गुरुवार, जुलाई 13

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट इन हिंदी (lipid profile test in hindi)

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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट इन हिंदी के लेख को पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे कि
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या होता है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्यों किया जाता है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कितने में होता है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कब करना चाहिए?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से क्या पता चलता है?
क्या लिपिड प्रोफाइल टेस्ट खाली पेट होता है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट प्राइस कितनी है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नॉर्मल रेंज क्या है?

                            lipid profile test

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (lipid profile test)

लोग पहले की तुलना में सेहत को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। इसके लिए व्यक्ति न केवल डॉक्टरी सलाह को गंभीरता से लेते हैं बल्कि कुछ लोग तो बिना डॉक्टरी सलाह के ही खुद की लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) की जांच करवा लेते हैं। लेकिन जब जांच के लिए रक्त का सैंपल देते हैं तो उन्हें पता नहीं होता है कि सैंपल देने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। कोविड के बाद हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर की समस्या के बाद लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं तो आइए जानते हैं लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के बारे में-

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है? (what is lipid profile test)

लिपिड फैट जैसा पदार्थ है, जो शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत है। यह ब्लड व टिश्यूज में जमा होता है और आवश्यकता के अनुसार इसका उपयोग शरीर में ऊर्जा के लिए होता हैं। यह हमारे शरीर की सही कार्य प्रणाली के लिए बेहद जरूरी भी होता है। लेकिन जब इसकी मात्रा आवश्यकता से अधिक होने के कारण शरीर इसका उपयोग नहीं कर पाता है तो यह शरीर के लिए घातक साबित होता हैं। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) में इसी फैट की मात्रा का पता लगाया जाता हैं। हालांकि लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) करवाने की कोई उम्र नहीं होती हैं लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद इसका टेस्ट जरूरी हो जाता हैं।

रुटीन टेस्ट क्यों जरूरी है?

40 वर्ष की उम्र के बाद शरीर में नए सेल्स कम संख्या में बनते हैं जिससे कुछ बीमारियां जैसे शुगर, ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ती है। वहीं महिलाओं में मेनोपॉज का समय होता है। इससे उनके शरीर में हार्मोन के कई बदलाव होते हैं। इसलिए डॉक्टर रुटीन टेस्ट की सलाह देते हैं।
  • गंभीर और जानलेवा बीमारियों का जल्दी पता लग जाता है।
  • बीमारी के गंभीर होने का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
  • बीमारी का जल्द पता लगने पर इलाज और उपचार में मदद मिलती है।
  • मौजूदा स्थितियों की बारीकी से निगरानी कर जटिलताओं के जोखिम को सीमित किया जा सकता है।
  • महंगी चिकित्सा सेवाओं से बचकर स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम किया जा सकता है।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किसे करवाना चाहिए?

40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के अलावा लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के लिए कुछ हाई रिस्क गुप हैं जिन्हें लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की आवश्यकता होती हैं जैसे जिनकी फैमिली हिस्ट्री, वजन ज्यादा है, अल्कोहल -सिगरेट की आदत, खराब जीवनशैली, बीपी, शुगर या किडनी रोगी हैं तो 30 की उम्र से ही जांच करवानी चाहिए।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से क्या पता चलता है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglyceride) की मात्रा चेक करने के लिए होती है। इसमें पता चलता है कि खून में कितना फैट यानी वसा है। वसा में मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स होता है। ये फैट कोशिकाओं की हैल्थ के लिए जरूरी है। खराब कोलेस्ट्रॉल खून की धमनियों को ब्लॉक करता हैं और उसमें जमाव का कारण बनता है। इससे हृदय की क्षमता घटती है। हार्ट से संबंधित बीमारियों की आशंका बढ़ती है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) से इसकी पहले ही पहचान हो जाती है।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में क्या जांच होती है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में निम्नलिखित टेस्ट शामिल हैं।
  1. टोटल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol)
  2. टोटल लिपिड (Total Lipid)
  3. ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides)
  4. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol)
  5. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (HDL cholesterol)
  6. वीएलडीएल लेवल (VLDL cholesterol)
  7. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और टोटल कोलेस्ट्रॉल के बीच का अनुपात (Cholesterol/HDL ratio)
  8. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के बीच का अनुपात (LDL/HDL ratio)

क्या लिपिड प्रोफाइल टेस्ट खाली पेट होता है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid p rofile test) 12 घंटे खाली पेट के बाद ही कराएं नहीं तो रिपोर्ट सही नहीं आएगी। खाना खाने के बाद टेस्ट से लिपिड जैसे ट्राइग्लिसराइड्स आदि गड़बड़ आ सकता है। टेस्ट से पहले चाय-कॉफी आदि बिल्कुल ही न लें। एक दिन पहले रात में किसी प्रकार का नशा या हैवी डाइट न लें। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) से लगभग 12 घंटे पहले कुछ न खाएं यानी खाली पेट ही टेस्ट कराएं। यदि आवश्यक हो तो पानी पी सकते हैं। यदि आप पहले से कोई दवाई ले रहे हैं तो डॉक्टर को इसके बारे में जरूर पूछें कि अमुख दवाई लेनी चाहिए या नहीं। इन बातों का ध्यान रखने पर आपकी लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) की रिपोर्ट सही मिलेगी।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट मीन्स (lipid profile test means)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile test) में मुख्य रूप से टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स का महत्व होता है। अन्य जांचें इन्हें सपोर्ट करती हैं। 

1. कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)

उपयोगिता के आधार पर कोलेस्ट्रॉल को दो तरह से जाना जाता हैं। 
गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol)
यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। यह खून की धमनियों में जमे पदार्थों की सफाई करता है। इसकी अधिक मात्रा सेहत के लिए अच्छी होती है। गुड कोलेस्ट्रॉल में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को शामिल किया जाता हैं।
बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol)
हृदय रोगों के पीछे इसी कोलेस्ट्रॉल की भूमिका होती है क्योंकि यह खून की धमनियों को गंदा करता है। ब्लॉक करता है। इसकी जितनी मात्रा कम है, सेहत के लिए अच्छा है। बेड कोलेस्ट्रॉल में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को शामिल किया जाता हैं।
टोटल कोलेस्ट्रॉल (total cholesterol)
टोटल कोलेस्ट्रॉल इसमें कुल कोलेस्ट्रॉल की गणना होती है यानी एचडीएल + एलडीएल + 20 प्रतिशत ट्राइग्लिसराइड्स।

2. ट्राइग्लिसराइड्स (Triglyceride)

ट्राइग्लिसराइड्स इसकी थोड़ी मात्रा जरूरी है लेकिन ज्यादा मात्रा धमनियों की दीवार को कठोर करती है। इससे धमनियों में कड़ापन होता है। इसकी अधिकता से हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ती है।

3. नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (Non HDL Cholesterol)

गुड कोलेस्ट्रॉल को छोड़कर जितने भी कोलेस्ट्रॉल होते हैं उसे नॉन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। यानि
टोटल कोलेस्ट्रॉल - एचडीएल = नॉन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल है।

4. वीएलडीएल 

यह भी एक प्रकार बैड कोलेस्ट्रॉल है। ये प्लैक बनाता है और ट्राइग्लिसराइड्स को भी साथ रखता है। इससे भी हृदय रोगों का जोखिम बढ़ता है।

5. एलडीएल

एलडीएल भी एक प्रकार बैड कोलेस्ट्रॉल है। वीएलडीएल के मुकाबले यह कम खतरनाक है।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नार्मल रेंज (Lipid profile test normal range)


कोलेस्ट्रॉल

नॉन-एचडीएल

एलडीएल


एचडीएल


ट्राईग्लिसराइड्स

नॉर्मल

150 से नीचे

130 से नीचे

100 से नीचे

40  से ज्यादा

150 से नीचे

बॉर्डरलाइन

200-240


130-200


100-130

40-60


150-200


खतरनाक स्तर

240 से ज्यादा


200 से ज्यादा


130 से ज्यादा


40 से नीचे


200-400


नोट : उपरोक्त सभी वैल्यू mg/dl में हैं। यह नॉर्मल वैल्यू एक वयस्क व्यक्ति (18 वर्ष से अधिक) की है।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट प्राइस (lipid profile test price) 

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid p rofile test) की कीमत लैब दर लैब अलग-अलग होती है. लेकिन सामान्य तौर पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट प्राइस इन इंडिया 300 रूपये से लेकर 700 रूपये तक हो सकती है।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट रिपोर्ट (sample report)

lipid profile test i hindi

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट रिपोर्ट दिखाना क्यों जरूरी हैं?

डॉक्टर को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid p rofile test) रिपोर्ट दिखाने से न केवल सही जानकारी मिलती है बल्कि खुद को भी भरोसा होता है। आगे की रणनीति का भी पता चलता है और हार्ट डिजीज के ऐहतियातन कुछ दवाई भी शुरू की जा सकती हैं।

लिपिड प्रोफाइल बढ़ा है तो उसके क्या मायने हैं?

  • जिसका लिपिड प्रोफाइल बढ़ा हुआ है तो उसको हार्ट अटैक की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है। 
  • बैड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में जमा होने से ब्लॉकेज की आशंका रहती है।
  • ब्लड फ्लो में रुकावट से दिल, दिमाग, किडनी और शरीर के निचले हिस्सों पर भी असर पड़ता है।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल आंखों की नसों को भी प्रभावित करता है। पलकों पर फैट जमने लगती है।
                 

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