव शामिल है। 

आपका प्लेटलेट काउंट तब गिर जाता है जब कोई चीज आपके शरीर को प्लेटलेट्स बनाने से रोक रही होती है। कारणों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसे आपने ऊपर देखा ही है

 

प्लेटलेट्स को कैसे बढायें (how to increase platelets)

प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए खाने में कुछ पदार्थों को शामिल कर सकते हैं जैसे- हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, ब्रोकोली, कद्दू पोषक तत्वों से भरपूर हैं और किसी व्यक्ति की प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। 

कुछ प्रकार के विटामिन का सेवन जैसे विटामिन बी-12, विटामिन सी, विटामिन डी आदि 

खट्टे फल जैसे संतरे और अंगूर, कीवी फल, स्ट्रॉबेरीज प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल के रूप में जाने जाते है 

पपीते के पत्ते का अर्क और गिलोय का काढ़ा आदि प्लेटलेट्स बढ़ाने के अचूक उपाय है

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