प्रयोगशाला या लैबोरेट्री (Laboratory) में मरीजो की विभिन्न प्रकार की जांच जिसमें खून की जांच, मल-मुत्र जाँच, वीर्य जाँच , सीएसएफ, बॉयोप्सी और विभिन्न प्रकार के शारीरिक द्रव्यों की जांच की जाती है। लेकिन केवल लेबोरेट्री (Laboratory) शब्द का इस्तेमाल ही काफी नहीं होगा क्योंकि लैबोरेट्री में भी कई उपविभाग यानी सब डिवीजन होते हैं जिसकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
इसलिए इस लेख में हम लैबोरेट्री (Laboratory) के ही अंतर्गत आने वाले अन्य कई विभाग और उसके कई उपविभाग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करेगें। जैसे माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री आदि।
तो आइए जानते हैं की लैबोरेट्री में कौन-कौन से विभाग होते हैं और उस संबंधित विभाग में कौन-कौन सी जांच की जाती है?
तो आइए जानते हैं की लैबोरेट्री में कौन-कौन से विभाग होते हैं और उस संबंधित विभाग में कौन-कौन सी जांच की जाती है?
फ्लेबोटोमी (Phlebotomy)
फ्लेबोटोमी विभाग को ब्लड कलेक्शन सेंटर भी कहा जाता हैं। सैंपल संग्रहण केंद्र पर मरीजों के विभिन्न प्रकार के सैंपल का संग्रह किया जाता है उसके बाद उसे संबंधित लैब में भेजा जाता है।ब्लड सेपल संग्रहण को फ्लेबोटोमी (phlebotomy) ही कहा जाता है और सैंपल संग्रहकर्ता को फ्लेबोटोमिस्ट (phlebotomist) कहा जाता है। फ्लेबोटोमिस्ट कोई भी व्यक्ति हो सकता है डॉक्टर, नर्स या लैब टेक्नीशियन लेकिन अधिकतर लैब टेक्नीशियन द्वारा ही फ्लेबोटोमी का कार्य किया जाता हैं।
पैथोलॉजी (pathology)
पैथोलॉजी विभाग एक कॉमन विभाग हो सकता है अथवा अन्य कई उपविभागों में बटा हुआ हो सकता है। यहाँ पर इंचार्ज को पैथोलोजिस्ट (pathologist) कहा जाता हैं। यदि यह एक कॉमन विभाग होता है तो सीबीसी, ईएसआर, लीवर, किडनी, हार्ट आदि की जांचे जैसे RFT, LFT बॉयोप्सी जैसी जाँचे सब एक ही स्थान पर होती हैं।हिमेटोलॉजी (hematology)
हिमेटोलॉजी विभाग मुख्य रूप से ब्लड का विभाग होता है जहा पर सीबीसी, ईएसआर, पीबीएफ, मलेरिया टेस्ट, डेंगू, ब्लड ग्रुप, डी-डायमर, hba1c और कॉगुलेशन से संबंधित जांच जैसे ब्लीडिंग टाइम (बीटी) क्लोटिंग टाइम (सीटी) आदि की जाती है। यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर को हिमेटोलोजिस्ट कहा जाता है।बायोकेमिस्ट्री (biochemistry)
बायोकेमिस्ट्री में मुख्य रूप से बायो केमिकल टेस्ट किए जाते हैं जिसमें यूरिया (urea), क्रिएटिनिन (creatinine) पीलिया की जांच (bilirubin test) कैल्शियम, कोलेस्ट्रोल, RFT, , लिपिड, इलेक्ट्रोलाइट, एलएफटी (LFT), ट्रोपोनिन टेस्ट आदि की जांच की जाती है। यहां पर फुली ऑटोमेटिक या सेमी ऑटोमेटिक एनालाइजर होते हैं जिसके माध्यम से टेस्ट परफॉर्म किये जाते हैं।माइक्रोबायोलॉजी (microbiology)
माइक्रोबायोलॉजी मुख्य रूप से बैक्टीरिया कल्चर और सेंसटिविटी टेस्ट (culture and sensitivity test) के लिए जाना जाता है। इसमें दिए गए सैंपल में बैक्टीरिया को ढूंढना होता है और उस बैक्टरिया के लिए उपयुक्त एंटीबायोटिक भी सजेस्ट की जाती है। इसके साथ साथ कुछ रेपिड एंटीजन टेस्ट (rapid antigen test) भी किये जाते हैं।वायरोलॉजी (virology)
वायरोलॉजी लैब मुख्य रूप से माइक्रोबायोलॉजी विभाग का ही पार्ट होता है किंतु जहां पर बड़े हॉस्पिटल होते हैं वहां पर इस विभाग को माइक्रोबायोलॉजी विभाग से अलग रखा जाता है यहां पर वायरस से संबंधित टेस्ट जैसे rtpcr हेपेटाइटिस, hiv जैसे टेस्ट किये जाते हैं।हिस्टोपैथोलॉजी (histopathology)
हिस्टोपैथोलॉजी में ऑपरेशन के द्वारा निकाले गए कोई अंग या टिश्यू की जांच की जाती है जैसे बायोप्सी आदि। हिस्टोपैथोलॉजी की जांच के लिए एक लंबा प्रोसीजर होता है और रिपोर्ट के लिए भी अधिक समय का इंतजार करना पड़ता है।साइटोलॉजी (cytology)
साइटोलॉजी मुख्य रूप से हिस्टोपैथोलॉजी का ही पार्ट होता है किंतु बड़ी जगह पर इसको पैथोलॉजी विभाग से अलग रखा जाता है। यहां पर मुख्य रूप से मैलिग्नेंट सेल्स का अध्ययन किया जाता है। इसमें एफएनएसी टेस्ट, पेप स्मीयर टेस्ट आदि जांचे की जाती हैं।एंडोक्राइन (Endocrinology)
एंडोक्राइन विभाग में मुख्य रूप से हार्मोन टेस्ट किए जाते हैं जिसमें थायराइड, एलएच, एफएसएच, एच सी जी, प्रोलेक्टिन जैसे टेस्ट की जाते हैं। यह टेस्ट अधिकतर स्वचालित मशीनों द्वारा संचालित किए जाते हैं।इम्यूनोलॉजी (immunology)
लैब की इम्यूनोलॉजी विभाग में सिरम से संबंधित एंटीजन एंटीबॉडी रिएक्शन पर आधारित टेस्ट किए जाते हैं जिसमें एलिजा टेस्ट प्रमुख है। इसके अलावा अन्य कई रैपिड कार्ड पर आधारित टेस्ट भी किए जाते हैं।ब्लड बैंक (blood Bank)
ब्लड बैंक भी लैब से संबंधित बड़ा विभाग होता है जहाँ पर लैब टेक्नीशियन ही काम करते हैं जिन्हें ब्लड बैंक टेक्नीशियन का जाता हैं।हॉस्पिटल के रोगियों को ब्लड और ब्लड कॉम्पोनेन्ट की जरूरत पड़ने पर सेफ ट्रांसफ्यूजन के लिए ब्लड बैंक विभाग होता हैं। यहां पर सभी प्रकार के ब्लड ग्रुप के ब्लड की पर्याप्त मात्रा रखी जाती है इसके अलावा उसेसे संबंधित विभिन्न प्रकार के टेस्ट जैसे ब्लड ग्रुप, क्रॉस मैच, एचआईवी, हेपेटाइटिस आदि जांच की जाती है और व्यक्ति से ब्लड लिया जाता है और व्यक्ति को ट्रांसफ्यूज किया जाता है।
रेडियोलोजी विभाग (Radiology)
रेडियोलोजी विभाग में विभिन्न प्रकार की एक्स-रे किया जाता है। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सीटी स्कैन, एमआरआई आदि की जांचें रेडियोलॉजी विभाग के अंतर्गत किए जाते हैं।मोटे तौर पर लैब इन विभागों में बटी रहती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि हर हॉस्पिटल में ये सभी विभाग हो। टेस्ट और स्टाफ की आवश्यकता अनुसार इन्हें अन्य विभाग के साथ समायोजित कर लिया जाता हैं। इसके अलावा अस्पताल में रेडियोलोजी विभाग (Radiology) विभाग होता है जो कि जांच के अंतर्गत ही आता है। बड़ी जगह पर यह विभाग अलग से होता है लेकिन छोटी जगह में यह लैब के साथ ही देखा जाता है।
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