HbA1C टेस्ट in hindi
क्या आपको मधुमेह (diabetes) से खतरा है?
क्या आपका ब्लड शुगर (blood sugar) लेवल (ज्यादा ही अस्थिर (Fluctuate) रह रहा है?
क्या आप बार-बार ग्लूकोमीटर (glucometer) से शुगर की जांच करवा कर परेशान हो रहे हैं?
तो अब परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि केवल एक टेस्ट से आप इन सभी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं और इस टेस्ट का नाम है- HbA1C टेस्ट
HbA1c को ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (glycated hemoglobin) या ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (glycosylated hemoglobin) कहा जाता हैं। HbA1c टेस्ट एक सामान्य रक्त परीक्षण (blood test) हैं, जिससे आप पिछले 3 महीनों की आपके औसत ब्लड शुगर लेवल जान सकते हैं और रोजाना शुगर टेस्ट (sugar test) करवाने के झंझट से मुक्ति पा सकते हैं।
यह प्रीडायबिटीज और डायबिटीज (diabetes) का निदान करने के लिए आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले परीक्षणों में से एक है।
HbA1C टेस्ट क्या मापता है?
जब एक व्यक्ति के ब्लड में शुगर ऐड होती हैं तो इसका कुछ भाग लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) से भी attached हो जाता हैं। वयस्कों में मुख्य रूप से हीमोग्लोबिन ए (HbA) पाया जाता है जिसके कई सब प्रकार होते है जैसे-HbA1a
HbA1b
HbA1c
इनमें से HbA1c वह हीमोग्लोबिन है जिसमें शुगर जुड़ता है, जिन लोगों में ब्लड शुगर (blood sugar) का स्तर उच्च होता है उनमें HbA1c का स्तर भी बढ़ जाता है। HbA1C परीक्षण आपके लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) में इस हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को मापता है जिनमें शुगर-लेपित हीमोग्लोबिन होता है। कई बार इसकी रिपोर्ट में आप इन तीनों का स्तर भी देखने को मिल सकता है।
HbA1C टेस्ट किसे और कब करवाना चाहिए?
1. यदि आप 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं।2. यदि आप 45 वर्ष से कम उम्र के हैं लेकिन वजन बहुत अधिक हैं।
3. परिवार में किसी को डायबिटीज यानी मधुमेह है।
4. ग्लूकोमीटर से रैंडम ब्लड शुगर या ब्लड शुगर जांच में आपकी ब्लड शुगर सामान्य से अधिक है किंतु डायबिटीज की श्रेणी में नहीं आती है।
5. बार बार ब्लड शुगर कराने पर आपकी ब्लड शुगर का मान स्थिर नहीं आती है।
6. आप बार-बार ब्लड शुगर करवा कर परेशान हो गए हैं।
7. आप में कोई डायबिटीज के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
8. यदि किसी महिला को गर्भावधि के दौरान मधुमेह हुआ हो।
Hba1c की नॉर्मल रेंज (Hba1c normal range)
एक सामान्य व्यक्ति या नॉन डायबिटिक व्यक्ति का HbA1c लेवल 5.7 % से कम होना नॉर्मल माना जाता है। इस स्तर तक यदि आपका HbA1c का स्तर है तो आपका ब्लड शुगर का लेवल नॉर्मल है और आपको डायबिटीज का खतरा नहीं है।यदि आपका HbA1c लेवल 5.7 % से 6.4 % के बीच है तो यह लेवल डायबिटीज की श्रेणी में नहीं आता है लेकिन भविष्य में डायबिटीज का ख़तरा हो सकता है/डायबटीज के शिकार हो सकते हैं। इसलिए आप अपनी आदतों और खान-पान में परिवर्तन कर सकते है, जिससे आप डायबिटीज से बच सकते हैं या भविष्य होने वाली डायबिटीज को थोड़े समय के लिए आगे के लिए टाल सकते हैं। और इस समय HbA1c टेस्ट को साल में 1-2 बार दोहराकर इस स्तर को जांचते रहे।
यदि HbA1c का स्तर 6.5% से भी अधिक है तो यह डायबिटिज को बताता है/ हाई ब्लड शुगर लेवल को बताता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है किंतु HbA1c का लेवल नॉर्मल है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसका डायबिटीज ठीक हो गया है बल्कि उसका शुगर लेवल कन्ट्रोल में हैं/डायबिटीज कंट्रोल में है।
यदि आपको मधुमेह (diabetes) है तो हर तीन महीने बाद इसे दोहराकर इसका लेवल से डॉक्टर को अवगत कराएं।
यदि आपको डायबिटीज के लक्षण नहीं हैं, लेकिन आपका HbA1c टेस्ट का रिजल्ट से पता चलता है कि आप प्रीडायबिटीज या मधुमेह की श्रेणी में आते हैं तो टेस्ट को किसी अन्य दिन या अन्य लैब में दोहरा सकते हैं।
यदि आपको डायबिटीज के लक्षण नहीं हैं, लेकिन आपका HbA1c टेस्ट का रिजल्ट से पता चलता है कि आप प्रीडायबिटीज या मधुमेह की श्रेणी में आते हैं तो टेस्ट को किसी अन्य दिन या अन्य लैब में दोहरा सकते हैं।
Normal |
below 5.7% |
Prediabetic |
5.7% to 6.4% |
Diabetic |
6.5% or above |
HbA1c लेवल और ब्लड शुगर लेवल
आप जानते है कि HbA1c लेवल से 3 महीने की औसत ब्लड शुगर जान सकते है। और यह भी जानते है कि HbA1c का लगभग 6% का स्तर नॉर्मल माना जाता हैं तब व्यक्ति का शुगर लेवल भी नॉर्मल रहता हैं।
यदि किसी का HbA1c स्तर 7 है तो उसका औसत ब्लड शुगर स्तर 154 mg/dl तक होता हैं। यदि HbA1c स्तर 8 है तो उसका औसत ब्लड शुगर स्तर 183 mg/dl तक होता हैं। और अधिक जानकारी आप नीचे दी गई टेबल से प्राप्त कर सकते हैं।
HbA1c
Levels |
Blood Sugar Levels |
4% |
68
mg/dl |
5% |
97 mg/dl |
6% |
125
mg/dl |
7% |
154 mg/dl |
8% |
183
mg/dl |
9% |
212 mg/dl |
10% |
240
mg/dl |
HbA1c टेस्ट को प्रभावित करने वाले कारक
कई कारक आपके HbA1C परिणाम को गलत तरीके से बढ़ा या घटा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं।- गंभीर एनीमिया (severe anemia)
- गुर्दे की बीमारी (kidney disease)
- लीवर की बीमारी (liver disease)
- हिमोग्लोबिनोपैथी (जैसे-सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया)
- कुछ दवाएं
- रक्त की कमी या रक्त आधान (blood transfusion)
- प्रारंभिक या देर से गर्भावस्था
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