रविवार, जुलाई 10

कोर्टिसोल (cortisol) क्या है? कोर्टिसोल के कार्य, उच्च और निम्न स्तर के कारण, लक्षण और जाँच

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कोर्टिसोल (cortisol)

कोर्टिसोल क्या है? (what is cortisol)

कोर्टिसोल (cortisol) एक आवश्यक हार्मोन (hormone) है जो हमारे शरीर के लगभग हर अंग और ऊतक को प्रभावित करता है। हार्मोन (hormone) ऐसे रसायन होते हैं, जो हमारे रक्त के माध्यम से आपके अंगों, त्वचा, मांसपेशियों और अन्य ऊतकों तक संदेश पहुंचाकर आपके शरीर में विभिन्न कार्यों का समन्वय करते हैं। ये संकेत हमारे शरीर को बताते हैं कि कब क्या करना है?

कोर्टिसोल अर्थ (cortisol meaning)

कोर्टिसोल (cortisol) एक ग्लूकोकार्टिकोइड्स हार्मोन (Glucocorticoids hormone) है, जो एक प्रकार का स्टेरॉयड हार्मोन है जिसे एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) द्वारा बनाया जाता हैं और छोड़ा जाता हैं। एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) जिन्हें सुप्रारीनल ग्रंथियां (suprarenal glands) भी कहा जाता है, किडनी के शीर्ष पर त्रिभुजाकार अंतःस्रावी ग्रंथियां के रूप में पाई जाती हैं।
कोर्टिसोल (cortisol)

हमारे शरीर के लगभग सभी ऊतकों में ग्लूकोकार्टिकोइड्स रिसेप्टर्स होते हैं। इस वजह से कोर्टिसोल आपके शरीर में लगभग हर अंग, प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

हमारे शरीर में कोर्टिसोल (cortisol) के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक विस्तृत प्रणाली है। हमारे शरीर में कोर्टिसोल के सर्वोत्तम स्तर के लिए हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी ग्रंथि और एड्रेनल ग्रंथियां सभी को ठीक से काम करना होता हैं। इस कार्य के लिए लिए हाइपोथैलेमस हार्मोनल रेगुलेशन में शामिल है और पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary glands), एड्रेनल ग्रंथियों में कोर्टिसोल (cortisol) के उत्पादन को नियंत्रित करती है।

जब रक्त में कोर्टिसोल (cortisol) का स्तर कम हो जाता है तो हाइपोथैलेमस कॉर्टिकोट्रोपिन-रिलीज़िंग हार्मोन (CRH) जारी करता है, जो आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary glands) को एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (ACTH) का उत्पादन करने के लिए निर्देश देता है, तब ACTH एड्रेनल ग्रंथियों को कोर्टिसोल (cortisol) को बनाने और रिलीज करने के लिए उत्तेजित करता है।


कोर्टिसोल हार्मोन के कार्य (cortisol function/cortisol hormone function)

कोर्टिसोल (cortisol) हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाता है। जैसे -

1. शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को विनियमित करना (Regulating body’s stress response)

कोर्टिसोल (cortisol) शरीर के कई पहलुओं को प्रभावित करता है और मुख्य रूप से तनाव के प्रति हमारे शरीर की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हमारे शरीर का मुख्य तनाव हार्मोन है। यह आपके मूड, प्रेरणा और डर (mood, motivation & fear) को नियंत्रित करने के लिए हमारे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के साथ काम करता है। 
तनाव के समय शरीर अपने एड्रेनालाईन को छोड़ने के बाद कोर्टिसोल (cortisol) जारी करता है जिससे आप हाई अलर्ट पर बने रहते हैं। इसके अलावा कोर्टिसोल (cortisol) तनाव के समय में तेज ऊर्जा के लिए आपके लीवर से ग्लूकोज के रिलीज़ को ट्रिगर करता है ताकि आप तनाव को संभाल सकें और बाद में संतुलन बहाल कर सकें।

2. अलार्म प्रणाली के रूप में (Helping control your sleep-wake cycle)

कोर्टिसोल (cortisol) को प्रकृति की अंतर्निहित अलार्म प्रणाली के रूप में जाना जाता हैं। यह हमारे सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।

3. मेटाबॉलिज्म के नियंत्रण में (Helping in controlling metabolism)

कोर्टिसोल (cortisol) शरीर में वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। कोर्टिसोल यह तय करता हैं कि आपका शरीर कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन का उपयोग कैसे करता है अर्थात आपकी मांसपेशियों, वसा, यकृत और हड्डियों में मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं।

4. इन्फ्लेमेशन के दमन में (Suppressing inflammation)

कोर्टिसोल (cortisol) इन्फ्लेमेशन (inflammation) को कम करता है और आपके सभी शारीरिक ऊतकों में इन्फ्लेमेशन को दबाते हैं और दमन करता हैं।


5. रक्त शर्करा के रेगुलेशन में (Regulating blood sugar)

कोर्टिसोल (cortisol) रक्त शर्करा (blood sugar) को रेगुलेट करता हैं और कमी होने पर ब्लड ग्लूकोज़ को शरीर में बढ़ाता है।

6. रक्तचाप के रेगुलेशन में (Regulating blood pressure)

कोर्टिसोल (cortisol) रक्तचाप (blood pressure) को रेगुलेट करके रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

7. होमियोस्टेसिस (homeostasis)

आपका शरीर होमियोस्टेसिस को बनाए रखने के लिए आपके कोर्टिसोल के स्तर की लगातार निगरानी करता है। सामान्य से अधिक या सामान्य से कम कोर्टिसोल का स्तर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।



कोर्टिसोल में कमी (low cortisol)

शरीर में कोर्टिसोल (cortisol) की कमी होने पर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो सकते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। जैसे-
  • चिंता और अवसाद
  • सिर दर्द
  • नींद न आना
  • भार बढ़ना
  • दिल की बीमारी
  • स्मृति और एकाग्रता की समस्याएं
  • पाचन की समस्या
यदि आपका शरीर इस हार्मोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं करता है तो इसे एडिसन की बीमारी (adison disease) कहते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर समय के साथ प्रकट होते हैं।

कम कोर्टिसोल लक्षण (low cortisol symptoms)

  • त्वचा में परिवर्तन (जैसे त्वचा पर निशान और त्वचा की परतों में काला पड़ना)
  • हर समय थकान बने रहना
  • मांसपेशियों की कमजोरी का बढ़ना
  • दस्त, मतली, और उल्टी
  • भूख और वजन में कमी
  • कम रक्त दबाव
  • अनियमित ब्लड शुगर लेवल

कोर्टिसोल के निम्न स्तर के क्या कारण है? (low Cortisol causes)

सामान्य से कम कोर्टिसोल स्तर को मेडिकल भाषा में हाइपोकोर्टिसोलिज्म (hypocortisolism) कहा जाता है। 
सामान्य से कम कोर्टिसोल स्तर यानि हाइपोकोर्टिसोलिज्म होने को एड्रेनल अपर्याप्तता (adrenal insufficiency) माना जाता है। 
एड्रेनल अपर्याप्तता (adrenal insufficiency) दो प्रकार की होती है।
प्राथमिक (primary) और 
द्वितीयक (secondary)

प्राथमिक अधिवृक्क अपर्याप्तता (primary adrenal insufficiency)
प्राथमिक एड्रेनल अपर्याप्तता आमतौर पर एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के कारण होती है जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बिना किसी ज्ञात कारण के आपके एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) में स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। इसे एडिसन रोग (addison disease) कहते हैं। आपकी एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) भी संक्रमण या रक्त के नुकसान से ऊतकों (एड्रेनल रक्तस्राव) से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। ये सभी स्थितियां कोर्टिसोल उत्पादन को सीमित करती हैं।

द्वितीयक अधिवृक्क अपर्याप्तता (secondary adrenal insufficiency)
यदि आपको हाइपोपिट्यूटारिज्म या एक पिट्यूटरी ग्रंथियों में ट्यूमर है, तो यह ACTH उत्पादन को सीमित कर सकता है। ACTH आपके एड्रेनल ग्रंथियां को कोर्टिसोल बनाने के लिए संकेत देता है, इसलिए सीमित ACTH परिणाम सीमित कोर्टिसोल उत्पादन में होता है।
यदि आप लंबे समय से कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का सेवन कर रहे हैं और उपचार के बाद उन्हें बहुत जल्दी लेना बंद कर देते हैं तो आपके पास सामान्य से कम कोर्टिसोल का स्तर भी हो सकता है।

अर्थात कोर्टिसोल का घटा हुआ स्तर एडिसन रोग और पिट्यूटरी रोग को इंगित करता हैं। यदि शरीर पर्याप्त कोर्टिसोल नहीं बना रहा है, तो डॉक्टर डेक्सामेथासोन, हाइड्रोकार्टिसोन या प्रेडनिसोन जैसी स्टिरॉयड दवाएं खाने की सलाह देते हैं।


कोर्टिसोल का उच्च स्तर (high cortisol)

कोर्टिसोल के उच्च स्तर का क्या कारण है? (high cortisol causes)

कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर निम्नलिखित परिस्थितियों में देखा जाता हैं।  

1. कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome)

लंबे समय तक असामान्य रूप से कोर्टिसोल का उच्च स्तर (हाइपरकोर्टिसोलिज्म) का अनुभव करना आमतौर पर कुशिंग सिंड्रोम माना जाता है।
इससे तेजी से वजन बढ़ना, त्वचा पर आसानी से चोट लगना, मांसपेशियों में कमजोरी, मधुमेह और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

2. ट्यूमर (tumer) 

बहुत ज्यादा कोर्टिसोल आपके एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) में नोड्यूल या मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर शरीर को बहुत अधिक कोर्टिसोल बनाने के लिए ट्रिगर कर सकता है। ट्यूमर जो एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (एसीटीएच) उत्पन्न करते हैं, पिट्यूटरी ग्रंथि में पाए जाते हैं।
कभी कभार शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कि फेफड़े में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हाई कोर्टिसोल स्तर का कारण बन सकते हैं।

3. हाइपरप्लासिया (hyperplasia)

एड्रेनल ग्रंथि ट्यूमर या एड्रेनल ऊतक (हाइपरप्लासिया) की अत्यधिक वृद्धि, जो कोर्टिसोल के अतिरिक्त उत्पादन का कारण बनती है।

4. कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं

अन्य स्थितियों के उपचार के लिए बड़ी मात्रा में कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं, जैसे कि प्रेडनिसोन, प्रेडनिसोलोन या डेक्सामेथासोन लेना।

5. अन्य कारण 

एक्टोपिक एसीटीएच सिंड्रोम (Ectopic ACTH syndrome), एक्टोपिक सीआरएच सिंड्रोम (Ectopic CRH syndrome), एड्रेनल एडेनोमा/कार्सिनोमा (Adrenal adenoma / carcinoma), एड्रेनल माइक्रोनोडुलर डिस्प्लेसिया (Adrenal micronodular dysplasia), एड्रेनल मैक्रोनोडुलर (Adrenal macronodular)


उच्च कोर्टिसोल के स्तर के लक्षण (high cortosol symptoms)

  • वजन बढ़ना (खासकर आपके चेहरे और पेट में)
  • ऊपरी बाहों और जांघों में मांसपेशियों में कमजोरी।
  • कंधे के ब्लेड के बीच फैटी जमाव, पेट पर चौड़े, बैंगनी रंग के खिंचाव के निशान
  • हिर्सुटिज़्म (Hirsutism) - महिलाओं में अत्यधिक बाल उगना
  • उच्च रक्त शर्करा, जो अक्सर टाइप 2 मधुमेह (diabetes) में बदल जाता है।
  • उच्च रक्तचाप (high blood pressure)
  • ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) - कमजोर हड्डियां और फ्रैक्चर की अधिक संभावना

सीरम कोर्टिसोल टेस्ट (serum cortisol test)

सीरम कोर्टिसोल टेस्ट (serum cortisol test ) के लिए 2 से 3 ml रक्त (blood) लिया जाता हैं और लेबोरेट्री में टेस्ट किया जाता हैं। टेस्ट के लिए विशेष ध्यान देने योग्य बात होती हैं- सैंपल कलेक्शन का समय। जिस समय ब्लड लिया जाता हैं, समय को अंकित किया जाता हैं और इसका जिक्र लैब रिपोर्ट में भी किया जाता हैं।


कोर्टिसोल की नॉर्मल रेंज (cortisol levels या Cortisol normal range)

आपके रक्त, मूत्र और लार में कोर्टिसोल का स्तर सामान्य रूप से सुबह के समय चरम पर होता है और दिन में गिरावट आती है, जो आधी रात के आसपास अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच जाता है। यदि आप रात में काम करते हैं और दिन के अलग-अलग समय पर सोते हैं तो यह पैटर्न बदल सकता है।

एड्रेनल अपर्याप्तता (adrenal insufficiency) के लिए मूल्यांकन करते समय सुबह में कोर्टिसोल को सबसे अच्छा मापा जाता है और सामान्य और कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome) में अंतर करने के लिए दोपहर या शाम के समय को सबसे अच्छा मापा जाता है।
सामान्य रेंज (normal range) प्रयोगशाला से प्रयोगशाला, समय-समय पर और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती हैं। कोर्टिसोल का अधिक स्तर hypercortisolism कहलाता है और कोर्टिसोल का कम स्तर hypocortisolism कहलाता है।


Morning serum (7-9 AM) : 4.30 - 22.40 ug/dl 
Evening serum (3-5 PM) : 3.09 - 16.66 ug/dl






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