शनिवार, अक्तूबर 28

बायोप्सी टेस्ट (biopsy meaning in hindi)

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बायोप्सी क्या है? (biopsy test)

बायोप्सी (biopsy) एक मेडिकल टेस्ट है जिसका सैम्पल संग्रहण आमतौर पर एक सर्जन द्वारा किया जाता है और जाँच का कार्य लैब तकनीशियन और पैथोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता हैं। इस प्रक्रिया में संभावित कैंसर की बीमारी की उपस्थिति या स्थिति का पता करने के लिए जांच के लिए नमूना कोशिकाओं या ऊतकों को निकालना और जांच को शामिल किया जाता है।

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बायोप्सी क्यों की जाती है?

बायोप्सी शब्द आमतौर पर कैंसर से जुड़ा शब्द है, लेकिन केवल इसलिए कि आपके डॉक्टर ने बायोप्सी की जांच का कहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर है।
अधिकांश कैंसर के डॉयग्नोस के लिए बायोप्सी ही एकमात्र तरीका है जो यह बताता है कि कैंसर हैं कि नहीं। सीटी स्कैन और एक्स-रे जैसे इमेजिंग टेस्ट उन क्षेत्रों की पहचान करने में केवल मदद कर सकते हैं, लेकिन वे कैंसरग्रस्त और गैर-कैंसरग्रस्त कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं कर सकते हैं।

डॉक्टर बायोप्सी का उपयोग यह जांचने के लिए करते हैं कि आपके शरीर में कोई गांठ कैंसर के कारण हैं या अन्य कारणों से।
उदाहरण के लिए यदि किसी में कोई गांठ है तो एक इमेजिंग टेस्ट गांठ की पुष्टि करेगा, लेकिन बायोप्सी यह निर्धारित करने का एकमात्र तरीका है कि यह गांठ कैंसर युक्त है या नहीं।


बायोप्सी टेस्ट कैसे होता है?

बायोप्सी शरीर के किसी भी प्रभावित हिस्से से ली जा सकती है। ये बायोप्सी सैम्पल आमतौर पर एक सर्जन द्वारा लिया जाता हैं।
बायोप्सी के लिए मरीज के शरीर से प्रभावित स्थान से नीडल द्वारा कोशिकाओं को लिया जाता हैं जिसे FNAC टेस्ट कहा जाता हैं। इसकी एक स्लाइड बनाई जाती हैं और प्रोसेस के बाद स्टैंनिग की जाती हैं जिसे H & E स्टैनिंग कहा जाता हैं। इसके बाद स्लाइड को पैथोलॉजिस्ट द्वारा माइक्रोस्कोप में कोशिकाओं को चेक किया जाता हैं कि वे सामान्य कोशिकाएं हैं या केंसर सेल्स।

दूसरी ओर यदि कोई अंग प्रभावित हैं तो उसका कुछ भाग या कई बार सर्जरी में अंग ही निकाल दिया जाता हैं। उस अंग के कुछ भाग का उत्तक लिया जाता हैं और यह टिश्यू निम्नलिखित प्रक्रिया से गुजरता है।

टिश्यू प्रक्रिया के चरण (stage of tissue processing)
1. फिक्सेशन (FIXATION)
2. डिहाइड्रेशन (DEHYDRATION)
3. क्लीयरिंग (CLEARING)
4. इम्प्रेग्नेशन (IMPREGNATION)
5. एम्बेडिंग (EMBEDDING)
6.माइक्रोटॉमी (MICROTOMY or SECTIONING)
7.स्टैनिंग (STAINING)
8. माउंटिंग (MOUNTING)
9. माइक्रोस्कोपी (MICROSCOPY)

पैथोलॉजिस्ट द्वारा माइक्रोस्कोप में कोशिकाओं को चेक किया जाता हैं कि वे सामान्य कोशिकाएं हैं या केंसर सेल्स।


बायोप्सी की जांच कितने रुपए में होती है (Biopsy Test price) (biopsy test cost)

बायोप्सी टेस्ट की कीमत में एकरूपता नहीं पाई जाती हैं। विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इसकी कीमत नाममात्र की होती हैं या निःशुल्क होती हैं। यदि यह जाँच किसी निजी लैब में होती हैं तो लैब दर लैब इसकी कीमत भिन्न भिन्न होती हैं। बायोप्सी की कीमत और समय टिश्यू और बायोप्सी के प्रकार के आधार पर भिन्न भिन्न होती हैं। औसतन बॉयोप्सी जाँच की कीमत 700 रुपये से 1500 रुपये होती हैं।


बायोप्सी की रिपोर्ट कितने दिन में आती है?

ब्लड टेस्ट के मुकाबले इसकी रिपोर्ट प्राप्ति में काफी समय लगता हैं। इसके लिए कुछ कारक जिम्मेदार है।
जैसे-
  • अस्पताल या क्लिनिक में मरीजों का वर्कलोड
  • लैब स्टाफ की उपलब्धता
  • बायोप्सी का प्रकार
  • अंग की संभावित बीमारी
क्योंकि गंभीर बीमारी होने पर रिपोर्ट को और आगे की जाँच की जाती हैं। अगर आपको कोई भी गंभीर बीमारी नहीं है तो बायोप्सी की रिपोर्ट जल्दी भी आ जाती हैं। हालांकि अगर सामान्य रूप से देखा जाए तो सामान्य बीमारी की बायोप्सी रिपोर्ट मिनिमम 4 से 7 दिन में आ जाती हैं और अगर कोई गंभीर बीमारी हैं तो 7 दिन से एक माह का समय लग सकता हैं।



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