बुधवार, जनवरी 20

आरबीसी काउंट (RBC COUNT)

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 आरबीसी काउंट (RBC COUNT) 

RBC COUNT


हीमोसाइटोमिट्री (Haemocytometry)

हिमेटोलोजी (Hemetology) शाखा में हीमोसाइटोमिट्री (Haemocytometry) के अंतर्गत रक्त कोशिकाओं जैसे लाल रक्त कणिका (RBC), श्वेत रक्त कणिका (WBC) और प्लेटलेट्स का वेट माउंट (wet mount) द्वारा मात्रात्मक (quantitative) मापन किया जाता है।

हीमोसाइटोमिट्री जिसमें हीमो का अर्थ है रक्त और साइट बना है सेल (cells) से और मिट्री का अर्थ है मेजरमेंट (measurement) या मापन।

Haemocytometry


हीमोसाइटोमिट्री का सिद्धांत (principle of Haemocytometry)

जब किसी थक्कारोधी या एंटीकोगुलेंट (anticoagulant) मिश्रित रक्त को किसी निश्चित मात्रा में किसी डेल्युटिंग फ्लूड (diluting fluids) के साथ मिलाकर उसे एक चेंबर में रखा जाता है, जिसे न्यूबार काउंटिंग चेंबर (neubauer counting chamber) कहा जाता है। इस चेंबर में कुछ ग्रिड (grids) बने हुए होते हैं। अलग-अलग रक्त कोशिकाओ के लिए अलग-अलग ग्रिड बने हुए होते हैं। उस पर कवर स्लिप (cover glass) लगाकर ग्रिड में देखा जाता है। प्राप्त cells को फार्मूले में रखकर अंतिम परिणाम प्राप्त किया जाता है।

 

आरबीसी काउंट (RBC count) या टोटल आरबीसी काउंट (total rbc count) या आरबीसी टेस्ट (rbc test) या आरबीसी ब्लड टेस्ट (rbc blood test)

(RBC meaning and RBC full form)

RBC का अर्थ है - रेड ब्लड सेल्स। सम्पूर्ण रक्त में इसकी मात्रा सर्वाधिक होती है और इन्ही कोशिकाओ के कारण रक्त लाल दिखाई देता है। RBC को एरिथ्रोसाइट भी कहते है आरबीसी की साइज़ (rbc size) 7 माइक्रोमीटर होती है। इसका हम नीचे विस्तार से वर्णन करने जा रहे है।

rbc

रक्त सैंपल का प्रकार 

कैपिलरी ब्लड (capillary blood)

लाल रक्त कोशिकाओ या आरबीसी काउंट (RBC count) करने के लिए किसी भी एंटीकोगुलेंट (anticoagulant) मिश्रित ब्लड के द्वारा आरबीसी काउंट (RBC Count) किया जा सकता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के हाथ की नस से रक्त (venous blood) प्राप्त करना कठिन हो तो कैपिलरी ब्लड (capillary blood) का उपयोग भी किया जा सकता है। यह  कान से या हाथ की अंगुली से लिया जा सकता है।


आरबीसी डेल्युटिंग फ्लूड (RBC diluting fluids) 

आरबीसी काउंट (RBC count) करने के लिए आरबीसी डेल्युटिंग फ्लूड (RBC diluting fluids) काम में लिया जाता है जिसमें शामिल है- 

A. फॉर्मल सिट्रेट सोलूशन (Formal citrate solution)

1. ट्राइ सोडियम सिट्रेट (Trisodium citrate)         3 gm

2. आसुतजल (Distilled water)                   99 ml

3. फोर्मेलिन (Formalin)                         1 ml

 

B. Hayem´s Fluid

1. सोडियम क्लोराइड (Sodium chloride)         0.5 gm

2. सोडियम सल्फेट (Sodium sulphate)          2.5 gm

3. मार्कुरिक क्लोराइड (Mercuric chloride)       0.25 gm

4. आसुतजल (Distilled water)                100 ml

 

आरबीसी काउंट (RBC countकरने के लिए आवश्यक सामग्री 


(1)
माइक्रोस्कोप (microscope)

(2) इंप्रूव न्यूबार काउंटिंग चेंबर (haemocytometer or improved neubauer counting chamber)

यह मोटे कांच की बनी एक स्लाइड होती है जिसके बीच में दो चेंबर बने हुए होते हैं। इस चेंबर पर रसायन द्वारा ग्रिड बनाया जाता है। दोनों ओर स्लाइड खाली ही होती है। 

improved neubauer counting chamber

एक स्लाइड में 2 ग्रिड बने हुए होते हैं। जिसमें आरबीसी (RBC) डब्ल्यूबीसी (WBC) और प्लेटलेट (Platelet) के लिए खाने बने हुए होते हैं। इन खानों में सेल्स को काउंट किया जाता है। ग्रिड आकार में 3mm X 3mm होता है। ग्रिड में 1mm चौड़ाई के 9 वर्ग बने होते हैं। कोनों पर बने चार वर्गों का उपयोग WBC को गिनने के लिए किया जाता है। बीच के वर्ग का उपयोग प्लेटलेट्स और लाल रक्त कोशिकाओं को गिनने के लिए किया जाता है। 

दोनों चेंबर के बीच में एक खाई बनी हुई होती है, जो कि दोनों चेंबर को एक दूसरे से अलग करती है। एक साथ दो रक्त सैंपल का आरबीसी काउंट (rbc count) किया जा सकता है।

rbc count

मध्य में स्थित यह वर्ग 25 छोटे वर्गों में विभाजित है। 25 छोटे वर्गों में से प्रत्येक 16 छोटे और वर्गों में विभाजित होता है। इसलिए, मध्य में स्थित यह वर्ग 400 छोटे वर्गों से बना है।

(3) कवर स्लिप (cover glass) - इस चेंबर पर एक कांच की पट्टी रखी जाती है, जिसे कवर स्लिप कहा जाता है। यह कांच की पतली सी परत होती है जो चेंबर पर रखा जाता है जो कि द्रव्य को बनाए रखती है ।

कवर स्लिप (cover glass)

कवर ग्लास 22mm चौड़ाई की कांच की पतली परत होती है जो केंद्रीय क्षेत्र को कवर करते हुए न्यूबॉर चेंबर के शीर्ष पर रखा जाता है। चैम्बर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि चैम्बर और कवर ग्लास के बीच द्रव के लिए 0.1 मिमी की जगह बचती है। यदि फ्लूइड की बूंद पहले रखी जाती है और कवर ग्लास बाद में तो चैम्बर और कवर के बीच की दूरी 0.1 मिमी से अधिक होगी, और सेल काउंट सही नहीं होगा।

 

(4) आरबीसी पीपेट (rbc pipette)

रक्त सैंपल को लेने और फ्लूइड को मिलाने के लिए इस पीपेट का का उपयोग किया जाता है। यह कांच की और रबर की बनी हुई एक लंबी नली होती है। कांच की नली पर 0.5 मार्क और 101का चिह्न बना हुआ होता है। और बीच में एक बल्ब लगा होता है जिसमें लाल रंग का एक मनका होता है। यह रक्त और Diluting fluid को मिश्रित करने में काम आता है।  

बल्ब के बाद एक और मार्किंग होती है जो कि 101 तक होती है और उसके बाद रबड़ का बैंड आता है, जिसका अंतिम सिरा लाल रंग का माउथपीस के साथ खत्म होता है। लाल रंग का मनका और माउथपीस बताता है कि यह पीपेट आरबीसी काउंट के लिए है। 0.5 मार्क तक ब्लड और 101 मार्क तक RBC fluid लेने पर इसमें 200 का dilution प्राप्त होता है।

 

आरबीसी काउंट का सिद्धांत (Principle of RBC count)

इस टेस्ट को करने के लिए रक्त को 200 गुना आरबीसी RBC Diluting fluid के साथ मिलाया जाता है। इन रक्त कणिकाओं को 40X पर माइक्रोस्कोप में न्यूबार काउंटिंग चेंबर द्वारा बीच के बड़े खाने में स्थित कोर्नर के चार खाने और सबसे मध्य के खानों में आरबीसी सेल्स को गिना जाता है और अंतिम परिणाम को फार्मूले से प्राप्त किया जाता है।


आरबीसी काउंट करने का तरीका (RBC count test procedure)

1. आरबीसी काउंट (RBC count) को करने के लिए किसी व्यक्ति का रक्त को आरबीसी पीपेट द्वारा 0.5 मार्क रक्त लिया जाता है।

2. उसके बाद 101 मार्क तक RBC Diluting fluid लिया जाता है ।

3. इसे अच्छी तरीके से मिलाया जाता है।

4. उसके पश्चात आरबीसी पीपेट से कुछ बूंदें निकाल दी जाती है क्योंकि आगे का भाग रक्त के साथ मिश्रित नहीं होता है ।

5. इसके पश्चात आरबीसी पीपेट द्वारा द्रव्य की एक बूंद बनाई जाती है और कवर स्लिप लगे न्यू बार काउंटिंग चेंबर से बूंद को स्पर्श कराने पर कैपिलरी एक्शन द्वारा द्रव्य अपने आप चेंबर में लोड हो जाता है।


Bulk dilution method

अन्य तरीके में जिसे Bulk dilution method कहते हैं। इसमें 3.98ml RBC Diluting fluid लिया जाता है। और 20 माइक्रोलीटर रक्त को एक टेस्ट ट्यूब में मिला कर रखा जाता है। और यह 200 का dilution प्रदान करता है और इसकी एक बूंद चेंबर में लोड की जाती है।

द्रव्य (fluid) को चेंबर में लोड करते समय ध्यान रखें कि द्रव्य चेंबर के ऊपर से होकर दूसरे चेंबर तक नहीं पहुंचना चाहिए और न ही द्रव्य की बूंद इतनी छोटी होनी चाहिए कि चेंबर को पूरा ढक ही नहीं पावे। दोनों ही स्थितियों में गलत परिणाम प्राप्त होने की संभावना होती है।

6. इस चेंबर को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि कोशिकाएं अपना स्थान ग्रहण कर सकें उसके पश्चात लो पावर (high power) पर आरबीसी के खानों को देखा जाता है।

7. मध्य स्थित अंग्रेजी के अक्षर R से दर्शाए गये 5x16=80 खानों में आरबीसी यानि लाल रक्त कणिकाओं को गिना जाता है। एक आरबीसी का खाना 16 छोटे खानों में बटा होता है।

8. ऊपर के पहले खाने R1 से कोशिकाओं को गिनना शुरू किया जाता है और R5 खानों तक गिना जाता है। इसी प्रकार से आरबीसी खानों में cells को गिना जाता है। और इन चारों खानों में प्राप्त कोशिकाओं को फार्मूले में रखा जाता है। 

कोशिकाओं को गिनते समय यह ध्यान रखा जाता है कि खाने के कोने में लाइन के ऊपर पड़ी कोशिकाओं को केवल 2 साइड में ही गिना जाता है। अर्थात 4 खानों में से किसी भी दो खानों की लाइन के ऊपर पड़ी कोशिकाओं को गिना जाता है और अन्य को छोड़ दिया जाता है।

आरबीसी काउंट (RBC count) करने का फार्मूला इस प्रकार से है-

rbc count formula
आरबीसी काउंट (RBC count) अधिक होने पर dilution को बढ़ाया जा सकता है जिसमें 5.98ml Diluting fluid और 0.02 ml  रक्त लिया जाता है और इसके द्वारा 300 का dilution प्राप्त किया जा सकता है। खून की कमी (anemia) में dilution को कम भी किया जा सकता है। जिसमें 1.98ml Diluting fluid और 0.02 ml रक्त लिया जाता है और इसके द्वारा 100 का dilution प्राप्त किया जा सकता है।

rbc count


आरबीसी काउंट का सामान्य मान (RBC normal range)

वयस्क पुरुष का नार्मल आरबीसी काउंट (normal rbc count) 4.5- 6.0 मिलियन प्रति माइक्रोलीटर (million/cumm-µl) और वयस्क महिला में नार्मल आरबीसी काउंट (normal rbc count) 4.0-4.5 मिलियन प्रति माइक्रोलीटर (million/cumm-µl) होता है।

               

एरिथ्रोसाइटोसिस (erithrocytosis) और एनीमिया (Anemia)

  1. यदि किसी में लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से अधिक (rbc count high) हो जाती है तो उसे एरिथ्रोसाइटोसिस (erithrocytosis) कहा जाता है। high rbc count पोलीसाईथिमिया (Polycythemia), Hemoconcentration, Chronic heart disease, Emphysema आदि में देखा जा सकता है।
  1. इसी प्रकार यदि किसी की लाल रक्त कोशिकाओ में कमी (rbc count low) होती है तो उसे एनीमिया (Anemia) कहा जाता है। एनीमिया भी कई प्रकार के और कई कारणों से हो सकते है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।
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