बुधवार, अगस्त 24

जिम्सा स्टैंन और स्टैंनिग प्रक्रिया (Giemsa stain)

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WHO की गाइडलाइंस के अनुसार मलेरिया (malaria) ब्लड स्लाइड या ब्लड फ़िल्म को स्टैंन करने के लिए पूरे विश्व भर में जिम्सा स्टैन (giemsa stain) का प्रयोग किया जाता हैं। इसके विपरीत भारत में जिम्सा के स्थान पर जेएसबी स्टैंन (JSB stain) काम में लिया जाता हैं और इसके कई कारण है। लेकिन भारत में भी कई स्थानों पर जिम्सा स्टैन (giemsa stain) काम में लिया जाता हैं क्योंकि जिम्सा स्टैन से स्टैंन की गई ब्लड स्लाइड जेएसबी स्टैंन की तुलना में बेहतर परिणाम देती हैं।

क्रोमेटिन (chromatin), केन्द्रक झिल्ली (nuclear membranes) और साइटोप्लाज्मिक तत्वों (cytoplasmic elements) के अपने अद्वितीय स्टैनिंग क्षमता के कारण जिम्सा स्टैन (giemsa stain) को मलेरिया के लिए अनुकूलित किया गया हैं।


JSB stain

Giemsa stain

इसको जबरसिंह और भट्टाचार्य ने इजाद किया था इसलिए यह एक भारतीय स्टैंन है।

जिम्सा स्टैंन को Gustav Giemsa नामक व्यक्ति ने इजाद किया था।

स्लाइड को स्टैंन करने में लगभग मिनट से कम समय लगता है।

मलेरिया स्लाइड को स्टैन करने में लगभग 10 मिनट से घंटे का समय लगता है। 

कम खर्चीला है।

जीएसबी की तुलना में यह स्टैंन महंगा है।

स्टनिंग क्वालिटी 70-80%  होती है।

स्टनिंग क्वालिटी बहुत अच्छी है।

जेएसबी स्टेन तैयार करना और उपयोग में लेना आसान है।

जिम्सा स्टेन तैयार करना और उपयोग में लेना अपेक्षाकृत कठिन है।

जेएसबी स्टैंन दो अलग-अलग बोतल में उपलब्ध होती हैं।

जिम्सा जेएसबी स्टैंन की तरह दो अलग अलग बॉटल में ना होकर एक ही बोतल में उपलब्ध होती हैं।



JSB stain और Giemsa stain में अंतर

जिम्सा स्टैन (giemsa stain) बाजार में उपलब्ध हो जाता हैं और इसे बनाया भी जा सकता हैं। इसे तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार से है-

giemsa stain composition

Methyl alcohol (acetone free)     75 ml

Giemsa powder                         0.75 g

Glycerol (pure)                            25 ml

जिम्सा स्टैन कैसे बनाएं (giemsa stain preparation)  

जिम्सा स्टैन (giemsa stain) तैयार करने के लिए 75 ml मिथाइल अल्कोहल को 25 ml ग्लिसरॉल को एक बीकर में लिया जाता हैं और इसे वाटरबाथ में रखा जाता हैं। और इसमें 0.75 ग्राम जिम्सा पाउडर मिक्स किया जाता है। एक कांच की छड़ से हिलाते हुए इसे 60 डिग्री तापमान तक गर्म किया जाता हैं। और छानकर एक बोतल में भर लिया जाता हैं। यह जिम्सा का स्टॉक सोलुशन हैं। उपयोग के लिए एक भाग स्टॉक सोलुशन को चार भाग मिथाइल अल्कोहल के साथ मिक्स किया जाता हैं।

अच्छी तरीके से बनी हुई और स्टैन की गई रक्त फिल्म मलेरिया के निदान के लिए विशेष रूप से मलेरिया की जाति की सटीक पहचान के लिए महत्वपूर्ण है।


                                       giemsa-staining 

ब्लड स्मीयर या ब्लड फ़िल्म को स्टैन करने के लिए जिम्सा स्टैन का उपयोग अनुशंसित और सबसे विश्वसनीय प्रक्रिया है। जिम्सा घोल इयोसिन (eosin) और मेथिलीन ब्लू (methylene blue) से बना है। स्टैन का इयोसिन (eosin) घटक मलेरिया परजीवी कोशिका के केंद्रक को लाल करता है, जबकि मेथिलीन कोशिका के कोशिकाद्रव्य (cytoplasm) को नीला करता है। 

पतली फिल्म को मेथनॉल के साथ फिक्स किया जाता हैं और मोटी फिल्म को डी-हीमोग्लोबिनाइजेशन करके एक साथ स्टैनिंग की जाती हैं। उचित प्रजातियों की पहचान के लिए परजीवियों के स्टिपलिंग को प्रदर्शित करने के लिए आदर्श pH 7.2 है।


मलेरिया की स्लाइड कैसे बनाई जाती हैं? (malaria slide making)

मलेरिया के लिए एक स्लाइड पर दो तरह की फिल्म (smear) बनाई जाती है।
मोटी फिल्म (thick smear)
पतली फिल्म (thin smear)

1. फिल्म (smear) बनाने के लिए कांच की एक साफ-सुथरी स्लाइड ली जाती हैं।

2. इसके एक किनारे पर 2 μl ब्लड की तीन ड्रॉप ली जाती है और कांच की दूसरी स्लाइड के एक कोने से इसे गोल-गोल घुमाते हुए 1 सेंटीमीटर एरिया में एक छोटे से सर्कल के भीतर में फैलाई जाती है। इसे मोटी फिल्म (thick smear) कहा जाता है। चूंकि कम स्थान पर ब्लड की मात्रा अधिक होने के कारण मलेरिया पैरासाइट को आसानी से खोजा जा सकता है इसलिए यह मलेरिया पैरासाइट के खोजने (detection) के लिए काम में आती है।

3. दूसरी फिल्म इससे कुछ दूरी पर ऊपर की और कुछ जगह छोड़कर, ताकि दोनों फ़िल्म को फिक्स करते समय कोई परेशानी ना हो। 2 μl रक्त की एक ड्रॉप ली जाती है और उस पर कांच की दूसरी स्लाइड, जिसे स्प्रेडर कहा जाता है, की सहायता से स्पर्श कराते हुए एक जीभ के आकार की पतली फिल्म (smear) बनाई जाती है। इसे पतली फिल्म (thin smear) कहा जाता है। यह फिल्म मलेरिया पैरासाइट की जाति या स्पीशीज की पहचान (identification) के लिए काम में आती है।

4. अब इस फिल्म को हवा में सूखने के लिए एक-आधे घंटे के लिए रख दिया जाता है।


रक्त फिल्म को सुखाने में सावधानियां

  • स्टैनिंग से पहले मोटी (Thick) रक्त की फिल्में पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए। इन्हें एक छोटे से हेयर ड्रायर से गर्म हवा से जल्दी सुखाया जा सकता है।
  • स्लाइड को गर्म करने से बचें, क्योंकि वे "हीट फिक्स" कर सकते हैं और स्मीयर इस तरह से स्टैन नहीं होगी।
  • रक्त स्मीयर तैयार होने के बाद जितनी जल्दी हो सके स्टैन हो जानी चाहिए। स्टैन के बिना स्लाइडों का संग्रहण गर्म और आर्द्र परिस्थितियों में कुछ दिनों के लिए ऑटो-फिक्सेशन का परिणाम देगी और मोटी फिल्म माइक्रोस्कोपी के लिए बेकार होगी।
  • फिल्म को हवा में सूखने के लिए रखते समय ध्यान रखें कि यह समतल सतह पर हो। इसे स्लाइड रैक पर खड़ा नहीं करे। इससे रक्त यहाँ वहाँ बह सकता हैं जो फ़िल्म की मोटाई को प्रभावित कर सकते हैं।
  • सूखने तक स्लाइड को ढक कर रखें। यह सीधे पानी, मक्खियों और मच्छरों के संपर्क में नहीं आनी चाहिए।
  • स्लाइड को धोने के लिए (rinsing slides) बफर्ड पानी की अनुशंसा की जाती है। यह इसलिए है कि उपयोग किए जाने वाले पानी का पीएच महत्वपूर्ण है, क्योंकि अम्लीय पानी फिल्मों का रंग खराब (decolorize) कर सकता है। स्लाइड्स को उसी बफर्ड पानी से धोया जाए जिसका pH 7.2 हैं।

स्टनिंग करने के तरीके (Methods of staining)

जिम्सा स्टैन से स्टैनिंग करने की दो विधियाँ हैं।

तेज़ (rapid) और

धीमी (slow)
 

तेज़ (rapid)

धीमी (slow) 

जिम्सा स्टेन के 10%  वर्किंग सॉल्यूशन का उपयोग किया जाता है।  

स्टैनिंग समय लगभग 10 मिनट का होता है 

यह विधि एक बार में 1-15 स्लाइड्स को स्टेन करने का सबसे सामान्य तरीका है।

इसका उपयोग आउट पेशेंट क्लीनिक और व्यस्त प्रयोगशालाएं जहां रोगी देखभाल के लिए त्वरित निदान आवश्यक हैमें किया जाता है।

यह विधि कुशल है लेकिन अधिक  स्टैंन की आवश्यकता है।

तीव्र विधि की तुलना में महंगा है क्योंकि इसमें बहुत कम स्टैन (10% स्टेन सॉल्यूशन के बजाय 3%) की आवश्यकता होती है।

 

जिम्सा स्टेन के 3वर्किंग सॉल्यूशन का उपयोग किया जाता है।  

स्टैनिंग समय लगभग एक घंटे का होता है 

बड़ी संख्या में स्लाइड्स (≥ 20) को स्टेन करने के लिए धीमी विधि (slow method) का उपयोग किया जाता है। यह रक्त फिल्मों को स्टैन करने के लिए आदर्श है।

त्वरित परिणाम के लिए यह कम उपयुक्त होता है।

इसका उपयोग क्रॉस-सेक्शनल (cross-sectional) महामारी विज्ञान सर्वेक्षण (epidemiological surveys) क्षेत्र अनुसंधान (field research) के दौरान बैच तैयार करने के लिए (for preparing batches of slides for teaching) और अध्यापन के लिए (slides for teaching) स्लाइड्स तैयार किया जाता है।




आवश्यक सामग्री और देखभाल

  • जिम्सा स्टैन (10% - रैपिड विधि के लिए और 3% - धीमी विधि के लिए)
  • जिम्सा वर्किंग स्टैन तैयार करने के लिए एक छोटा कंटेनर या बीकर उपयोग करने से पहले मापने वाले सिलेंडर, पिपेट, स्टैनिंग कुंड और बीकर साफ और सूखे होने चाहिए।
  • स्टैन लगी गंदे बर्तनों वाली रक्त फिल्म असंतोषजनक परिणाम देती है। जिम्सा स्टेनिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण से स्टैन हटाने के लिए साफ पानी में उपयोग के तुरंत बाद धोया जाना चाहिए। इसके बाद इसे पहले डिटर्जेंट के घोल में कुछ देर के लिए भिगो देना चाहिए।
  • बर्तनों को हल्के डिटर्जेंट से धोया जा सकता है, बशर्ते सुखाने से पहले वे साफ पानी में अच्छी तरह से धोए गए हों।
  • कांच और प्लास्टिक के बर्तनों पर बचा हुआ कोई भी डिटर्जेंट पानी के pH को बदल सकता है और उपकरण का अगली बार उपयोग किए जाने पर खराब स्टैनिंग का परिणाम दे सकता है।
  • अब्सयूलेट मेथनॉल (एसीटोन फ्री)
  • रबड़ की चूची के साथ पाश्चर पिपेट
  • मेथनॉल के लिए एक छोटा कंटेनर या बीकर
  • स्टेनिंग ट्रे, प्लेट या स्टेनिंग रैक
  • टाइमर/घड़ी
  • स्लाइड सुखाने वाला रैक
  • एक छोटा इलेक्ट्रिक हेयर ड्रायर
  • लेटेक्स दस्ताने और
  • बफर पानी (पीएच 7.2 के लिए)

स्टैन करने की विधि (giemsa stain procedure)

1.Giemsa स्टैन का working solution तैयार करें और इसे एक छोटा कंटेनर के अंदर रखें। (रेपिड के लिए 10% और स्लो के लिए 5% working solution)

2. एक पाश्चर पिपेट का उपयोग करते हुए केवल पतली फिल्म पर मेथनॉल को ध्यान से गिराकर पतली फिल्म को फिक्स करें। या पतली फिल्म को 2 सेकण्ड के लिए एक छोटे कंटेनर या मेथनॉल युक्त बीकर में डुबोएं। मोटी फिल्म और मेथनॉल के बीच संपर्क से बचें क्योंकि मेथनॉल और इसकी वाष्प जल्दी से मोटी फिल्म को फिक्स कर देंगे और मोटी फिल्म का हेमोलिसिस (dehemoglobinaization) में हस्तक्षेप करेंगे।

प्लास्मोडियम की पहचान में सहायता के लिए आरबीसी की आकारिकी (morphology) को बनाए रखने के लिए मेथनॉल से पतले स्मीयर को फिक्स किया जाता हैं।

3. स्लाइड्स को ट्रे या सुखाने वाले रैक पर रखें। स्लाइड्स को समतल पर रखकर मेथनॉल-फिक्स्ड थिन स्मीयर को पूरी तरह हवा में लगभग 2 मिनट के लिए सूखने दें। पतली फिल्म के साथ स्लाइड को कभी भी ऊर्ध्वाधर स्थिति में सूखने न दें, क्योंकि इससे मेथनॉल वाष्प द्वारा मोटी फिल्म को फिक्स किया जा सकता है।

4. रक्त स्लाइड्स को स्टैंन करने के लिए अलग-अलग स्टेनिंग रैक पर रखें, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे एक-दूसरे को स्पर्श नहीं कर रहे हैं।

5. स्टैंन को धीरे से स्लाइड्स पर धीरे-धीरे तब तक डालें जब तक कि वे पूरी तरह से ढक न जाएं। प्रत्येक स्लाइड के लिए लगभग 3 ml स्टैंन की आवश्यकता होगी। स्टैन को सीधे मोटी फिल्म पर डालने से बचें।

6. स्टैनिंग के लिए टाइमर को 8-10 मिनट पर (स्लो मेथड के लिए 45-60 मिनट्स) सेट करें और जिम्सा स्टैंन को स्लाइड पर छोड़ दें। स्टैन की सतह पर इंद्रधनुषी "मैल" को तैरते हुए देख सकते है। रिंसिंग (rinsing) के दौरान इसे ब्लड फिल्म्स पर लगाने से बचें, क्योंकि इससे जांच खराब हो सकती है।

यह हरे रंग की परत स्लाइड पर नहीं रहना चाहिए इसके लिए स्लाइड्स पर पतली फिल्म की ओर से बफर्ड पानी (pH 7.2) को तब तक डालना जाना चाहिए जब तक स्टेन और हरे रंग की परत पूरी तरह से न निकल जाये। स्टैनिंग समय के अंत में प्रत्येक स्लाइड को अलग-अलग हटा दें। बफ़र्ड पानी की बूंदों को जोड़कर स्लाइड से स्टैंन को धीरे से तब तक फ्लश करें जब तक कि सारा दाग न निकल जाए।

स्टैंन को सीधे स्लाइड पर न डालें, क्योंकि धात्विक हरे रंग की सतह का मैल चिपक जाएगा जो फिल्म को खराब कर सकता है और माइक्रोस्कोपी के लिए भी खराब हो सकता है।

7. स्लाइड पर से सभी स्टैंन को पानी गिराकर धीरे से साफ़ करें।

8. स्लाइड्स को एक-एक करके निकालें और मोटी फिल्म नीचे की ओर (thick film downwards) रखते हुए एक सुखाने वाले रैक में रखें और सुनिश्चित करें कि मोटी फिल्म रैक के किनारे को नहीं छुए।

9. स्लाइड्स को हवा में सूखने दें।


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