शुक्रवार, जनवरी 5

बिलीरुबिन (bilirubin in hindi)

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बिलीरुबिन क्या हैं (what is bilirubin)

बिलीरुबिन (bilirubin) एक प्रकार का रंजक (pigment) हैं जिसका निर्माण रक्त में पाए जाने वाली आरबीसी के टूटने पर होता हैं। इसे मल और मूत्र के साथ उत्सर्जित कर दिया जाता हैं।

बिलीरुबिन का निर्माण (Bilirubin formation)

खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं या आरबीसी (RBC) का जीवनकाल 120 दिन का होता है। लगभग 120 दिनों के बाद इन सेल्स को रेटिकुलोएंडोथेलियल सिस्टम द्वारा ब्लड सर्कुलेशन से हटा दिया जाता है।

आरबीसी के टूटने से निकला हीमोग्लोबिन आगे और टूटकर दो भागों में बट जाता है जिसे हेम और ग्लोबिन कहा जाता है। अधिकांश ग्लोबिन हाइड्रोलाइज्ड हो जाता है जबकि हेम आगे और टूट कर आयरन और पोरफायरिन में बदल जाता है।

आयरन नई आरबीसी के निर्माण में काम आ जाता है जबकि पोरफायरिन आगे बिलिवर्डिन में बदल जाता हैं जो मेटाबॉलाइज होकर बिलीरुबिन का निर्माण करता हैं। इसे इनडायरेक्ट बिलीरुबिन कहा जाता है या दूसरे शब्दों में अनकंजुगेटेड बिलीरुबिन भी कहा जाता है।
Bilirubin, बिलिरुबिन,

यह बिलीरुबिन टॉक्सिक पदार्थ होता है जिसे शरीर के बाहर निकालना आवश्यक होता है किंतु यह पानी में घुलनशील नहीं होता है। इस कारण यह बिलीरुबिन प्लाज्मा में एल्ब्यूमिन से बंध कर लिवर में जाता है।

लिवर में बिलीरुबिन एल्ब्यूमिन से अलग हो कर ग्लुकुरोनिक एसिड से जुड़ जाता हैं। इस कारण इसे कंजुगेटेड बिलीरुबिन कहते हैं। कई बार इसे डायरेक्ट बिलीरुबिन भी कहा जाता हैं।

चूंकि डायरेक्ट बिलीरुबिन पानी में घुलनशील होता है तो इसे पित्त यानी बायल (bile) में आसानी से उत्सर्जित किया जा सकता है।

आंत में यह यूरोबिलिनोजन में मेटाबॉलाइज होता है और अधिकतर स्टूल में स्टर्कोबिलिन और स्टर्कोबिलिनोजेन के रूप में उत्सर्जित होता है।

यूरोबिलिनोजेन का कुछ भाग आंत से पुनः अवशोषित हो जाता है और यूरिन में यूरोबिलिन और यूरोबिलिनोजेन के रूप में उत्सर्जित होता है।

सीरम बिलीरुबिन इनडायरेक्ट (serum bilirubin indirect)

ऊपर आपने देखा कि आरबीसी के टूटने पर पोरफायरिन और बिलिवर्डिन और अंततः बिलीरुबिन का निर्माण होता हैं। इसे ही इनडायरेक्ट बिलीरुबिन कहा जाता हैं।

सीरम बिलीरुबिन डायरेक्ट (serum bilirubin direct)

जब इनडायरेक्ट बिलीरुबिन प्लाज्मा में एल्ब्यूमिन से बंध कर लिवर में चला जाता हैं और वहाँ एल्ब्यूमिन से अलग होकर ग्लुकुरोनिक एसिड से जुड़ जाता हैं तो उसे डायरेक्ट बिलीरुबिन कहा जाता हैं।

कंजुगेटेड बिलीरुबिन (conjugated bilirubin)

जब बिलीरुबिन लिवर में जाता हैं तो यह ग्लुकुरोनिक एसिड से जुड़ जाता हैं। इस कारण इसे कंजुगेटेड बिलीरुबिन कहते हैं। इसे डायरेक्ट बिलीरुबिन भी कहा जाता हैं।

अनकंजुगेटेड बिलीरुबिन ( Unconjugated bilirubin)

रेटिकुलोएंडोथेलियल सिस्टम में आरबीसी के टूटने से बिलीरुबिन का निर्माण होता हैं। चूंकि यह बिलीरुबिन ग्लुकुरोनिक एसिड से जुड़ा हुआ नहीं है इस कारण इसे अनकंजुगेटेड बिलीरुबिन कहते हैं। इसे इनडायरेक्ट बिलीरुबिन भी कहा जाता हैं।

सीरम बिलीरुबिन (Serum bilirubin)

ब्लड में जब हम सीरम बिलीरुबिन की बात करते हैं तो उपरोक्त दोनों बिलीरुबिन को शामिल किया जाता है जिन्हें टोटल बिलीरुबिन कहा जाता है। ब्लड टेस्ट में टोटल बिलीरुबिन और डायरेक्ट बिलीरुबिन को अलग-अलग टेस्ट किया जाता है जबकि इनडायरेक्ट बिलीरुबिन को हम कैलकुलेशन से प्राप्त कर सकते हैं। आप इसे इस प्रकार से समझ सकते हैं।
फॉर्मूला इस प्रकार है-

इनडायरेक्ट बिलीरुबिन = टोटल बिलीरुबिन - डायरेक्ट बिलीरुबिन

डायरेक्ट बिलीरुबिन = टोटल बिलीरुबिन - इनडायरेक्ट बिलीरुबिन

टोटल बिलीरुबिन = डायरेक्ट बिलीरुबिन + इनडायरेक्ट बिलीरुबिन

बिलीरुबिन टोटल कितना होना चाहिए?

एक वयस्क व्यक्ति में बिलीरुबिन की मात्रा निम्नानुसार होनी चाहिए।
टोटल बिलीरुबिन = 0.2 - 2.0 mg/dl
डायरेक्ट बिलीरुबिन = 0.1 - 0.3 mg/dl
इनडायरेक्ट बिलीरुबिन = 0.1 - 0.7 mg/dl

एक वयस्क व्यक्ति के मुकाबले शिशु में बिलीरुबिन की नॉर्मल रेंज भिन्न भिन्न होती हैं। उम्र के अनुसार यह निम्नानुसार होनी चाहिए।

0 - 1 दिन = 2 - 6 mg/dl
1 - 2 दिन = 6 - 10 mg/dl
3 - 5 दिन = 4 - 8 mg/dl

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